UPCM ने कीट-रोग नियंत्रण योजना के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया
उत्तर प्रदेश।
UPCM ने विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट-रोग नियंत्रण योजना के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए कहा कि यह योजना किसानों के लिए अत्यन्त लाभकारी है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन से किसानों की उपज काफी बढ़ सकती है। इस योजना से किसानों की उपज बढ़ाते हुए उनकी आय को दो-गुना करने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत किसान को दिये जाने वाले अनुदान से कीटनाशकों के उचित प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा।
UPCM ने कहा कि कीट-रोग नियंत्रण योजना का उद्देश्य पर्यावरण को विषैले कीटनाशक रसायनों से होने वाले दुष्प्रभावों और कृषि लागत को कम करके किसानों को अधिक आर्थिक लाभ पहुंचाने का होना चाहिए। उन्होंने एकीकृत नाशी जीव प्रबन्धन के अन्तर्गत जैव रसायनों से कृषकों को सुरक्षित एवं विषरहित खाद्यान्न उत्पादन में सहयोग प्रदान किये जाने के निर्देश दिये। UPCM ने बायो पेस्टीसाइड्स तथा बायोएजेण्ट्स के उत्पादन को बढ़ाते हुए इनके उपयोग का व्यापक प्रचार-प्रसार कर खपत को बढ़ावा देते हुए कीटनाशी रसायनों के प्रयोग में कमी लाये जाने के भी निर्देश दिये।
प्रस्तुतिकरण के दौरान प्रमुख सचिव कृषि ने UPCM को बताया कि किसानों में कीटनाशी रसायनों को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। लघु एवं सीमान्त कृषकों को बायोपेस्टीसाइड्स-बायोएजेण्ट्स पर 75 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि समस्त कृषकों को बीजशोधक रसायनों पर 75 प्रतिशत अनुदान, लघु एवं सीमान्त कृषकों को कृषि रक्षा रसायनों पर 50 प्रतिशत अनुदान, लघु एवं सीमान्त कृषकों को कृषि रक्षा यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा लघु एवं सीमान्त कृषकों को बखारी पर 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस योजना के तहत, किसानों को कीटों से निपटने के लिए सहायता उपलब्ध कराने की दृष्टि से सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पी.सी.एस.आर.एस.) की स्थापना भी की गयी है। इसके तहत, मोबाइल नम्बर 9452247111 तथा 9452257111 पर किसान SMS या व्हाट्सएप के माध्यम से कीट-रोग सम्बन्धी समस्याएं भेजकर उनका समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए किसान को अपना नाम व पूरा पता देना होगा।
प्रस्तुतिकरण के दौरान कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव कृषि, गन्ना आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।