UPCM ‘शिखर सम्मेलन’ कार्यक्रम में बोले विकास और प्रगति के लिए 1 वर्ष की अवधि एक छोटा कार्यकाल

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने ABP NEWS द्वारा आयोजित ‘शिखर सम्मेलन’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि PM नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की उपलब्धियों पर भरोसा करते हुए उत्तर प्रदेश की जनता ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत प्रदान किया था। जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार ने परिवर्तन, विकास और गरीबों के सशक्तिकरण के संकल्प के साथ 19 मार्च 2017 को शपथ ली थी।

UPCM ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले एक वर्ष के दौरान प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश का नवोत्कर्ष हुआ है। विकास को नई गति मिली है और लोगों को सुरक्षा की गारण्टी। उन्होंने कहा कि बदले हुए वातावरण में प्रदेश अब विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है।

UPCM ने कहा कि किसी भी राज्य में परिवर्तन, विकास और प्रगति के लिए एक वर्ष की अवधि एक छोटा कार्यकाल है और सीमित संसाधनों के बीच उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के लिए यह एक चुनौती भी है और इस चुनौती को वर्तमान सरकार ने शपथ-ग्रहण के साथ ही स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार की एक वर्ष की की उपलब्धियों पर आज संतोष का अनुभव हो रहा है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने सुशासन के माध्यम से ‘सबका साथ, सबका विकास’ करने का जो संकल्प लिया है, उसका पूरी तरह अनुसरण करते हुए प्रदेश सरकार भी जनता को जनार्दन मानकर उनकी सेवा कर रही है।

UPCM ने कहा कि राज्य सरकार अतीत के गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा लेकर, अतीत की बुराइयों का समय रहते परिमार्जन कर रही है। उत्तर प्रदेश में यह पहली बार हो रहा है कि जब शासन की नीतियों और योजनाओं का आधार व्यक्ति, परिवार, जाति अथवा मजहब को न बनाकर, गांव, गरीब, किसान, नौजवान और महिला सहित प्रदेश के दलित, वंचित और उपेक्षित वर्गाें को बनाया गया है।

UPCM ने कहा कि एक वर्ष के अन्दर प्रदेश में राज्य सरकार ने क्या प्रयास किए, प्रदेश का वातावरण कैसे बदला, UP के परसेप्शन को बदलने में कितनी सफलता प्राप्त हुई, उसे पिछली 21 व 22 फरवरी को लखनऊ में सम्पन्न उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट ने साबित करके दिखाया है। इन्वेस्टर्स समिट इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है जब देश के प्रतिष्ठित उद्योगपतियों और निवेशकों ने लखनऊ पहुंचकर यह स्पष्ट कर दिया कि वे UP में क्यों आना चाहते हैं। इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले एक साल के दौरान लगातार कार्य किया। जहां एक ओर कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाया गया, वहीं दूसरी ओर उद्योग जगत और निवेशकों की सुविधा के लिए आकर्षक नीतियां लागू करते हुए प्रदेश में निवेश फ्रेण्डली माहौल स्थापित किया गया है। प्रदेश सरकार के प्रयासों और केन्द्र सरकार के सहयोग से यह आयोजन अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल रहा।

UPCM ने कहा कि प्रदेश सरकार अवस्थापना सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता दे रही है। लखनऊ में मेट्रो रेल सेवा का व्यावसायिक संचालन प्रारम्भ कराया गया। कानपुर, मेरठ एवं आगरा में मेट्रो रेल सेवा की DPR तैयार की जा चुकी है। वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर एवं झाँसी की मेट्रो परियोजनाओं को केन्द्र सरकार की नई नीति के अनुरूप संशोधित किया जा रहा है।

प्रदेश को मिलेगा एक्सप्रेस-वे और अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का तोहफा
UPCM ने कहा कि पिछली सरकार के आधे अधूरे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को पूरा कराते हुए इस पर वाहनों का विधिवत संचालन प्रारम्भ कराया गया। राज्य सरकार पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी कराएगी। जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाए जाने की कार्यवाही तेजी से चल रही है। इसी प्रकार, कुशीनगर में भी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जा रहा है।

प्रदेश के विकास में उठाये अहम् कदम
UPCM ने कहा कि लोक कल्याण के प्रति समर्पित राज्य सरकार बगैर किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लिए कार्य कर रही है। इसके लिए शासन-प्रशासन को संवेदनशील और जवाबदेह बनाया गया है। भोजन, आवास, सड़क, पेयजल और शौचालय जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को चाक-चैबन्द रखने के लिए प्रदेश सरकार निरन्तर सजग है। प्रदेश में शिक्षा का उन्नयन हो, युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो, आम जनता को स्वास्थ्य और परिवहन की अच्छी सुविधा मिल, इसके लिए राज्य सरकार ने लगातार इस दिशा में ठोस प्रयास किए हैं।

सरकार ने कृषि क्षेत्र में किया विकास
UPCM ने कहा कि राज्य सरकार सुशासन के माध्यम से प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने का गम्भीरता से कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मूलतः कृषि पर आधारित है। ऐसा पहली बार हुआ है कि गेहूं के समर्थन मूल्य से अधिक प्रति कुंतल 10 रूपये अतिरिक्त किसानों को दिया गया है और रिकार्ड 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। राज्य सरकार ने नए सत्र में 55 सौ स्थानों पर गेहूं क्रय केन्द्र स्थापित करने की तैयारी कर ली है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए 1735 रुपए प्रति कुन्तल गेहूं का समर्थन मूल्य तय किया है। गत खरीफ सीजन में प्रदेश में 43 लाख मीट्रिक टन धान का भी रिकार्ड क्रय किया गया। किसानों के खाते में उनकी उपज का मूल्य RTGS के माध्यम से सीधे भेजा जा रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों से पहली बार पिछले वर्ष प्रदेश में आलू का समर्थन मूल्य घोषित हुआ। इस वर्ष भी बाजार हस्तक्षेप योजना के अन्तर्गत 01 मार्च से 31 मार्च तक 2 लाख मीट्रिक टन आलू क्रय के लिये 549 रूपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।

किसानों के लिए विभिन्न योजनायें
UPCM ने कहा कि वर्तमान सरकार ने गन्ना किसानों का 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया। पूर्ववर्ती सरकारों ने औने-पौने दाम पर चीनी मिलें बेची थीं। इसके विपरीत वर्तमान सरकार बन्द चीनी मिलों के संचालन के साथ-साथ नई चीनी मिलें भी स्थापित कर रही है। वर्तमान पेराई सत्र में अब तक 15 हजार 30 करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को करवाया गया है। किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा अपनी पहली कैबिनेट बैठक में 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों के 01 लाख रुपए सीमा तक के फसली ऋण को माफ करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया।

बेघर परिवारों को पक्का आवास और अन्त्योदय राशन कार्ड सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने का संकल्प
UPCM ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने देश के सभी बेघर परिवारों सहित कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2022 तक बुनियादी सुविधायुक्त पक्का आवास उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। उनके इस सपने को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत इस वर्ष 08 लाख 85 हजार ग्रामीण बेघर परिवारों के आवास स्वीकृत किए गए हैं। इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अब तक कुल 3 लाख 24 हजार 358 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जा चुकी है।

UPCM ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 37 लाख गरीबों को राशन कार्ड उपलब्ध करवाये हैं, जिनमें 1 लाख से अधिक अन्त्योदय राशन कार्ड हैं। इसी प्रकार, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 65 लाख गरीब माताओं और बहनों को निःशुल्क गैस कनेक्शन भी दिए गये हैं। राज्य सरकार को विरासत में गड्ढा युक्त सड़कें मिली थी, जिन्हें दुरुस्त करने के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया गया। पहले चरण में गड्ढा मुक्त सड़कें और उनके नवीनीकरण के बाद अब प्रदेश में 2-लेन तथा 4-लेन सड़कों का प्राथमिकता पर निर्माण कराया जा रहा है।

बिजली आपूर्ति और पर्यटन क्षेत्र में विकास
UPCM ने कहा कि राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सभी जनपदों को समान बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की है। अब सभी जिला मुख्यालयों को 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र को 20 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घण्टे बिजली दी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में खराब ट्रांसफार्मर को 24 घण्टे व ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घण्टे में बदले जाने की व्यवस्था लागू की गई है। अब तक प्रदेश के 50 हजार से अधिक मजरे विद्युतीकृत किए जा चुके हैं। 25 लाख से अधिक गरीब परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन भी वर्तमान सरकार ने प्रदान किए हैं। तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं।

कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार का लगा लगाम
UPCM ने कहा कि प्रदेश को माफियामुक्त, गुण्डामुक्त तथा भ्रष्टाचारमुक्त कराने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। प्रदेश सरकार महिलाओं एवं बालिकाओं को पूरी सुरक्षा देने के साथ-साथ उनके सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कृतसंकल्प है। इसलिए सत्ता में आते ही प्रदेश सरकार द्वारा ‘एण्टी रोमियो स्क्वाॅयड’ के गठन जैसे कई प्रभावी कदम उठाए गए, जिनका असर पूरे प्रदेश में हुआ है और महिलाएं तथा बच्चियां अब सुरक्षित महसूस कर रही हैं। शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। लम्बे समय के बाद उत्तर प्रदेश में नकलविहीन बोर्ड परीक्षाएं सम्पन्न हो रही हैं। यह पहली बार हुआ है बेसिक विद्यालयों में पढ़ रहे 1 करोड़ 54 लाख बच्चों को दो यूनीफार्म मिली हैं, बैग मिले हैं, पुस्तकें मिली हैं, उनको जूते-मोजे भी दिये गये। उच्च शिक्षा में एक समान पाठ्यक्रम की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।

UPCM ने कहा कि युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के सुगम अवसर प्रदान करने के लिए यह सरकार काम कर रही है। पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में भर्तियों में भ्रष्टाचार का बोलबाला था। इसके विपरीत वर्तमान सरकार द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया बहुत पारदर्शी तरीके से प्रारम्भ की गई है।

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