‘फोरगोटन टेल्स ऑफ इंडिया’ से देश की लोक कथाओं को मिलेगा संरक्षण और बड़ा मंच
दिल्ली के एक प्रतिष्ठित संदर्भ पुस्तकालय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में ‘समय यान’ समाज में पठन संस्कृति और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। अब ‘समय यान’ ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से ‘फोरगोटन टेल्स ऑफ इंडिया’ नाम से एक परियोजना शुरू की है। इसका उद्देश्य है देश की परम्पराओं, लोकसंस्कृति, जीवन दर्शन, इतिहास और सामाजिक मान्यताओं को सामने लाती अधिक से अधिक लोककथाओं का संकलन करना। परियोजना के अंतर्गत संकलित होने वाली कथाओं को उनके भाव के अनुसार ऑडियो स्टोरी में ढालकर डिजिटल स्वरूप में सहेजा जाएगा।
कोई भी व्यक्ति अपनी स्मृति में रहीं लोककथाओं को हिंदी, अंग्रेजी या अपनी क्षेत्रीय भाषा में वॉइस क्लिप (10 मिनट की अवधि तक) के माध्यम से या 1500 शब्दों में लिखकर सीधे व्हाट्सएप (8851357747) या ईमेल ([email protected]) कर सकता है। क्षेत्रीय भाषाओं में मिलीं कथाओं को हिंदी या अंग्रेजी भाषा में अनूदित भी किया जाएगा।
परियोजना के तहत दो महीने में संकलित हुई लोक कथाओं की श्रवणीय ऑडियो स्टोरी तैयार करवाकर उन्हें डिजिटल रूप में संरक्षित किया जाएगा। अधिक से अधिक संख्या में लोगों को परियोजना से जोड़ने के लिए आकर्षक पुरस्कार भी तय किए गए हैं। श्रेष्ठ पाँच लोककथाओं के प्रेषकों को 10 हजार रुपये का गिफ्ट हैम्पर दिया जाएगा।
‘कथा उत्सव’ से होगी नई प्रतिभाओं की तलाश
यह पहल अपनी परिकल्पना और उद्देश्य में अनूठी है। ‘कथा उत्सव’ के जरिए कहानियाँ सुनाने की लुप्त होती परम्परा को पुनर्जीवित करने और कहानियाँ सुनाने में रुचि लेने वाले नए कथावाचकों को तलाशने का कार्य किया जाएगा।
कहानियों को प्रभावी ढंग से सुनाने में जिनकी भी रुचि है या जिन्हें लगता है कि वो किसी कहानी को अच्छे ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं, वह बस एक ईमेल ([email protected]) या व्हाट्सएप (8851357747) मैसेज भेजकर ‘कथा उत्सव’ से जुड़ सकते हैं। इसके लिए आयु की कोई सीमा नहीं है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा समर्थित ‘कथा उत्सव’ परियोजना के अन्तर्गत ‘समय यान’ ने निराला, महादेवी, प्रेमचंद और टैगोर जैसे महान कहानीकारों की एक सूची तैयार की है। ईमेल करने वालों को यह सूची भेजी जाएगी। फिर प्रतिभागी को सूची में से किसी एक कहानीकार को चुनकर, अपनी पसंद से उसकी एक कहानी का पाठ करते हुए 2 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड करना होगा। फिर वीडियो को 30 जून से पहले ईमेल पर भेजना होगा। ‘समय यान’ के विशेषज्ञों की टीम शॉर्टलिस्ट हुए प्रतिभागियों के हुनर को वर्कशॉप के जरिए निखारेगी, और उन्हें अपने सार्वजनिक मंच के जरिए कालजयी कथाकारों की कहानियाँ आमजन के बीच ले जाने का मौका देगी।
“हमारे देश के अलग-अलग भागों में, गांव-गांव में, असंख्य ऐसी कहानियाँ हैं, जो कभी लिखी नहीं गईं, लेकिन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक सुनते-सुनाते बढ़ती रही हैं। नई सामाजिक परिस्थितियों और परिवारों में मोबाइल के बढ़ते दखल से ये क्रम तेजी से टूट रहा है। बच्चे अपने बुजुर्गों से दूर हो रहे हैं। कार्टून फिल्मों और वीडियो गेम में मनोरंजन तलाशती हमारी नई पीढ़ी अपनी लोककथाओं को नहीं जान पाई है। इसलिए हमारे सामने लोककथाओं के तेजी से विलुप्त होते जाने का बड़ा सांस्कृतिक खतरा है। ‘फोरगोटन टेल्स ऑफ इंडिया’ के जरिए हम लोककथाओं को सहेजने की कोशिश कर देश व समाज के प्रति अपने सांस्कृतिक दायित्व को निभा रहे हैं।” : सुमनेश कुमार, परियोजना प्रबंधक