UPCM और गृह मंत्री की मौजूदगी में महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम की बैठक हुई सम्पन्न

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम को मूर्त रूप देने के लिए राज्य सरकार द्वारा व्यापक कार्ययोजना बनायी गई है। योजना की सफलता के लिए कार्यक्रम से सम्बन्धित सभी लोगों को सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। जनसहभागिता से कार्यक्रम के लक्ष्य आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके लिए संसाधनों की कमी नहीं है।

UPCM ने योजना भवन में महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम के सम्बन्ध में आहूत एक बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा इस वर्ष जनवरी में महत्वाकांक्षी जनपदों में परिवर्तन कार्यक्रम शुरू किया गया है। देशव्यापी इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इन जनपदों का त्वरित और प्रभावी रूपान्तरण करना है, जो किन्हीं कारणों से विकास की दौड़ में पिछड़ गये हैं। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी का इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर मार्गदर्शन करने के लिए आभार भी जताया।

UPCM ने कहा कि महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण हेतु नीति आयोग द्वारा पूरे देश से चयनित कुल 115 महत्वाकांक्षी जनपदों में प्रदेश के आठ जनपद-बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चन्दौली, फतेहपुर तथा चित्रकूट शामिल हैं। इसके लिए जो व्यापक रूपरेखा तय की गई है उसका मुख्य आधार केन्द्र एवं राज्य की योजनाओं में कन्वर्जन्स द्वारा उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करना है। इसके लिए केन्द्रीय प्रभारी अधिकारियों, राज्य स्तरीय प्रभारी अधिकारियों तथा सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा पारस्परिक सहयोग के आधार पर एक टीम के रूप में कार्य किया जाएगा। इसमें जन सहभागिता की भी बड़ी भूमिका होगी।

UPCM ने कहा कि नीति आयोग द्वारा विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श के उपरान्त, 49 प्रमुख संकेतकों को जनपदों की प्रगति को मापने के लिए चुना गया है। इनमें प्रमुख रूप से स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि, एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास तथा आधारभूत संरचना क्षेत्रों को लिया गया है, क्योंकि इन क्षेत्रों में होने वाली प्रगति का सीधा प्रभाव जनमानस के जीवन स्तर में प्रभावी सुधार के रूप में परिलक्षित होता है।

UPCM ने कहा कि राज्य सरकार इन जनपदों के त्वरित एवं समन्वित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य क्षेत्र में जनपद में मानक के अनुरूप चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती होगी। चार महत्वाकांक्षी जनपदों श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर तथा बलरामपुर में विषाणुजनित रोगों का प्रभाव अधिक होता है। इसके लिए 02 अप्रैल, 2018 से विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। बहराइच में मेडिकल काॅलेज का निर्माण हो रहा है। सिद्धार्थनगर और फतेहपुर में भी मेडिकल काॅलेज बनाया जाएगा। इसी प्रकार अन्य जनपदों में भी कार्ययोजना के अनुसार काम किया जा रहा है।

UPCM ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार प्रभावी परिवर्तन लाने के लिए सतत प्रयासरत है। भावी पीढ़ी को संस्कार युक्त और राष्ट्रीयता से युक्त शिक्षा प्राप्त हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 02 अप्रैल, 2018 से स्कूल चलो अभियान संचालित है। पिछले वर्ष 01 करोड़ 54 लाख बच्चों का नामांकन हुआ था। वर्तमान सत्र में राज्य में NCERT का पाठयक्रम लागू किया गया है। इस वर्ष 01 करोड़ 60 लाख छात्रों के नामांकन का अनुमान है।

UPCM ने कहा कि राज्य सरकार हर जनपद में कृषि विकास केन्द्रों की स्थापना करने जा रही है। ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना में प्रत्येक जनपद के उत्पाद की ब्रांडिंग के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। केन्द्र द्वारा संचालित मुद्रा, स्टैंडअप, स्टार्टअप योजनाएं इसके क्रियान्वयन में उपयोगी हो सकती है। हर पात्र व्यक्ति को राशन कार्ड की उपलब्धता हेतु व्यवस्था की गई है। बाढ़ और आग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना में आवास की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के 1556 पिछड़े गावों में सभी प्रकार की सुविधाओं के लिए योजना तैयार की गई है। इन पिछड़े गावों में महत्वाकांक्षी जनपदों के अधिकतर गांव शामिल हैं। ग्राम्य विकास विभाग इस योजना हेतु नोडल विभाग है।

UPCM ने कहा कि 14 अप्रैल, 2018 को बाबासाहब डाॅ. भीमराव रामजी आंबेडकर की जयन्ती पर हर विकासखंड के ऐसे गांवों में, जहां अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, राज्य सरकार के मंत्रिगण जाकर केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं यथा सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना, व्यक्तिगत शौचालय, मुख्यमंत्री आवास योजना, सामूहिक विवाह योजना आदि योजनाओं से इन गांवों को सभी पात्र व्यक्तियों को संतृप्त करें। यह कार्य सभी जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से आगे बढ़ाया जाए।

UPCM ने कहा कि टीम वर्क एवं संचालित योजनाओं की जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन समीक्षा से सार्थक परिणाम सामने आ सकते हैं। महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम के लिए जिलाधिकारियों को प्रतिदिन फोकस प्वांइट से सम्बन्धित कार्ययोजना की समीक्षा करनी चाहिए। इसी प्रकार सम्बन्धित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जानी चाहिए। प्रभारी अधिकारी पूरी कार्ययोजना के साथ जनपदों में जाएं, योजना से सम्बन्धित कार्यों के भौतिक सत्यापन के साथ ही, लोगों से संवाद कार्य करने से आसानी से वांछित लक्ष्य प्राप्त किये जा सकते हैं।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। इसलिए देश के विकास में उत्तर प्रदेश का योगदान अवश्यम्भावी है। विगत कई वर्षाें में देश का GDP उच्च होने के बावजूद मानव विकास सूचकांक में देश 138 वें स्थान पर है। इस सूचकांक में देश को ऊंची पावदान पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा महत्वाकांक्षी जनपदों का रूपान्तरण कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मुख्य रूप से जनपदों की शक्तियों, त्वरित सुधार हेतु कार्यों का चिन्हांकन, प्रगति का अनुश्रवण एवं तद्नुरूप जनपदों की रैकिंग पर केन्द्रित है। कार्यक्रम के तहत जनपदों का सर्वप्रथम राज्य के अन्दर सर्वश्रेष्ठ जनपद के रूप में उभरना, प्रतिस्पर्धात्मक एवं सहकारी संघवाद की भावना में प्रतिस्पर्धा करके और दूसरों से सीखकर देश में सर्वश्रेष्ठ बनने की परिकल्पना को महत्व दिया गया है। नीति आयोग द्वारा विभिन्न संकेतकों के सन्दर्भ में लक्ष्यों के निर्धारण एवं उन्हें प्राप्त किये जाने की रणनीति के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक चिन्हित कर तैयार किया गया है। डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान में इंगित चुनौतियों एवं रणनीति के सन्दर्भ में विभागों द्वारा तद्नुसार कार्य योजना तैयार किया जाना है। नीति आयोग द्वारा जनपदों के प्रयासों का मूल्यांकन रियल टाइम मानीटरिंग डैशबोर्ड के माध्यम से किया जाएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान के क्रियान्वयन हेतु जनपदों से अपेक्षा है कि कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर जनांदोलन के रूप में लागू किया जाए। केन्द्र, राज्य तथा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग पर विशेष बल देने के साथ बेस्ट प्रेक्टीसेज को अपनाया जाए। केन्द्रीय प्रभारी अधिकारियों तथा राज्य प्रभारी अधिकारियों की रिपोर्ट पर कृत कार्यवाही पर आख्या उपलब्ध करायी जाए। नीति आयोग द्वारा विकसित रियल टाईम मानीटरिंग डैशबोर्ड पर डाटा इन्ट्री निर्धारित अवधि में सुनिश्चित की जाए, शासन स्तर पर सम्बन्धित विभागों से निरन्तर संवाद स्थापित रखा जाए। साथ ही, प्रतिबद्धता एवं समर्पित भावना से साथ कार्य किए जाएं। गृहमंत्री ने कहा कि प्रभारी अधिकारियों से अपेक्षा है कि केन्द्रीय प्रभारी अधिकारियों तथा राज्य के प्रभारी अधिकारियों द्वारा जनपदों का भ्रमण संयुक्त रूप से किया जाए ताकि समन्वित प्रयास से विकास को दिशा मिल सके। जनपदों के संकेतकों में सुधार के लिए जनपद स्तरीय प्रशासनिक मशीनरी को सतत् मार्ग दर्शन किया जाए।

कार्यक्रम के दौरान नीति आयोग के सलाहकार राकेश रंजन ने महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया। प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जनपदों के जिलाधिकारियों द्वारा भी जनपदों के रूपान्तरण में चुनौतियों एवं रणनीति के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया गया।

इस अवसर पर प्रदेश के महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण हेतु नामित केन्द्रीय प्रभारी मंत्रिगण अनुप्रिया पटेल (सोनभद्र), साध्वी निरंजन ज्योति (चित्रकूट), कृष्णा राज (बलरामपुर), डाॅ. महेश शर्मा (बहराइच), संतोष कुमार गंगवार (श्रावस्ती), शिव प्रताप शुक्ला (सिद्धार्थनगर), मनोज सिंन्हा (चन्दौली), डाॅ. सत्यपाल सिंह (फतेहपुर), जनपदों के प्रदेश के नामित प्रभारी मंत्रिगण डाॅ. महेन्द्र सिंह (चित्रकूट), रणवेन्द्र प्रताप सिंह (श्रावस्ती), चेतन चैहान (सिद्धार्थनगर), जय प्रताप निषाद (चन्दौली), सत्यदेव पचैरी (फतेहपुर), मुख्य सचिव राजीव कुमार, कृषि उत्पादन आयुक्त आर.पी. सिंह, उत्तर प्रदेश राज्य नोडल अधिकारी नीना शर्मा, नीति आयोग द्वारा नामित केन्द्रीय प्रभारी अधिकारीगण, प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारीगण तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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