तोताद्रिमठ किसी की जागीर नहीं, इसके स्वामी स्वयं भगवान : स्वामी अनंताचार्य

अयोध्या स्थित उत्तर तोताद्रिमठ विभीषणकुंड के पीठाधीश्वर श्रीमज्जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी अनंताचार्य महाराज ने मठ से जुड़े किसी भी प्रकार के विवाद से स्पष्ट इंकार किया है।
कोई विवाद नहीं:
स्वामी अनंताचार्य ने साफ कहा कि उत्तर तोताद्रिमठ में कोई विवाद नहीं है।संस्थान से बाहर:
कुछ लोग गुंडई के बल पर मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें पहले ही श्रीबालदेशिक सोपान ट्रस्ट से बाहर कर दिया गया है। अब उनका मठ से कोई संबंध नहीं है।ट्रस्ट का संचालन:
मठ का संचालन श्रीबालदेशिक सोपान ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
ट्रस्ट में 7 ट्रस्टी हैं और सभी स्वामी अनंताचार्य का सहयोग कर रहे हैं।
स्वामी अनंताचार्य ट्रस्ट के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
इतिहास और परंपरा:
मठ की स्थापना 1900 में स्वामी बलभद्राचार्य महाराज ने की थी।
1976 से स्वामी अनंताचार्य उत्तराधिकारी बने और
2014 से वे मठ के महंत के रूप में कार्यरत हैं।
सभी धार्मिक परंपराएं और उत्सव नियमित रूप से आयोजित होते हैं।
स्वामित्व की बात:
उन्होंने कहा, “यह मठ किसी की निजी संपत्ति नहीं है। इसके स्वामी स्वयं भगवान हैं।”अन्य उपस्थिति:
प्रेस वार्ता में ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी केशव प्रपन्नाचार्य उर्फ केशव नारायण दुबे भी मौजूद रहे।