मुख्य सचिव ने जल जीवन मिशन, नमामि गंगे और राज्य भूगर्भ जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा की
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने जल जीवन मिशन, नमामि गंगे तथा राज्य भूगर्भ जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा की।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में प्रदेश में विशेष तौर पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल की समस्या नहीं होनी चाहिये। यह सुनिश्चित कराया जाये कि उपलब्ध सभी पेयजल स्रोत सुचारू रूप से संचालित रहें। सम्बन्धित विभागों की जनपद स्तरीय प्रशासनिक मशीनरी 24 घंटे अलर्ट पर रहें।
उन्होंने कहा कि हर जनपद में कन्ट्रोल रूम स्थापित कराया जाए, जिसे जनपद की तहसीलों, विकास खण्डों, ग्राम पंचायतों से जोड़ा जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या की सूचना जनता से प्राप्त करने एवं प्राप्त सूचना के त्वरित समाधान हेतु जनपद स्तर पर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। जनपद स्तर के नोडल अधिकारी का मोबाइल नंबर एवं कन्ट्रोल रूम के लैण्ड लाइन व मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से तहसीलों, विकास खण्डों, ग्राम पंचायतों आदि में प्रसारित किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि जल संरक्षण के बारे में आम नागरिक को शिक्षित एवं जागरूक किया जाए। जल संरक्षण के लिए अन्य प्रदेशों में किये जा रहे प्रयासों का अध्ययन कर सर्वश्रेष्ठ उपायों को प्रदेश में भी लागू किया जाये। इसके अतिरिक्त जल संरक्षण एवं भूगर्भ जल को प्रदूषित होने से बचाने लिए नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।
एमडी जल निगम (ग्रामीण) श्री राजशेखर ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत अब तक 2,17,32,512 घरों को पेयजल कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है, जो लक्ष्य का 81.84 प्रतिशत है। बच्चों को जल के महत्व को समझाने हेतु स्कूल के छात्र/छात्राओ के लिए प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में जल ज्ञान यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह एक्पोजर विजिट सरकारी खर्च से पूरी तरह मुक्त है। इस यात्रा को विभिन्न मीडिया हाउस, कारपोरेट और सामाजिक संगठनों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
जल ज्ञान यात्रा के तहत सरकारी स्कूलो के उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में से अब तक 68 जनपदों में कुल 72 जल ज्ञान यात्राओं का आयोजन किया गया है, जिसने कुल 688 विद्यालयों के 10222 बच्चे तथा 1000 से अधिक अध्यापक/अध्यापिकाओं ने प्रतिभाग किया। भ्रमण के दौरान बच्चों को पानी की गुणवत्ता की जाच पेयजल को हर घर तक पहुंचाने की प्रक्रिया, ग्रे-वाटर का उपचार, वाटर टेस्टिंग लैब, वाटर ट्रीटमेट प्लान्ट, वर्षा जल संचयन, सोर्स सस्टेनेबिलिटी एवं इत्यादि के प्रति जागरूक किया जाता है।
बैठक में प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।