पंचायतीराज मंत्री की अध्यक्षता में स्थानीय स्वशासन समिति की बैठक संपन्न

समिति के सदस्यों ने दिये अहम सुझाव, पंचायत के विकास कार्यों संबंधी शिलापट्ट पर उनका भी नाम अंकित हो

पंयायतीराज मंत्री ने समिति द्वारा सुझाये गये बिन्दुओं पर  विचार करने का दिया आश्वासन

सरकार का लक्ष्य है कि योजनाओं का लाभ प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों तक पहुंचे-ओमप्रकाश राजभर

उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर की अध्यक्षता में स्थानीय स्वशासन समिति की पहली बैठक आज विधानभवन स्थित कक्ष संख्या 80 में आहूत की गई। बैठक में पंचायतीराज विभाग के कार्यक्रमों एवं उपलब्धियों का लेखा जोखा निदेशक द्वारा दिया गया। साथ ही सामान्य विभागीय आंकड़े, पंचायतीराज विभाग की संरचनात्मक ढांचा, बजट आवंटन और वित्तीय स्थिति, डिजिटल सेवाओं के लिए किये जा रहे कार्य, विभाग द्वारा संचालित विभिन्न विकास योजनाएं एवं उनके क्रियान्वयन की प्रगति आदि बिन्दुओं पर चर्चा की गई।

स्थानीय स्वशासन समिति के सदस्यगण (कुल संख्या-16)/विधायकों द्वारा समिति के सम्मुख अपने-अपने सुझाव दिये। उन्होंने समिति को अवगत कराया कि जिला पंचायत द्वारा बनायी गई सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव की व्यवस्था में बदलाव किया जाए, बहुत-सी जिला पंचायतों की सड़कें ऐसी हैं, जिनकी मरम्मत का कोई विशेष प्राविधान न होने की वजह से चलने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसी सड़कों की मरम्मत के लिए विभिन्न विभागों में आपसी समन्वय की आवश्यकता है।

सुझाव-2

पंचायत विभाग की विभिन्न विकासपरक योजनाओं की जानकारी के लिए अभियान चलाया जाए। साथ ही विभाग द्वारा साफ-सफाई के लिए दिये गये उपकरणों/संसाधनों की नियमित जांच भी की जाए कि वह ठीक ढंग से काम कर रहें है कि नहीं।

सुझाव-3

जिला पंचायत की बैठकों में विधायकगण के प्रस्तावों को भी शामिल कराया जाए, जिससे कि उन्हें अपने क्षेत्र के विकास कार्य को कराने में आसानी हो। उन्होंने सुझाव दिया कि कोई न्यूनतम सीमा निर्धारित की जाए, जिससे कि प्रस्ताव को जिला पंचायत समिति की कार्य योजना में शामिल कराया जा सके।

सुझाव-4

आगामी पंचायत चुनावों में सीटों के चयन में आरक्षण नियमावली का ठीक ढंग से अनुपालन सुनिश्चित हो। लम्बे समय से सामान्य श्रेणी या आरक्षित श्रेणी की सीटों में नियमानुसार बदलाव किया जाए, जिससे कि संविधान की मंशा के अनुरूप नियमों का पालन सुनिश्चित हो।

सुझाव-5

प्रत्येक जनपद में कम से कम एक बड़ी गौशाला का निर्माणा कराया जाए जिसे हम मॉडल गौशाला के रूप में प्रस्तुत कर सकें, जहां पर गायों के रखने की सभी उत्तम व्यवस्थाएं हों। साथ ही पंचायतों में बन रहे अन्त्येष्टि स्थलों की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया। ग्राम पंचायतों में बनी नाली की साफ-सफाई की समस्या को गम्भीरतापूर्वक सभी विधायकगण ने उठाया। इसके अलावा पंचायत में हो रहे विकास कार्यों की शिलापट्ट पर संबंधित क्षेत्र के विधायक का नाम अंतिक हो इसका सुझाव दिया। पंचायतों में उत्सव घर की संख्या को और अधिक बढ़ाया जाए।

समिति के सदस्यगण ने पंचायत भवनों पर अवैध कब्जे एवं साफ-सफाई के लिए नियुक्त कर्मचारियों के अन्यत्र जगहों पर काम करने को प्रमुखता से उठाया। अन्त्येष्टि स्थल तक जाने हेतु मार्ग के निर्माण की व्यवस्था हेतु भी सुझाव दिये।

पंचायतीराज मंत्री द्वारा समिति के सदस्यों द्वारा दिये गये सुझावों पर गम्भीरतापूर्वक विचार करने एवं विभागीय नियमावली तथा भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार निर्णय लिये जाने का अश्वासन दिया गया। उन्होंने कहा कि आप द्वारा दिए गए सुझाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि सुझावों पर गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए पत्रावली चलायी जाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनके स्तर से नियमों में बदलाव हेतु प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी से मिलकर भी आवश्यक संशोधन हेतु चर्चा करेंगे, जिससे कि विभागीय योजनाओं का लाभ प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों तक पहुंचे।

समिति की बैठक में विधायक राजेन्द्र प्रसाद चौधरी,  ओमकुमार, संदीप सिंह, महेश चन्द्र गुप्ता, राजीव गुप्ता, रमेश जायसवाल, राजेश त्रिपाठी, पंकज गुप्ता, वेदप्रकाश गुप्ता, मनीषा अनुरागी एवं प्रमुख सचिव पंचायतीराज अनिल कुमार-प्प्प्, विशेष सचिव राजेश कुमार त्यागी, निदेशक अमित कुमार सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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