राष्ट्रपति हो तो ऐसा, जो आज भी गांव की मिट्टी की खुशबू और निवासियों की यादों से जुड़ा

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात जन्म देने वाली माता व जन्म भूमि का गौरव स्वर्ग से भी बढ़कर होता है। मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू, मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में विद्यमान रहती हैं। उन्होंने कहा कि अपनी मातृ भूमि पर आकर मुझे अत्यन्त खुशी हो रही है। इसकी मुझे काफी समय से प्रतीक्षा थी। इस यात्रा ने मेरे अंदर ऊर्जा का संचार किया है। राष्ट्रपति भवन देश की विरासत है। प्रत्येक देशवासी को उसे देखने का अधिकार है। आप सब आकर राष्ट्रपति भवन देखें।

राष्ट्रपति ने आज अपने पैतृक ग्राम परौंख, जनपद कानपुर देहात में उनके जन अभिनन्दन हेतु आयोजित समारोह को सम्बोधित किया। समारोह के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी ने देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द को शॉल व गणेश की मूर्ति भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति को अंगवस्त्र तथा क्षेत्र के इतिहास को दर्शाता चित्र भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर राष्ट्रपति के भाई प्यारे लाल ने गांव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति मोती लाल गुप्ता को पितृ सम्मान से सम्मानित किया। राष्ट्रपति की भाभी विद्यावती ने गांव की सबसे बुजुर्ग महिला सुशीला देवी को मातृ सम्मान से सम्मानित किया। उनके भाई शिव कुमार और राम स्वरूप भारती ने वीरांगना झलकारी बाई इंटर कालेज के प्रधानाचार्य विमल अग्निहोत्री को गुरु सम्मान से सम्मानित किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज उन्होंने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ग्राम परौंख स्थित पथरी देवी एवं भगवान शिव मन्दिर में पूजा अर्चना की तथा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की। वे वीरांगना झलकारी बाई इण्टर काॅलेज भी गए, जिसका निर्माण उन्होंने स्वयं कराया था। इस विद्यालय के प्रान्तीयकरण करने के लिए उन्होंने समस्त ग्रामवासियों की ओर मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दिया।

राष्ट्रपति कोविन्द ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा हमारी भावी पीढ़ी को नया अवसर प्रदान करती है। मूल्यपरक शिक्षा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होने से हमारा समाज संकीर्णताओं से बाहर निकल पाएगा, जिससे पारस्परिक सौहार्द को बल मिलेगा तथा सभी की ऊर्जा विकास के कार्याें में लगेगी। उन्होंने कहा कि गांव के भ्रमण के दौरान पक्के मकान, बिजली व अन्य सुविधाओं को देखकर उन्हें अत्यन्त प्रसन्नता हुई।  

राष्ट्रपति ने देश के स्वतंत्रता सेनानियों के अमूल्य बलिदान एवं संविधान निर्माताओं के योगदान को नमन करते हुए कहा कि संविधान ने देश के सभी नागरिकों को समान दर्जा दिया है। देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के कारण ही गांव से निकलकर एक सामान्य बालक को देश के सर्वाेच्च पद के दायित्व का निर्वहन करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को 09 प्रधानमंत्री दिये हैं, जबकि एक ही राष्ट्रपति हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें आज अपने पुश्तैनी आवास पर जाने का सौभाग्य भी मिला, जिसका जीर्णाेंद्धार कराकर ग्रामवासियों को उन्होंने मिलन केन्द्र के रूप में दिया था। अपने इस निर्णय पर संतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने सुझाव दिया है कि मिलन केन्द्र का उपयोग महिलाओं से सम्बन्धित कार्यक्रम, बैठक, उत्थान के बारे में गोष्ठियां, उनके जीविकोपार्जन के सम्बन्ध में सरकार द्वारा चलायी गयी योजनाओं के लिए हो।

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में मातृ देव भव, पितृ देव भव, आचार्य देव भव की शिक्षा दी जाती है। माता-पिता, गुरु और बड़ों का सम्मान करना अभी भी हमारी ग्रामीण संस्कृति में स्पष्ट रूप से दिखायी देता है। अपने प्रधानाध्यापक शम्भूनाथ त्रिपाठी को याद करते हुए उन्होंने बताया कि त्रिपाठी ने सीख दी थी कि अपने माता-पिता के पैर छूकर ही अपने कार्यों को प्रारम्भ करें। यह सीख आजीवन उन्हें प्रेरित करती रही है। उन्होंने अपने सहपाठियों को भी याद किया।

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि कोरोना महामारी को निर्मूल करने के लिए अभी भी सावधानी की आवश्यकता है। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में महामारी से जुड़ी सुविधाओं, जांच, चिकित्सा, रोकथाम, जरूरतमन्दों की सहायता, टीकाकरण के प्रभावी कदम उठाने के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अभी सार्वजनिक और व्यक्तिगत स्वच्छता पर और अधिक जोर देने की आवश्यकता है। देश में टीकाकरण के अभियान पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंनेे कहा कि वैक्सीनेशन कोरोना महामारी से बचाव के लिए एक कवच की तरह है। इसलिए सभी लोग स्वयं टीका लगवाएं और इसके लिए दूसरों को प्रेरित भी करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि रेलवे ने उनसे रेलगाड़ी से कानपुर की यात्रा कर रेलवे द्वारा किए गए विकास कार्यों का अवलोकन करने का अनुरोध किया था।  कानपुर की यात्रा के दौरान रास्ते में उन्होंने फ्रेट काॅरिडोर देखा। यह काॅरिडोर भारत की अर्थनीति एवं व्यापार का हिस्सा है। यह फ्रेट काॅरिडोर देश की इकोनाॅमी को बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इसके परिणाम आगामी कुछ वर्षों में दिखायी पड़ने लगेंगे।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने विभिन्न पदों पर रहते हुए दलितों के उत्थान के लिए काम किया। वे समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए लड़ाई लड़ते रहे। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। राष्ट्रपति ने यहां आ करके हम सभी का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने जीवनपर्यंत उच्चकोटि का आदर्श बनाए रखा। उन्होंने राष्ट्रपति के राजनैतिक जीवन में किए गए संघर्षों का जिक्र भी किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का स्वागत करते हुए कहा कि पद ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति जी पहली बार अपने गांव आए हैं। अपने गांव आने का राष्ट्रपति महोदय का कार्यक्रम एक वर्ष पूर्व होना था, किन्तु कोरोना संक्रमण के कारण आज यह सम्पन्न हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति द्वारा अपना पैतृक आवास ग्राम परौंख के नागरिकों को मिलन केन्द्र के लिए तथा वीरांगना झलकारी बाई काॅलेज को बनवाकर राज्य सरकार को समर्पित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने जन्मभूमि के प्रति अपना दायित्व निभाया है। राज्य सरकार वीरांगना झलकारी बाई काॅलेज को शिक्षा के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित करने के राष्ट्रपति जी के संकल्प को मजबूती से आगे बढ़ाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत इस वैश्विक महामारी के विरुद्ध मजबूती से संघर्ष कर रहा है। राज्य में कोरोना का संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है, किन्तु कोरोना वायरस अभी समाप्त नहीं हुआ है। बीमारी से बचाव का उपाय ही सर्वोत्तम उपचार है। इसे ध्यान में रखते हुए कोरोना संक्रमण के विरुद्ध बचाव के लिए हर व्यक्ति को जागरूक होने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री जी ने संक्रमण से बचाव के लिए ‘दो-गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ का मंत्र दिया है। उन्होंने अपील की कि सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियम एवं मास्क का आवश्यक रूप से प्रयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग के लिए जांच टीम गांव-गांव जा रही है। जांच के पश्चात निगरानी समितियों द्वारा दवा वितरण का कार्य भी किया जा रहा है। बच्चों को संक्रमण से बचाने एवं उपचार के लिए राज्य सरकार द्वारा अलग से मेडिसिन किट बनवाई गयी है। आज से बच्चों के लिए भी मेडिसिन किट वितरण का कार्य प्रारम्भ हुआ है। उन्होंने अपील की कि सभी लोग संक्रमण की जांच व मेडिसिन किट वितरण करने वाली टीम का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पूरे देश में निःशुल्क कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम संचालित हो रहा है। निःशुल्क टीकाकरण के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताते हुए उन्होंने जनता से अपील की कि सभी लोग आवश्यक रूप से कोरोना वैक्सीनेशन कराएं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी एवं प्रधानमंत्री की प्रेरणा से कानपुर देहात में एक नये मेडिकल काॅलेज को स्वीकृति मिली है, शीघ्र ही इसे प्रारम्भ कराया जाएगा।

कार्यक्रम को इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल सिंह ने भी सम्बोधित किया।

इस अवसर पर सांसद देवेन्द्र सिंह भोले, आर0एस0 कठेरिया सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी जनसंख्या में जन समुदाय उपस्थित था।

राष्ट्रपति ने हेलीपैड पर उतरने के उपरांत सबसे पहले पथरी माता के मंदिर जाकर पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने आंबेडकर पार्क में बाबासाहब डाॅ0 बी0आर0 आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। वह अपने पैतृक निवास स्थल पर बने मिलन केंद्र भी गए। तत्पश्चात वीरांगना झलकारी बाई इंटर कालेज का निरीक्षण किया। राष्ट्रपति कोविन्द के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

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