UPCM ने UP राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के सशक्तीकरण के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने शास्त्री भवन में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के सशक्तीकरण के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। उन्होंने निर्देश दिये कि राज्य आपदा प्रबंध के तहत स्थानीय आवश्यकताओं और भौगोलिक परिस्थितियों का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने राजस्थान राज्य से लगे प्रदेश के क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंध की योजना बनाने के निर्देश दिये।
UPCM ने भूकम्प, ओलावृष्टि, बेमौसम भारी वर्षा, आकाशीय विद्युत की घटनाओं, नाव दुर्घटनाओं, भीषण मार्ग दुर्घटनाओं, वायु दुर्घटना, रेल दुर्घटना इत्यादि के लिए बेहतर आपदा प्रबंध की योजना बनाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने आपदा प्रबंध के लिए नागरिक सुरक्षा संगठन की सहायता लेने के भी निर्देश दिये। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा गठित युवक मंगल दल को भी आपदा प्रबंध के लिए प्रशिक्षित करने के उपरान्त इस कार्य में उनकी सहायता लेने के निर्देश दिये।
UPCM ने कहा कि आपदा प्रबंध अग्निशमन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अतः इस सम्बन्ध में व्यापक तैयारी की जाए, ताकि आग लगने जैसी आपदाओं का सामना प्रभावी ढंग से किया जा सके। उन्होंने बाढ़ की सम्भावनाओं के मद्देनजर राज्य के बाढ़ की सम्भावनाओं वाले सभी जनपदों में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिये।
UPCM ने सूखाग्रस्त और जलाभाव वाले क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश के सभी क्षेत्रों में जल संरक्षण के सम्बन्ध में प्रभावी कदम उठाने के भी निर्देश दिये, ताकि पानी की कमी से निपटा जा सके। उन्होंने सरकारी भवनों में जल संचयन एवं संरक्षण की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने भवन निर्माण के लिए नक्शा पास करने के लिए भवन में जल संरक्षण की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये।
प्रस्तुतिकरण देते हुए अपर मुख्य सचिव राजस्व और S.D.M.A की पदेन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी रेणुका कुमार ने UPCM को राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण की संरचना के विषय में अवगत कराया। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के विचारणीय बिन्दुओं जैसे प्राधिकरण में उपाध्यक्ष नामित किया जाना, परियोजना निदेशक के पद पर तैनाती, राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के भवन और राज्य स्तरीय इमरजेंसी आॅपरेशन सेण्टर तथा अन्य संसाधनों के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अवगत कराया कि राज्य के सभी जनपदों में जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण का गठन किया जा चुका है। उन्होंने जनपद स्तर पर आपदा प्रबंध तंत्र के सुदृढ़ीकरण के विषय में भी जानकारी दी।
प्रस्तुतिकरण के दौरान S.D.M.A की पदेन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने प्राधिकरण द्वारा संचालित की जाने वाली महत्वपूर्ण योजनाओं के विषय में भी UPCM को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं में मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम, समुदाय आधारित आपदा प्रबंध कार्यक्रम इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने भविष्य में प्रस्तावित कार्यक्रमों के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत पायलेट बुन्देलखण्ड सूखा प्रतिरोधी फसल (सुपर फूड) योजना, मुख्यमंत्री वज्रपात सुरक्षा योजना, पायलेट मुख्यमंत्री बाढ़ मैपिंग और पूर्वानुमान तंत्र, पायलेट मुख्यमंत्री सड़क सुरक्षा योजना, पायलेट बुन्देलखण्ड हरीतिमा एवं जलवर्धन योजना, पूर्व चेतावनी एवं मौसम निगरानी नेटवर्क, डिजास्टर नाॅलेज एवं डेटा सेण्टर और डिजास्टर मैनेजमेंट आॅडिट प्रोग्राम शामिल हैं।
UPCM ने प्रस्तुतिकरण के बाद आपदा प्रबंध के लिए सभी पहलुओं पर विचार करते हुए प्रभावी योजना शीघ्र बनाकर लागू करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डाॅ. अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव वित्त संजीव मित्तल, राहत आयुक्त संजय कुमार, सचिव मुख्यमंत्री मृत्युंजय कुमार नारायण सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।