निर्धन कलाकारों की प्रतिभा को उचित सम्मान देगी राज्य सरकार: जयवीर सिंह

पर्यटन मंत्री ने संस्कृति विभाग की चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृत परियोजनाओं से संबंधित टेण्डर प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश दिये

  • निर्धन कलाकारों की प्रतिभा को उचित सम्मान देने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करे-जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि संस्कृति विभाग की विभिन्न संस्थानों में की जा रही विभिन्न गतिविधियों से आम जनता खासतौर से युवाओं को जोड़ें, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, गौरवशाली इतिहास के साथ ही भारतीय जीवन मूल्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न नीतियों के माध्यम से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद धार देने के साथ आम जनता को अपने विरासत पर गर्व करने का अवसर प्रदान कर रही है। इसके साथ ही देशी-विदेशी पर्यटकों को मार्केटिंग एवं ब्राण्ड एम्बेस्डर के रूप में प्रोत्साहित कर अधिक से अधिक विदेशी पर्यटकों को उ0प्र0 की ओर आकर्षित करने के लिए विश्व स्तरीय सुविधायें सृजित कर रही है। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष की स्वीकृत परियोजनाओं से संबंधित निविदा प्रक्रिया शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में संस्कृति विभाग के अंतर्गत आने वाले विभिन्न संस्थानों तथा निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ पूरा करने के साथ ही प्रस्तावित कार्यों को यथाशीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कार्य में रूचि न लेने वाले तथा लापरवाह अधिकारियों एवं संस्थाओं की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने विभिन्न संस्थानों से और अधिक एमओयू साइन करने के निर्देश दिए। साथ ही, विशेष रूप से निर्देशित भी किया कि निश्चित समय सीमा में कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी करें। उन्होंने प्रदेश के सभी 75 जिलों में सांस्कृतिक आयोजन कराने, संस्कृति और संगीत को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने और महाकुम्भ जैसे आस्था पर्व का जनमास से जोड़ने के निर्देश दिये। ताकि प्रदेश की छुपी प्रतिभाओं को और गुणी कलाकारों को दुनिया के सामने लाया जा सके।

पर्यटन मंत्री ने विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान संस्कृति नाटक अकादमी, भारतेन्दु नाट्य अकादमी, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, वृंदावन शोध संस्थान, राज्य ललित कला अकादमी सहित अन्य संस्थाओं को अन्य संस्थाओं से मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रम, गतिविधियां कराने के निर्देश दिए। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं और नई पीढ़ी को परंपरागत कला, संस्कृति से जोड़ना हो। पाली सहित अन्य प्राचीन भाषा को आगे बढ़ाने के प्रयासों पर भी बल दिया गया। कम चर्चित या गुमनामी में जीवन बसर कर रहे कलाकारों को उचित सम्मान मिले और उनकी विधा को आगे ले जाने में सरकार का सहयोग प्राप्त हो सके।

जयवीर सिंह ने कहा, उत्तर प्रदेश बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। हमारा लगातार प्रयास रहा है कि बौद्ध उपदेशों को आमजन तक ले जाएं। इसके लिए बौद्ध धर्म से जुड़े वरिष्ठजनों की मदद भी ली जाए, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि सनातन या किसी भी अन्य धर्म के लोगों की भावना आहत न हो। ’वैर से वैर शांत नहीं होता’ जैसे सिद्धांतों का पालन हो। बैठक में जैन समुदाय से संबंधित कार्यक्रमों, कार्यशालाओं आदि कराए जाने की भी समीक्षा की गई। उन्होंने निर्देश दिये कि यह भी प्रयास किया जाए कि विभिन्न कार्यक्रमों में जैन समुदाय से जुड़े लोगों की उपस्थिति और सहभागिता अवश्य रहे।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने अधिकारियों को अपने काम को आमजन तक ले जाने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने पॉकेट बुकलेट, हस्त मंगल गाथा आदि की मदद लें। उन्होंने पार्कों में सकारात्मक रुख के साथ साज-सज्जा करवाने, चौक-चौराहों पर चित्र आदि के माध्यम से लोगों को आकर्षित करने पर जोर दिया। साथ ही कहा, कि शहर में लगी मूर्तियों पर लाइटिंग की व्यवस्था भी हो, जिससे रात में गुजरने वालों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने।

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