रौशन जैकब के डर से एलडीए ने मोहनलालगंज में तीन अवैध प्लाटिंग पर चलाया बुलडोजर
प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी शशिभूषण पाठक ने बताया कि उमाकांत सिंह व अन्य द्वारा स्पर्श सिटी के नाम से मौरावा रोड, भसण्डा, मोहनलालगंज में लगभग 40 बीघा क्षेत्रफल में अनाधिकृत रूप से प्लाटिंग का कार्य करते हुए अवैध कालोनी विकसित की जा रही थी। प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत कराये बिना अवैध तरीके से की जा रही इस प्लाटिंग को पूर्व में ध्वस्त किया गया था। लेकिन, विपक्षियों द्वारा पुनः स्थल पर विकास कार्य कराते हुए भूखण्ड बेचने का प्रयास किया जा रहा था। इस पर शुक्रवार को प्रवर्तन टीम द्वारा स्थल पर पुनः विकास कार्यों को ध्वस्त किया गया।

लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा शहर में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ लगातार चलाये जा रहे अभियान के क्रम में शुक्रवार को प्रवर्तन टीम ने मोहनलालगंज क्षेत्र में कार्यवाही की। इस दौरान लगभग 40 बीघा, 7 बीघा और 50 बीघा क्षेत्रफल में की जा रही 03 अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया गया।
प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी शशिभूषण पाठक ने बताया कि उमाकांत सिंह व अन्य द्वारा स्पर्श सिटी के नाम से मौरावा रोड, भसण्डा, मोहनलालगंज में लगभग 40 बीघा क्षेत्रफल में अनाधिकृत रूप से प्लाटिंग का कार्य करते हुए अवैध कालोनी विकसित की जा रही थी। प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत कराये बिना अवैध तरीके से की जा रही इस प्लाटिंग को पूर्व में ध्वस्त किया गया था। लेकिन, विपक्षियों द्वारा पुनः स्थल पर विकास कार्य कराते हुए भूखण्ड बेचने का प्रयास किया जा रहा था। इस पर शुक्रवार को प्रवर्तन टीम द्वारा स्थल पर पुनः विकास कार्यों को ध्वस्त किया गया।
वहीं, इससे से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर सुनील कुमार चौबे, राकेश तिवारी व अन्य द्वारा लगभग 07 बीघा क्षेत्रफल में अवैध रूप से प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा था। इसी तरह लवकुश यादव पुत्र हरदेव लाल यादव द्वारा उपवन सिटी (संस्कृति इन्फ्रा कम्पनी) के नाम से रानीखेड़ा, डेहवा, मौरावा रोड, थाना-मोहनलालगंज में लगभग 50 बीघा क्षेत्रफल में अनाधिकृत रूप से प्लाटिंग का कार्य करते हुए अवैध कालोनी विकसित की जा रही थी।
प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत कराये बिना की जा रही इन अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध विहित न्यायालय द्वारा ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किये गये थे। जिसके अनुपालन में प्रवर्तन टीम द्वारा पुलिस बल के सहयोग से अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करायी गयी। जिसमें डेवलपर द्वारा स्थल पर विकसित की गयी सड़क, नाली, बाउन्ड्रीवाॅल आदि को ध्वस्त कर दिया गया।