UPCM ने रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार और बेगम अख़्तर पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित किया
उत्तर प्रदेश।
UPCM ने कहा कि महिलाओं को अन्याय और शोषण बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। उन्हें इसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस हेतु सभी आवश्यक कदम उठाए गये हैं। महिलाओं की सुरक्षा तथा उन्हें अन्याय एवं शोषण से बचाने के लिए हेल्पलाइन ‘181’ प्रारम्भ की गयी है। ‘1090’ पहले से ही संचालित है। प्रदेश सरकार पी.ए.सी. की महिला बटालियन के गठन का कार्य कर रही है। साथ ही, महिलाओं में कुपोषण समाप्त करने के लिए ‘शबरी संकल्प योजना’, बालिकाओं की स्नातक तक निःशुल्क शिक्षा हेतु अहिल्याबाई योजना संचालित की जा रही है।
UPCM ने लोक भवन में उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार एवं बेगम अख़्तर पुरस्कार वितरण समारोह में अपने विचार व्यक्त किये। इस मौके पर कुल 129 महिलाओं एवं बच्चों को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र एवं 01 लाख रुपए की धनराशि प्रदान कर उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। UPCM ने सिंधु, कुंवर दिव्यांश, पल्लवी फौजदार, पुष्पा, डाॅ. ज्युड एमएसजे, तारा, रीतिका, ज्योति श्रीवास्तव, रीमा सिंह, वर्षा सिंह, महजबीं, रंजना द्विवेदी, अवधेश कुमारी, शालिया बानो, शहनाज बानो को स्वयं सम्मानित किया।
इस अवसर पर UPCM ने पं. धर्मनाथ मिश्र एवं उस्ताद सखावत हुसैन खां को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र और 05 लाख रुपए की धनराशि प्रदान कर वर्ष 2017-18 के बेगम अख़्तर पुरस्कार से सम्मानित किया। UPCM ने इस मौके पर बेगम अख़्तर पुरस्कार से सम्मानित पं. धर्मदास मिश्र जी एवं उस्ताद सखावत हुसैन खां जी के गायन के क्षेत्र में योगदान की चर्चा करते हुए उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की।
UPCM ने कहा कि भारतीय समाज में मातृ शक्ति के प्रति सदैव एक विशिष्ट भाव रहा है। भौतिकता में वृद्धि के कारण भेद प्रारम्भ हुआ, जिसके दुष्परिणाम सामने हैं। विगत वर्ष के हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं में अग्रणी आये विद्यार्थियों में बालिकाओं की अधिक संख्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भेदभाव के बावजूद बालिकाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि बालक-बालिका के साथ समान व्यवहार होने पर समाज में सकारात्मक बदलाव आयेगा। इसके लिए व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित महिलाओं से इस जागरूकता की प्रसार के लिए काम करने का आह्वान किया।
UPCM ने कहा कि भारत में आदिकाल से स्त्रियां विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका में रही हैं। वर्तमान समय में भी महिलाएं सभी क्षेत्रों में अपने कार्यों से महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं। समाज में व्याप्त संकीर्ण मानसिकता समाप्त करने तथा बालिकाओं को समान अवसर मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान संचालित किया। इस अभियान का व्यापक प्रभाव हुआ है। लिंगानुपात में तेजी से सुधार के लिए सरकारी प्रयासों के साथ ही समाज में भी जागरूकता का प्रसार करना आवश्यक है।
UPCM ने कहा कि महिलाएं सामाजिक क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। केन्द्र सरकार के वीरता पुरस्कार तथा विगत वर्ष उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित आगरा की नाजिया के सामाजिक कार्यों की चर्चा करते हुए UPCM ने कहा कि जागरूक महिलाओं विशेषकर महिला जनप्रतिनिधियों द्वारा सामाजिक कार्यों में आगे बढ़कर योगदान करना चाहिए। महिला जनप्रतिनिधि ग्राम विकास के कार्यों में रूचि लेकर तथा सामुदायिकता के भाव से विकास कार्यों को आगे बढ़ाकर प्रधानमंत्री जी द्वारा गांधी जी की ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के संकल्प को पूरा करने में योगदान कर सकती हैं।
कार्यक्रम को महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, महिला कल्याण राज्य मंत्री स्वाती सिंह ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास रेणुका कुमार सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।