शिकायतों पर दिखावे की कार्रवाई नहीं चलेगी: महापौर ने दिए नगर निगम को सख्त निर्देश
कमांड कंट्रोल रूम में दर्ज शिकायतों को बिना समाधान "निस्तारित" दिखाने पर माननीय महापौर ने जताई नाराजगी

गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए अब शिकायतकर्ता से लिखित पुष्टि अनिवार्य
लखनऊ नगर निगम द्वारा जनशिकायतों के प्रभावी समाधान हेतु कमांड कंट्रोल रूम की स्थापना की गई थी। इसके तहत नागरिकों को टोल-फ्री और मोबाइल नंबरों के माध्यम से सीधे अपनी समस्याएं दर्ज कराने की सुविधा दी गई। परंतु अब यह सामने आ रहा है कि कई शिकायतें केवल कागज़ी कार्रवाई में ही सुलझा दी जाती हैं, जबकि ज़मीनी स्तर पर समाधान नहीं होता। इस लापरवाही पर नगर निगम को लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जिससे नाराज़ होकर महापौर ने सख्त रुख अपनाया है।
*इन नंबरों पर दर्ज की जा सकती है शिकायत*
लखनऊ नगर निगम द्वारा नागरिकों की समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए एक तकनीकी पहल के रूप में कमांड कंट्रोल रूम की स्थापना की गई थी। इसके अंतर्गत टोल-फ्री नम्बर 1533 और 14420 के अलावा मोबाइल नंबर 9219902911, 9219902912, 9219902913 जारी किए गए थे, ताकि आम जनता सड़क, जल आपूर्ति, साफ-सफाई, सीवर आदि से जुड़ी समस्याएं आसानी से दर्ज करा सके।
*दिखावे के समाधान से नाराज़ हैं नागरिक*
हालांकि, बीते कुछ समय से यह देखने में आ रहा है कि शिकायतों को दर्ज कर लिए जाने के बाद बिना किसी ठोस कार्यवाही के ही उन्हें “निस्तारित” दिखा दिया जाता है। नगर निगम के रिकॉर्ड में शिकायतें पूरी हो चुकी मानी जाती हैं, पर वास्तविक स्थिति में नागरिकों की समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। इसे लेकर महापौर को लगातार नागरिकों की ओर से शिकायतें प्राप्त हो रही थीं।
*शिकायतकर्ता से संतोषजनक समाधान का प्रमाण लेना अब अनिवार्य*
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया है कि अब प्रत्येक शिकायत का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल फीडबैक रिपोर्ट में समाधान दिखा देना पर्याप्त नहीं है। निस्तारण के उपरांत संबंधित शिकायतकर्ता से व्हाट्सएप या अन्य माध्यम से लिखित प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि समस्या का समाधान संतोषजनक रूप से कर दिया गया है। जब तक शिकायतकर्ता की संतुष्टि का यह प्रमाण न मिल जाए, तब तक उस शिकायत को पूर्ण रूप से निस्तारित नहीं माना जाएगा।
*लापरवाही पर होगी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई*
महापौर ने अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि यदि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही दोबारा पाई गई, तो संबंधित ज़िम्मेदार अधिकारी अथवा अभियंता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई सेवा नियमों के तहत कठोर हो सकती है, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी जनशिकायतों को हल्के में न ले।