UPCM ने माउस क्लिक कर लखनऊ और वाराणसी की स्ट्रीट लाइटों को ‘स्विच आॅन’ किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिजली की बचत और कार्बन उत्सर्जन से पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से शहरों में स्ट्रीट लाइटों को LED में अपग्रेड करने का दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में स्ट्रीट लाइटिंग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पुराने सोडियम लैम्प इत्यादि को नए LED बल्बों से बदलने से बिजली की बड़े पैमाने पर बचत होगी।

UPCM शास्त्री भवन में LED स्ट्रीट लाइट डैशबोर्ड के लोकार्पण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये। इस मौके पर उन्होंने माउस क्लिक कर लखनऊ और वाराणसी की स्ट्रीट लाइटों को ‘स्विच आॅन’ कर जनता को समर्पित भी किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 5 जनवरी, 2015 को स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत वर्ष 2019 तक देश में 1.34 करोड़ पारम्परिक लाइटों की जगह आधुनिक LED लाइट लगाया जाना है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार भारत सरकार के स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम में साझेदारी कर रही है।

UPCM शास्त्री भवन में LED स्ट्रीट लाइट डैशबोर्ड का लोकार्पण करते हुए
UPCM शास्त्री भवन में LED स्ट्रीट लाइट डैशबोर्ड का लोकार्पण करते हुए

UPCM ने कहा कि राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के 15 नगर निगमों में मात्र 07 महीनों में 5.75 लाख पारम्परिक स्ट्रीट लाइटों को आधुनिक ऊर्जा दक्ष LED लाइटों में बदला जा चुका है। लखनऊ और वाराणसी शहरों में ऊर्जा दक्ष एल0ई0डी0 लाइटों को बड़ी संख्या में लगाया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्य को करने वाली एजेन्सी ‘ई.ई.एस.एल.’ पूरे प्रदेश में LED बल्बों को शीघ्र लगाएगी।

UPCM ने कहा कि प्रदेश सरकार विकास के लिए ऊर्जा दक्षता की आवश्यकता को भली-भांति समझती है। इसे ध्यान में रखते हुए 8 अगस्त, 2017 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में परम्परागत स्ट्रीट लाइट को LED में परिवर्तित करने का निर्णय लिया था। इसके उपरान्त सितम्बर, 2017 में ई.ई.एस.एल. और नगर विकास के बीच LED लाइट बदलने के लिए M.O.U हस्ताक्षरित किया गया और इस कार्य को दिसम्बर, 2017 से प्रारम्भ किया गया।

UPCM शास्त्री भवन में बैठक करते हुए
UPCM शास्त्री भवन में बैठक करते हुए

UPCM ने कहा कि राज्य की सभी पुरानी और अकुशल स्ट्रीट लाइटों को वर्ष 2019 तक ऊर्जा दक्ष LED लाइटों में बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत लगभग 15 लाख पुरानी स्ट्रीट लाइटें बदली जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल से राज्य लगभग 40 करोड़ किलोवाॅट ऊर्जा की वार्षिक बचत कर सकेगा। यह बचत लगभग 280 करोड़ रुपए वार्षिक की होगी। इसके अलावा, सालाना 35 करोड़ टन कार्बन डाईआॅक्साइड के उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

UPCM ने कहा कि बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में ऊर्जा की मांग बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन अर्थव्यवस्था और विकास के संतुलन को बनाए रखना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण का अंगीकरण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अर्थव्यवस्था के सभी अंगों के विकास के लिए विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण और सस्ती बिजली आवश्यक है। इसके दृष्टिगत ‘24×7 पावर फाॅर आॅल’ उत्तर प्रदेश सरकार का संकल्प है।

UPCM ने कहा कि बिजली उत्पादन पर निर्भरता को घटाने के लिए दूसरे विकल्पों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कार्बन डाईआॅक्साइड का उत्सर्जन घटाने के लिए ऊर्जा संरक्षण उपाय, रिन्यूएबल इनर्जी से ज्यादा प्रभावी है। ऊर्जा संरक्षण की मदद से डाईआॅक्साइड के उत्सर्जन में काफी कमी लायी जा सकती है। यह उपाय बिजली के बिल में कटौती करके उपभोक्ता के धन की भी बचत करती है। ऊर्जा की बचत ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर UPCM ने पुरानी स्ट्रीट लाइटों को पूरी तरह से हटाने के निर्देश दिए, ताकि इनका दोबारा उपयोग न हो सके। उन्होंने प्रदेश में LED बल्बों और ऊर्जा दक्ष विद्युत उपकरणों के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने लगायी जा रही स्ट्रीट लाइटों की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगमों को पूरी तरह से आच्छादित करने के उपरान्त नगर पालिकाओं को भी LED स्ट्रीट लाइटों से संतृप्त किया जाए।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ऊर्जा की बचत के उद्देश्य से स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। उन्होंने कहा कि आज लाॅन्च किए गए डैशबोर्ड से सेण्ट्रलाइज्ड सिस्टम द्वारा एक स्विच से स्ट्रीट लाइट्स को आॅन-आॅफ किया जा सकता है। साथ ही, कौन सी स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है, इसका भी पता लगाया जा सकता है।

ज्ञातव्य है कि ई.ई.एस.एल. द्वारा LED बदलने का यह कार्य अपने खर्च से किया जा रहा है। इसमें राज्य सरकार पर कोई व्ययभार नहीं पड़ रहा है। ई.ई.एस.एल. LED बदलने के साथ-साथ अगले 07 वर्षों तक इनका रख-रखाव और खराब LED बदलने का कार्य करेगी। ई.ई.एस.एल. द्वारा लखनऊ में अब तक 1.36 लाख और वाराणसी में 38,500 लाइटें आधुनिक एल.ई.डी. लाइटों में बदली जा चुकी हैं।

केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई हृदय योजना के तहत काशी में 4,700 हेरिटेज एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम भी लगाए हैं। पारम्परिक स्ट्रीट लाइट को दक्ष एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट से बदले जाने से बेहतर रोशनी की वजह से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही, उत्तर प्रदेश ऊर्जा दक्षता को अपनाकर आर्थिक प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर होगा।

इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, ई.ई.एस.एल. के चेयरमैन राजीव शर्मा, प्रबन्ध निदेशक सौरभ कुमार, एशिया डेवलेपमेण्ट बैंक के सीनियर इनर्जी स्पेशलिस्ट जीवन आचार्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

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