सरकार लापता लोगों और मृतकों की कोई सही सूची जारी नहीं कर पाई : अजय राय

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय पूर्व मंत्री ने प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि 28/29 जनवरी 2025 की दरम्यानी रात्रि में अव्यवस्था के कारण कुम्भ में हुई भगदड़ से सैंकड़ों लोगों की मृत्यु हो गई। हजारों लोग घायल हो गये और हजारों लोग लापता हो गये। उत्तर प्रदेश सरकार इतनी संवेदनहीन है कि अभी तक लापता लोगों और मृतकों की कोई सही सूची जारी नहीं कर पाई। उनके परिजन अपनों को तलाशते हुए दर-दर भटक रहे हैं। योगी सरकार है कि सिर्फ अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए सही आंकड़ों को छिपा रही है। ऐसे कई मृतकों को जिन्हें धार्मिक नियमानुसार अंतिम क्रियाकर्म भी नसीब नहीं हुआ। कुछ लाशों को गंगा में बहा दिया गया, कुछ लाशों को बुल्डोजर से उठाया गया, कुछ को विद्युत शवदाह गृह में गुमनाम तरीके से जला दिया गया और कुछ लाशें अभी भी कूड़ों के ढेर में पड़ी हुई हैं। संवेदनहीनता की यही पराकाष्ठा है शायद।

अजय राय ने कहा कि गाजीपुर के रहने वाले उपनिरीक्षक अंजनी कुमार राय की उस दिन भगदड़ के दौरान अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते समय मृत्यु हो गयी। अव्यवस्था का चरम यह था कि पुलिस के इस बहादुर सिपाही को भी समय से एम्बुलेंस नहीं मिली। विडम्बना यह है कि सरकार यह मानने को तैयार नहीं कि अंजनी कुमार राय की मृत्यु भगदड़ के कारण हुई है।उन्होंने कहा कि उनके परिजनों से बात करने पर उ0प्र0 सरकार के अमानवीय चेहरे का पता चलता है कि कैसे अंजनी कुमार राय के मृत शरीर को ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस 11 घंटे के लम्बे इंतजार के बाद मिली।

ज्ञात हो कि 04 फरवरी को जब प्रदेश अध्यक्ष अजय राय जी का उनके निवास पर जाने का कार्यक्रम तय हुआ तो आनन-फानन में दिनांक 05 फरवरी को कुम्भ मेला पुलिस की ट्विटर हैंडिल से यह ट्वीट किया गया कि अंजनी कुमार राय की मृत्यु 30-1-2025 को हुई जबकि 29-1-2025 की सायं 5 बजकर 33 मिनट पर दर्ज पुलिस की जी0डी0 के अनुसार अंजनी कुमार राय की मृत्यु 29 तारीख को दर्ज की गयी है। सिर्फ अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह निर्लज्ज सरकार ड्यूटी पर शहीद हुए अपने सिपाही की शहादत से भी इंकार कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अंजनी राय के घर सरकार का कोई नुमाइन्दा न गया, न उनकी शहादत को स्वीकार किया, जब मैं 5 फरवरी को उनके परिजनों से मिलने उनके घर गया तब अगले दिन 6 फरवरी को गाजीपुर के पुलिस कप्तान श्री अंजनी कुमार राय के आवास पर पहुंचे। योगी सरकार का यह लचर, अव्यवस्थित और नाकारा प्रशासन सिर्फ अपने निकम्मेपन को छिपाने के लिए सारे जतन कर रहा है।

राय ने कहा कि 5 फरवरी को पूरे विश्व ने एक शर्मनाक तस्वीर देखी। अमेरिकी सेना के एक जहाज में 104 बेड़ियों में बंधे हुए भारतीय। बिना विधिक दस्तावेजों के अभाव में इन्हें अमेरिका से डिपोर्ट किया गया। यह सही है कि डिपोर्टेशन इसके पहले भी होते रहे हैं मगर कभी इतने अमानवीय तरीके से नहीं हुए। 104 लोग, जिसमें 19 महिलाएं भी थीं, 40 घंटे की यात्रा में जानवरों की तरह लाये गये। उनके इस्तेमाल के लिए मात्र एक वाशरूम था। इतना ही नहीं उनकी बेड़ियां न वाशरूम जाने के लिए न ही खाना खाने के लिए खोली गईं। पहली बार मिलिट्री के जहाज से डिपोर्टेशन हुआ। कोलम्बिया जैसे छोटे से देश ने अमेरिका के सामने खड़े होकर बड़ी सख्ती से अपने नागरिकों को बेड़ियों में और मिलिट्री के जहाज से मंगाने से इंकार कर दिया और अपना जहाज भेजकर अपने नागरिकों को सम्मान से बुलवाया। मोदी जी विश्व गुरू होने का दावा करते हैं लेकिन विदेशी जमीन से आ रहे अपने ही नागरिकों की अस्मिता नहीं बचा पा रहे हैं।

प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष हिन्दवी, पूर्व विधायक इन्दल रावत, प्रवक्ता पुनीत पाठक मौजूद रहे।

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