UPCM ने 5 कालीदास मार्ग लखनऊ पर प्रेसवार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षाें से देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार किसानों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने किसानों की समृद्धि के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी केन्द्र सरकार के एजेण्डे में किसान को शामिल किया गया है, ऐसा उनके कार्यकाल के दौरान किसानों के हितों में लिए गये विभिन्न निर्णयों/कार्याें से साबित भी होता है। किसानों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान केन्द्र सरकार ने किया है।

UPCM ने कहा कि बड़ी संख्या में किसानों को स्वाॅयल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराये गये हैं। इसके अलावा उन्हें बीज, खाद, नीम कोटेड यूरिया प्रचुर मात्रा में उपलब्ध करायी गयी है, ताकि उन्हें इसके लिए भटकना न पड़े। भारत सरकार के प्रयासों से यूरिया की कालाबाजारी रुकी है। राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक कदम उठाए गये हैं। इसमें लघु एवं सीमान्त किसानों के 01 लाख रुपये तक के फसली ऋण की कर्जमाफी प्रमुख हैं। इससे 86 लाख किसानों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही, किसानों के हित में सरकार द्वारा फसल बीमा योजना, मूल्य समर्थन योजना आदि भी संचालित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा खरीफ की फसलों के समर्थन में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है, जिसका लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को भी मिल रहा है।

UPCM ने कहा कि फसली वर्ष 2018-19 काॅमन धान का समर्थन मूल्य 1750 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 1770 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा धान की उतरायी, छनाई, सफाई आदि खर्च के मद में किसानों को अधिकतम 20 रुपये प्रति कुन्तल की दर से भुगतान किया जाएगा, जो समर्थन मूल्य के अतिरिक्त होगा। धान खरीद का कार्यकारी लक्ष्य 50 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। वर्ष 2017-18 में किसानों से 43 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई और DBT के माध्यम से भुगतान सीधे उनके खातों में पहुंचाया गया है। इस वर्ष 53 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकाॅर्ड खरीद की गयी है। किसानों को राहत देने के लिए 01 अक्टूबर, 2018 से धान क्रय की शुरुआत हो गई है।

UPCM ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए अभियान चलाकर गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत किसानों से आलू खरीदने की व्यवस्था भी की गई।

UPCM ने कहा कि गत वर्ष और इस वर्ष अब तक वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा 37,035 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है, जो अब तक की सबसे बड़ी धनराशि है। इसमें वर्ष 2017-18 का 26,435 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान भी शामिल है। साथ ही साथ यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016-17, 2015-16, 2014-15 सहित इससे भी पुराने वर्षाें का कुल 10,600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

UPCM ने कहा कि किसानों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए 5,535 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए इस धनराशि से चीनी मिलों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान की जाएगी।

UPCM ने कहा कि पेराई सत्र 2016-17 एवं 2017-18 के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान हेतु निजी क्षेत्र की चीनी मिलों को 4,000 करोड़ रुपये का साॅफ्ट लोन राष्ट्रीयकृत बैंक, शिड्यूल्ड काॅमर्शियल बैंक एवं उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान हेतु 1,010 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान की गयी है। निगम क्षेत्र की चीनी मिलों को 25 करोड़ रुपये की ऋण सहायता बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करने हेतु प्रदान की गयी है। यह सभी धनराशि सीधे कृषकों के खाते में उनके बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के सापेक्ष भेजी जायेगी। गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान शीघ्र सुनिश्चित किया जाएगा।

UPCM ने आवारा पशुओें की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जनपद को गौशाला की स्थापना के लिए 01 करोड़ 20 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। इनकी स्थापना हो जाने के उपरान्त बड़ी संख्या में आवारा पशुओं को यहां पर रखा जा सकेगा। इन पशुओं द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के दृष्टिगत केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा देने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है।

UPCM ने कहा कि मनरेगा को खेती से जोड़े जाने के लिए गठित समिति किसानों के सभी सुझावों पर गम्भीरता पूर्वक विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 10 वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टर इत्यादि जैसे डीजल वाहनों के संचालन पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा लगायी गयी रोक के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका शीघ्र ही दाखिल करेगी, ताकि इससे सम्बन्धित किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।

UPCM ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार दोनों ही किसानों की समस्याओं के प्रति अत्यन्त संवेदनशील हैं और उनके समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का जो लक्ष्य रखा है, राज्य सरकार उसे हासिल करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं को गम्भीरतापूर्वक सुनकर उनका समाधान निकाल रही है।

UPCM ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों का मुनाफा बढ़ाने की दृष्टि से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार किसानों की सुविधा के लिए गांवों को 18 घण्टे तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। गन्ना किसानों की सुविधा के लिए बन्द पड़ी चीनी मिलों को दोबारा शुरू करवाया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य की सरकारें निरन्तर किसानों के हित में कार्य कर रही हैं। उन्होंने किसानों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा।

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