UPCM ने कहा बुन्देलखण्ड में पेयजल समस्या पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने कहा है कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल की कमी किसी भी हाल में न हो। किसी इन्सान, पशु-पक्षी इत्यादि को पेयजल के संकट का सामना न करना पड़े। इसके लिए सारी तैयारियां समयबद्ध ढंग से कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि झूठी सूचनाएं व आंकड़ों की बाजीगरी अब नहीं चलेगी। भौतिक सत्यापन किया जाएगा। वे स्वयं भी बुन्देलखण्ड के दौरे पर जाएंगे। बुन्देलखण्ड में पेयजल समस्या पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल निगम तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी बुन्देलखण्ड क्षेत्र का दौरा करें और वहां कैम्प कर पेयजल समस्या का समाधान सुनिश्चित करें।

UPCM ने शास्त्री भवन में बुन्देलखण्ड में पेयजल की समस्या के बारे में आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बुन्देलखण्ड के सभी जनपदों – झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट में पेयजल समस्या के समाधान के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर पेयजल समस्या के समाधान के लिए टीम बनायी जाए। अनुश्रवण के लिए प्रत्येक जनपद में कन्ट्रोल रूप बनाए जाएं, जहां पर जिम्मेदार कर्मचारियों की उपस्थिति हो। टैंकरों और पाइप से पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

UPCM शास्त्री भवन में बुन्देलखण्ड में पेयजल की समस्या की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए
UPCM शास्त्री भवन में बुन्देलखण्ड में पेयजल की समस्या की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए

UPCM ने सख्त निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या की शिकायत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तालाबों को प्राथमिकता के स्तर पर भरने और खुदवाने का कार्य भी किया जाए। यह प्रयास भी किया जाए कि कम लागत में बुन्देलखण्ड के प्रत्येक गांव तक पेयजल की व्यवस्था पहुंचे। योजनाओं के तहत आवंटित धनराशि का पूरा उपयोग समयबद्ध ढंग से जनता के हित में किया जाए, ताकि बुन्देलखण्ड में पेयजल की समस्या को दूर किया जा सके। UPCM ने मिर्जापुर मण्डल, कानपुर देहात तथा आगरा व मथुरा में भी पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव राजीव कुमार, उत्तर प्रदेश जल निगम के अध्यक्ष जी.बी. पटनायक, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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