यूपी मे “एक पेड़ मां के नाम“ वृक्षारोपण महाअभियान में ग्राम्य विकास विभाग रहा सर्वश्रेष्ठ

  • ग्राम्य विकास विभाग में पौधरोपण करने में लखीमपुर खीरी जनपद रहा अव्वल

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशो के क्रम में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा चलायें गये “एक पेड़ मां के नाम“ अभियान के तहत पौधरोपण करने का कीर्तिमान बनाया गया है। प्रदेश में 20 जुलाई को अभियान की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत 13.54 करोड़ पौधे लगाकर ग्राम्य विकास विभाग ने अभियान में सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। ग्राम्य विकास विभाग में प्रदेश में जनपदों की बात करें तो लखीमपुर खीरी ने सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए योजनांतर्गत 43.24 लाख से ज्यादा पौधरोपण किया।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर समस्त विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ गांवों में निवास करने वाले आम नागरिकों की सहभागिता ने इस महाअभियान को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। बीते वर्षों से निरंतर प्रदेश द्वारा योजनांतर्गत वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। यूपी को हरा-भरा बनाए रखने के लिए सरकार ने इस वर्ष ग्राम्य विकास विभाग को 13 करोड़ का लक्ष्य दिया गया,इस लक्ष्य को पार करते हुए 13.54 करोड़ से भी ज्यादा पौधरोपण किया गया।

ग्राम्य विकास विभाग ने बीते सालों में भी वृक्षारोपण के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। गत 5 वर्षों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में आवंटित लक्ष्य 1018.52 लाख के सापेक्ष शत-प्रतिशत 1018.52 लाख पौधे रोपे गए थे। वर्ष 2020-21 में लक्ष्य 880.00 लाख के सापेक्ष 874.11 लाख पौधे रोपे गए थे। वर्ष 2021-22 में लक्ष्य 1056.00 के सापेक्ष 1053.42 लाख पौधे लगाए गए थे। वहीं वर्ष 2022-23 में आवंटित लक्ष्य 1232.00 लाख के सापेक्ष 1228.05 लाख पौधे रोपित किये गये तथा वर्ष 2023-24 में लक्ष्य 1259.20लाख के सापेक्ष 1323.89 लाख पौधों का रोपण कर किया गया। वहीं वर्तमान वर्ष 2024-25 में लक्ष्य 1300.15 के सापेक्ष 1354.62 लाख पौधों का रोपण कर रिकॉर्ड स्थापित किया गया।

आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने हेतु ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जनपदों को लक्ष्य आवंटित किया गया। जनपदों द्वारा वृक्षारोपण के महाअभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया गया, जिसमें लखीमपुर खीरी जनपद द्वारा सर्वाधिक 43 लाख से भी ज्यादा पौधरोपण किया गया, सोनभद्र ने 37 लाख से ज्यादा पौधों का रोपण किया, जबकि हरदोई ने भी 33 लाख से ज्यादा पौधरोपण कर अपना योगदान दिया।

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