#LucknowNagarNigam में नहीं थम रहा डीजल चोरी का खेल !! 75 लाख के डीजल घोटाले की जांच अधर में !!

हरकतों से नहीं बाज आ रहे नगर निगम के ज़िम्मेदार। कैमरे में फिर कैद हुआ डीजल चोरी का खेल।

बीते 5 अप्रैल को एक समाचार पत्र में प्रकाशित की गयी थी खबर, कुछ दिन छाई खामोशी फिर चालू लूट।

लखनऊ नगर निगम ने डीजल चोरी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 5 अप्रैल को डीजल चोरी की खबर को प्रमुखता से एक अखबार में प्रकाशित किया गया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार सिंह ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा किया था। लेकिन महज 25 दिन गुजरने के बाद एक बार फिर जनता के पैसे की लूट चालू हो गई।

बता दें कि इस बार नगर निगम से चोरी का डीजल खरीदने वाला मीडिया के कैमरे में पूरी तरह कैद हो गया। कैसरबाग थाना क्षेत्र के बाला कदर मार्ग पर स्थित नगर निगम जोन 1 के कार्यालय के सामने डीजल चोरी का खेल पिछली बार की तरह फिर से चल रहा था। लेकिन इस बार पूरा खेल कैमरे में कैद हो गया। चोरी के सरकारी डीजल को खरीदने वाला खरीदार अचानक मीडिया कर्मियों को सामने देख हड़बड़ा गया और खुद ही कैमरे पर 100 लीटर डीजल ले जाने की बात कबूल ली।

बता दें कि चोरी का डीजल खरीदने वाला खरीदार किसी राय साहब से बात होने की बात बता रहा है। जनता के पैसों की लूट के इस खेल में कौन-कौन शामिल है यह बहुत बडा जांच का विषय है? क्योंकि सिर्फ खरीदार और ड्राइवरों पर मुकदमा दर्ज कर, हमेशा जांच में बड़े मगरमच्छ को बचा लिया जाता है। विदित हो कि पिछले वर्षों हुई 75 लाख के डीजल घोटाले की जांच को अभी तक दबा कर रखा गया है। इतना बड़ा घोटाला किसकी शह पर हुआ, यह आज तक नहीं पता चल पाया, ना ही किसी बड़े अधिकारी पर कोई कार्यवाही हुई?

खरीददार बोला सिर्फ 100 लीटर डीजल ही मिला है, राय साहब से बात हो गई है

कैसरबाग थाना क्षेत्र में बाला कदर मार्ग पर स्थित नगर निगम जोन 1 के कार्यालय के सामने एक बार फिर निगम की गाड़ियों से डीजल निकालने के बाद उसका खरीदार उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए ले जा रहा था। लेकिन उसे क्या पता था कि पीछे से कैमरे की नजर उस पर है। चोरी के डीजल का खरीददार अचानक कैमरा देख हड़बड़ा गया और जब पिकअप वाहन के अंदर देखा गया तो 70 -70 लीटर के सात करपे डीजल से भरे हुए जाने के लिए तैयार थे। खरीदार सुशील गुप्ता ने कैमरे के सामने खुद 100 लीटर डीजल ले जाने की बात स्वीकार की है।

डीजल का खरीदार यह भी कहता है कि जब से खबर छाप दी तब से सब काम खत्म हो गया है। यानी डीजल मिलना कम हो गया है। बार-बार डीजल खरीदार ‘ राय साहब से बात हो गई है ‘ कि बात दोहरा रहा था।

सूत्र बताते हैं कि यह राय साहब और कोई नहीं नगर निगम के आरआर में काम करने वाले अजीत राय हैं। नगर निगम के अधिकारियों से इस खरीदार का कितना घनिष्ठ संबंध है? इस बात से पता चलता है कि जब साफतौर पूछा क्या कि डीजल कहां से लाए हो? तो हड़बड़ाहट में उसने यह तक कह दिया कि पुलिस लाइन से डीजल मिला है। बाद में फिर अपनी बात पर वापस आते हुए कहने लगा कि अरे जाने दीजिए सिर्फ 100 लीटर ही है।

कैमरे पर निगम के जिम्मेदारों को बचाने के लिए पुलिस लाइन का लिया नाम, संवादाताओं को भी दिया प्रलोभन

आपको बता दें कि डीजल चोरी का सिंडिकेट कितना मजबूत है। इस बात से पता चलता है कि जब कैमरा के सामने खरीदार से पूछने की कोशिश की गई कि डीजल नगर निगम में कहां से मिलता है कौन देता है ? तो सरकारी डीजल की चोरी में शामिल इस शख्स सुशील गुप्ता ने नगर निगम के अपने आकाओं को बचाने के लिए पुलिस लाइन की गाड़ियों से डीजल खरीदने की बात कह डाली। लगातार चोरी का डीजल खरीदने वाला शख्स सुशील गुप्ता निगम के जिम्मेदारों को बचाता दिखा। साथ ही हड़बड़ाहट में यह भी भूल गया कि नगर निगम के अधिकारियों के चक्कर में पुलिस लाइन के जिम्मेदारों पर आरोप लगा दिया। डीजल माफिया ने संवाददाता को भी प्रलोभन देने की कोशिश की, लगातार बाद में मिलने की बात कहता रहा।

खबर छपने के बाद से कम मिलने लगा है डीजल

गौर करने वाली बात यह है कि इस डीजल माफिया ने खुद कबूल किया है कि खबर छपने के बाद डीजल कम मिलने लगा। मतलब डीजल चोरी का यह खेल लंबे समय से और कितने बड़े स्तर पर जारी है यह बात इस डीजल माफिया के कबूल नामे से साफ हो गया है।

सवाल –

1-जिस राय साहब की यह डीजल माफिया बात कर रहा है वह आखिर कौन है ?

2-कौन है वह राय साहब जिनके इशारे पर नगर निगम में डीजल चोरी का खेल चल रहा है ?

3- कौन-कौन से नगर निगम के जिम्मेदार हैं सिंडिकेट में शामिल ?

4 – अब तक कितने का डीजल हुआ है चोरी और जिम्मेदारी किसकी होगी तय ?

5- क्या इस बार भी केवल ड्राइवर और खरीदार पर कार्यवाही कर इस खेल के मुख्य खिलाड़ियों को बचा लिया जाएगा ?

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