UPCM ने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की
![UPCM ने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की](https://upcmnews.com/wp-content/uploads/2018/02/Press-2-3.jpg)
उत्तर प्रदेश।
UPCM ने शास्त्री भवन में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत निर्धारित लक्ष्यों को हर हाल में तय समय-सीमा के अन्दर पूरा किया जाए। यदि केन्द्र सरकार के स्तर पर किसी योजना के तहत धनराशि रिलीज करवाने या अन्य कोई समस्या आ रही है, तो इसके लिए सम्बन्धित मंत्रालय से सम्पर्क कर इसका समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिये कि समस्या के सम्बन्ध में उन्हें भी समय रहते सूचित किया जाए।
UPCM ने गांवों और मजरों में विद्युतीकरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना के कार्य में तेजी लायी जाए, ताकि निर्धारित किये गये लक्ष्यों को समय रहते पूरा किया जा सके। उन्होंने 100 की आबादी वाले मजरों को भी इस योजना के तहत शामिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में भारत सरकार के सम्बन्धित मंत्रालय से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने BPL और सामान्य परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिये जाने की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसके तहत निर्धारित किये गये लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये।
योजना के अंतर्गत 2022 तक 1.25 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य
UPCM ने भारत सरकार की उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022 तक प्रत्येक घर को गैस कनेक्शन दिये जाने की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके तहत वर्ष 2022 तक 1.25 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिये जाएं। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सारे प्रयास किये जाएं, ताकि इसके लाभार्थियों को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये जा सकें। उन्होंने कहा कि गैस एजेंसियों द्वारा लाभार्थियों को अनावश्यक परेशान करने की जो शिकायतें मिल रही हैं, उनकी जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने प्रत्येक गैस एजेंसी के बाहर प्रधानमंत्री के चित्र वाला बोर्ड स्थापित करते हुए उस पर इस योजना के लाभार्थियों को सभी आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। उन्होंने बचे हुए लाभार्थियों को इस योजना के तहत शामिल करने के भी निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास निर्माण
UPCM ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्हें अवगत कराया गया कि इसके तहत स्वीकृत आवासों की संख्या 8,87,804 है। जिन लाभार्थियों को प्रथम किश्त अवमुक्त की गयी, उनकी संख्या 8,81,770 है, जो कुल लक्ष्य का 99.32 प्रतिशत है। इसी प्रकार, जिन लाभार्थियों को द्वितीय किश्त अवमुक्त की गयी है उनकी संख्या 8,42,783 है, जो लक्ष्य का 95 प्रतिशत है। उन्हें यह भी अवगत कराया गया कि इसके तहत लाभार्थियों को धनराशि डी.बी.टी. के तहत उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने इसके तहत मकानों में निर्मित कराये जा रहे शौचालयों की स्थिति के विषय में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर मनरेगा में मौजूद धनराशि का प्रयोग इस कार्य के लिए किया जा सकता है।
UPCM ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में आवास निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि इस योजना के तहत निर्माण कार्याें में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से धनराशि रिलीज करवाने के लिए सम्बन्धित मंत्रालय से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने इसके तहत निर्धारित लक्ष्यों को समय रहते पूरा करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने इस योजना के तहत अफोर्डेबिल हाउसिंग के लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों की एक बैठक बुलाने के भी निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि विकास प्राधिकरणों और आवास विकास को अपनी कार्यसंस्कृति में सुधार करना होगा, ताकि लक्ष्यों की पूर्ति की जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ शौचालयों का जल्द हो निर्माण
UPCM ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ शौचालयों के निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्हें अवगत कराया गया कि व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का वार्षिक भौतिक लक्ष्य 78,86,237 निर्धारित किया गया है, जिसके विपरीत भौतिक प्रगति 40.68 प्रतिशत है। ओ.डी.एफ. ग्राम हेतु लक्ष्य 64,256 है, जिसके सापेक्ष भौतिक प्रगति 28.87 प्रतिशत है। उन्होंने इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि 31 मार्च, 2018 तथा 2 अक्टूबर, 2018 तक ओ.डी.एफ. के तहत जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं उन्हें हर हाल में पूरा किया जाए।
UPCM ने कहा कि इस योजना के लिए केन्द्र से धनराशि अवमुक्त कराने के लिए उनकी तरफ से एक पत्र भारत सरकार को भेजा जाए। उन्होंने ओ.डी.एफ. के तहत बनने वाले शौचालयों के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रेरित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों, अल्पसंख्यक बस्तियों इत्यादि में इस सम्बन्ध में एक जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। उन्होंने केन्द्र सरकार को समय से रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में एक रिपोर्ट प्रतिदिन उनके पास भी भेजी जाए। उन्होंने सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि इनका निर्माण सड़क के किनारे न किया जाए। साथ ही, इसके लिए रेलवे की भूमि का उपयोग करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ शौचालयों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसमें भी तेजी लाने के निर्देश दिये।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना हेतु आधार से लिंक करने की योजनावार प्रगति की समीक्षा
UPCM ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना हेतु आधार से लिंक करने की योजनावार प्रगति की भी समीक्षा की। उन्हें अवगत कराया गया कि कुल लाभार्थियों की संख्या 12,61,49,188 के सापेक्ष कुल 11,77,61,762 लाभार्थियों के खाते खोले जा चुके हैं, जो कुल लक्ष्य का 93.35 प्रतिशत है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों और दलितों इत्यादि, जिनके पास BPL-राशन कार्ड नहीं हैं, को अन्त्योदय कार्ड देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पी.ओ.एस. मशीनों की स्थापना से अनाज का सही वितरण हो रहा है। आधार लिंकिंग के कारण अवैध लाभार्थियों की छंटनी काफी हद तक हो चुकी है, ऐसे में उपलब्ध खाद्यान्न को गरीबों में बांटा जाए। उन्होंने कहा कि अन्त्योदय योजना के तहत गरीबों को राशन दिया जाए। उन्होंने लाभार्थियों का सत्यापन करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि यदि किसी गांव में अगर कोई मौत भूख से हो, तो ग्राम प्रधान तथा पंचायत सेक्रेटरी के खिलाफ 120बी के तहत FIR-दर्ज करते हुए उन्हें जेल भेजा जाए। उन्होंने राशन की दुकानों की गतिविधियों की जांच करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के आधार नहीं बन पाए हैं, उनके आधार बनवाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने आधार बनवाने के लिए अवैध धनराशि वसूली की शिकायतों की जांच के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को आधार से लिंक किया जाए।
बैंक खातों में पेंशन DBT के जरिये समय से पहुंचाने के निर्देश
UPCM ने LPG-उपभोक्ताओं का लक्ष्य पूरा करते हुए इसकी सब्सिडी लाभार्थी के खाते में समय से डी.बी.टी. के जरिये पहुंचाने के लिए बैंकों से वार्ता करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने मनरेगा की प्रगति को ठीक करने के भी निर्देश दिये। विभिन्न पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों को आधार से लिंक करते हुए उनकी पेंशन उनके बैंक खातों में डी.बी.टी. के जरिये समय से पहुंचाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने वृद्धावस्था/विधवा पेंशन में मिल रही शिकायतों के जांच के भी निर्देश दिये। पेंशन लाभार्थियों के सत्यापन के निर्देश भी उन्होंने दिये। इसी प्रकार, विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को भी डी.बी.टी. के माध्यम से प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश दिये। UPCM ने श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को डी0बी0टी0 के माध्यम से दी जाने वाली पेंशन की प्रगति के विषय में जानकारी लेते हुए निर्देश दिये कि यदि किसी का आधार लिंक नहीं है, तो उसका आधार लिंक कराकर उसकी पेंशन डी.बी.टी. से दी जाए। इस सम्बन्ध में लोगों को जागरूक भी बनाया जाए।
पेयजल की किल्लत से निपटने के लिए कार्ययोजना
UPCM ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल परियोजनाएं ठीक ढंग से लागू की जाएं, ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। इन्हें चलाने के लिए लोगों से यूजर चार्जेज लिये जाएं। उन्होंने कहा कि इसके विषय में ग्रामीण जनता को सूचित और जागरूक करने के लिए ग्राम प्रधानों इत्यादि की मदद ली जाए। साथ ही, उनकी जवाबदेही भी तय की जाए। उन्होंने वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप्ड वाॅटर सप्लाई योजना को 31 मार्च, 2018 तक पूरा करने और उसे प्रभावी ढंग से चलाने के निर्देश दिये, ताकि लोगों की पेयजल समस्या का समाधान किया जा सके। उन्होंने बुन्देलखण्ड का जिक्र करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अभी से पेयजल समस्या शुरू हो गयी है। उन्होंने स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टैंकर से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। महोबा, चित्रकूट, जालौन इत्यादि क्षेत्रों में भी पेयजल समस्या आ रही है। इन क्षेत्रों में भी टैंकर से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए।
UPCM ने कहा कि बुन्देलखण्ड की पेयजल समस्या से निपटने के लिए केन-बेतवा लिंक योजना लागू की जा रही है। इसके पूरा होने के उपरान्त इस क्षेत्र की जल से सम्बन्धित समस्या का काफी हद तक निदान हो जाएगा। बुन्देलखण्ड की पेयजल समस्या में निजी क्षेत्र की सहभागिता की सम्भावनाओं को भी तलाशा जाए। विंध्य क्षेत्र, कानपुर, आगरा, मथुरा इत्यादि में आ रही पेयजल समस्या से निपटने की भी तैयारी की जाए। इन क्षेत्रों में टैंकर से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने प्रदेश के सभी जनपदों में स्थापित हैण्डपम्पों की मरम्मत समय रहते करवाने के भी निर्देश दिये। UPCM ने शहरी क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें अभी काफी सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में अभियान चलाकर वाॅटर कनेक्शन बांटने के भी निर्देश दिये।