UPCM ने जनपद प्रतापगढ़ की कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की
उत्तर प्रदेश।
UPCM ने जनपद प्रतापगढ़ में कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन पर विशेष जोर देते हुये कहा कि कानून-व्यवस्था के मामलों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों में सीधी दण्डात्मक कार्यवाही के निर्देश भी दिये।
UPCM ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुये जिला प्रशासन को हिदायत दी की कानून-व्यवस्था के सम्बन्ध में बताये गये आंकड़ों के आधार पर सुधार और विकास का परीक्षण नहीं किया जाएगा, बल्कि हर हाल में कानून-व्यवस्था जमीन पर बेहतर हालत में दिखनी चाहिये। उन्होंने पुलिस विभाग द्वारा प्रस्तुत किये गये आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुये कहा कि हालात आंकड़ों से नही आंके जाते। कानून-व्यवस्था आम आदमी के दिल-दिमाग में विश्वास के रूप में दिखनी चाहिये। बेहतर कानून-व्यवस्था सबसे पहले महिलाओं की सुरक्षा के रूप में दिखायी देनी चाहिये। उन्होंने जनपद में एन्टी रोमियो अभियान को और सशक्त बनाने और विमेन पावर लाइन ‘1090’ को प्रभावी ढंग से संचालित किये जाने पर बल दिया। उन्होंने पीड़ित फरियादियों के लिये थाने में सम्मान और सुविधा का वातावरण सृजित करने के लिये अधिकारियों को हिदायत दी और कहा कि सबसे पहले, आने वाले फरियादियों के बैठने और उनकी सांत्वना की व्यवस्था की जाये ताकि उनके मन में सरकार का सहयोग प्राप्त होने का विश्वास पैदा हो सके। साथ ही, हर फरियादी की शिकायत पर थाने में भी विवेचना गुण-दोष के आधार पर की जानी चाहिये।
UPCM ने 04 से 20 दिसम्बर, 2017 तक चलाये गये महिला सुरक्षा अभियान की सफलता पर सन्तोष व्यक्त किया और महिलाओं की सुरक्षा के लिये इस तरह के अभियानों को विशेषकर विद्यालयों में चलाये जाने के लिये तंत्र को प्रोत्साहित किया। इसी प्रकार सड़क दुर्घटनाओं में तात्कालिक सहायता और उनसे बचाव के लिये हेलमेट आदि के प्रयोग के सम्बन्ध में चलाये गये अभियानों की भी उन्होंने सराहना की तथा आगे भी ऐसे अभियानों को इसी प्रकार सतर्कता और जागरूकता से संचालित करने के निर्देश दिए।
UPCM ने आम आदमी को शासन द्वारा चलायी जा रही लोक कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित कराते रहने के लिये सभी जनपदों में जन सुरक्षा एवं जन सुविधा अभियान संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कानून-व्यवस्था के प्रभावी नियंत्रण के लिये जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को सीधी जिम्मेदारी दी और कहा कि ये वरिष्ठ अधिकारी थानों में जाकर स्वयं इस बात का निरीक्षण करें कि अपराध नियंत्रण के सम्बन्ध में आंकड़े फर्जी तौर पर प्रस्तुत न किये जायें। कानून-व्यवस्था में सुधार का प्रयास हकीकत में हर स्तर पर नजर आना चाहिये। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था या किसी भी मामले में आंकड़ों की बाजीगरी से आम जनता का विश्वास नहीं जीता जा सकता। इसके लिये वास्तविक स्तर पर तथा जमीनी स्तर पर सही प्रयास किया जाना जरूरी है। अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिये UPCM ने यह अनिवार्य निर्देश दिये कि दागी अधिकारियों को थाने का प्रभार कतई न दिया जाये और थानाध्यक्ष थाने के परिसर में ही निवास करें। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुये कहा कि थाने में थानाध्यक्ष का निवास करना उनके स्तर से सुनिश्चित कराया जाये ताकि 24 घण्टे हर समय आम आदमी को सुरक्षा की कठिनाई न हो। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को यह भी जिम्मेदारी दी कि वे लगातार निरीक्षण करते रहें और लम्बित प्रकरणों की अद्यतन जानकारी हमेशा अपने पास रखें। किसी भी समय शासन उसकी जानकारी उनसे प्राप्त कर सकता है।
UPCM ने पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन को यह जिम्मेदारी दी कि जनता के किसी भी मामले में किसी भी स्तर पर अवैध वसूली को तत्काल रोका जाये। ग्रामीण जनता द्वारा अपनी आवश्यकता के लिये मिट्टी के खनन को सरकार ने राॅयल्टीमुक्त कर दिया है, उस पर वसूली की शिकायत नहीं प्राप्त होनी चाहिये। इस सम्बन्ध में शिकायत पाये जाने पर सम्बन्धित के विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
जल निगम के पूर्व अधिशासी अभियन्ता के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितता के मामलों पर UPCM ने काफी गम्भीरता व्यक्त की और प्राप्त शिकायतों के आधार पर इस मामले में संलिप्त सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को आज ही सायंकाल तक न केवल निलम्बित कर दिये जाने के निर्देश दिये, बल्कि उनके खिलाफ आर्थिक मामलों से सम्बन्धित अपराध की धाराओं में तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश भी दिया। UPCM ने इस सम्बन्ध में अत्यन्त कड़ाई से कार्यवाही करने का निर्देश देते हुये यह भी कहा कि इस भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की चल-अचल सम्पत्ति का विवरण तत्काल शासन को भेजा जाये ताकि उनके दोषी पाये जाने पर उनकी सम्पत्ति जब्त किये जाने की कार्यवाही भी की जा सके।
जन समस्याओं के निराकरण के मामलों की UPCM ने गहन समीक्षा की तथा तहसील/थाना समाधान दिवसों को अत्यधिक प्रभावी बनाये जाने पर बल दिया। उन्हांेने कहा कि इन कार्यक्रमों में आने वाली शिकायतों पर गम्भीरता के साथ व्यावहारिक एवं प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित किया जाये तथा किसी भी फरियादी को बिना निस्तारण के वापस न किया जाये। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि तहसील तथा सामुदायिक चिकित्सालयों एवं विकासखण्डों पर तैनात अधिकारी अपनी नियुक्ति स्थान पर ही निवास भी करें तथा हर समय जनता के लिये उपलब्ध रहें। सामुदायिक चिकित्सालयों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इन अस्पतालों में निःशुल्क दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर बल दिया जाये तथा किसी भी स्तर का चिकित्सक अपने ऊपर के स्तर के अधिकारी यथा चिकित्सक सी.एम.ओ. को तथा CMO जिलाधिकारी को सूचित करने और स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही अपना मुख्यालय छोड़े।
गरीब जरूरतमंद बीमार व्यक्तियों के लिये ग्राम निधि से 5000 रू. की सहायता तत्काल दिये जाने के लिये व्यवस्था करने के UPCM ने निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि हर प्रकार की छात्रवृत्तियां साल में दो बार 02 अक्टूबर और 26 जनवरी तक खातों में प्राप्त हो जानी चाहिये तथा इसकी समीक्षा इन तिथियों तक न्यूनतम दो बार अवश्य की जाये। उन्होंने पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति की छात्रवृत्तियों को अनिवार्य रूप से सम्बन्धितों के खाते में समय से पहुंचा दिये जाने पर जोर दिया।
फसल ऋण मोचन योजना की समीक्षा करते हुये UPCM ने इस बात के सख्त निर्देश दिये कि इस योजना के संचालन में शिकायत पाये जाने पर तत्काल कड़ी कार्यवाही की जाये और दोषियों को दण्डित किया जाये। उन्होंने गर्मी के मौसम को देखते हुये गांवों के समीप तालाबों और पोखरों में जलापूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिये तथा यह भी कहा कि किसी भी क्षेत्र में पेयजल का संकट न होने पाये, इसका विशेष ध्यान रखा जाये। ग्रामीण पेयजल मिशन की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी गांवों में पाइप पेयजल योजनाओं को सफल रूप से संचालित किये जाने के लिये टास्क फोर्स गठित करें और किसी भी हालत में गांवों में पेयजल का संकट न होने दें। पेयजल आपूर्ति के लिये संचालित की जाने वाली मोटर्स के क्षतिग्रस्त हो जाने पर उसकी मरम्मत तत्काल करायी जाये। इस पर जिलाधिकारी स्वयं ध्यान दें।
UPCM ने बिजली आपूर्ति की समीक्षा करते हुये गांवों एवं शहरी क्षेत्रों में निर्धारित रोस्टर के अनुरूप निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुये कहा कि जनप्रतिनिधियों को एक टोल फ्री नम्बर उपलब्ध करा दिया जाये, जिस पर जनता इस सम्बन्ध में अपना फीड बैक और शिकायतें उनके माध्यम से तत्काल पहुंचा सके। उपभोक्ताओं के बिल अधिक आने की शिकायत पर भी मुख्यमंत्री जी ने संज्ञान लिया और इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश बिजली विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने ट्रान्सफाॅर्मर खराब होने की स्थिति में तत्काल उसके बदले जाने की कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने सौभाग्य योजना में हीला-हवाली करने वाली एजेन्सी के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये।
जनपद की सड़कों के निर्माण, उनके गड्ढामुक्त किये जाने तथा नई सड़कों के निर्माण की समीक्षा करते हुये UPCM ने कहा कि प्रतापगढ़ जनपद आगामी कुम्भ की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है तथा यहां से गुजरने वाली सड़कें प्रयाग कुम्भ के लिये यातायात का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। इसके लिये इनके निर्माण, संरक्षण और गड्ढामुक्त किये जाने की कार्यवाही समय से पूरी करते हुये इन्हें उच्च गुणवत्ता के साथ हर हाल में आगामी अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाये ताकि कुम्भ के लिये एक सुगम आवागमन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह अधिकारियों को स्मरण कराया कि प्रयाग, प्रतापगढ़ के माध्यम से अयोध्या-वाराणसी आदि पर्यटन स्थलों से सीधे जुड़ा है, इसलिये यहां की सड़कों पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने जिलाधिकारी को यह निर्देश दिये कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण में जहां-जहां अवरोध उत्पन्न होता है, वहां सभी जिलों के जिलाधिकारी स्वयं जाकर इन गतिरोधों को दूर करें तथा सभी गांवों तक गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण में एक वाॅलेन्टियर की तरह अपना योगदान करें।
UPCM ने प्राथमिक शिक्षा के माॅडल स्कूलों में होने वाले सुविधा सम्बन्धी प्रयोगों यथा रनिंग वाॅटर, टाइल्स, बाउण्ड्रीवाॅल आदि निर्मित किये जाने के अभियान की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुये कहा कि माॅडल स्कूलों के लिये चलाये जा रहे इस अभियान में पूरे प्रदेश में अत्यन्त उत्साहवर्धक आंकड़े प्राप्त हुये हैं, इसे आगे बढ़ाना चाहिये।
बैठक के प्रारम्भ में योगी जी ने विकास कार्यों से सम्बन्धित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। बैठक में प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह, ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’, अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।