UPCM Help Line 1076, तीन महीने आश्वासन की रोटी, फिर खाई खरी खोटी, नहीं मिली अभी तक रोटी

रिपोर्ट – अभिषेक मणि त्रिपाठी।
उत्तर प्रदेश।
UPCM 1076 हेल्पलाइन में तीन दिन चले कर्मचारियों के हंगामे को पूर्णविराम लगा। हंगामे की वजह 3 महीने वेतन न मिलना और सीनियर स्टाफ से न ख़ुश कर्मचारी, युवा कर्मचारियों ने वेतन को लेकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। सभी का आरोप था की माह जनवरी से वेतन देने का वादा करी Surevin BPO सिर्फ वेतन के नाम पर आश्वाशन दे रही थी, इसी वजह से कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया और सभी कर्मचारी अपने हक़ के मांग के लिए प्रदर्शन का रास्ता चुना। मामला तूल पकड़ा तो कोई CYBER TOWER की छठी मंजिल से छलांग लगाने निकल पड़ा तो कोई बेहोंश हुआ।तीन दिन अफवाहों से घिरा रहा 1076, लेकिन मामला UPCM का था, तो मुख्य सचिव ने मामले का संज्ञान लेकर जल्द मामले को सुलझाने का आदेश दिया। सभी को काम पे वापस जाने को कहा और सैलरी की समस्या का जल्द निस्तारण करने को कहा।

मुख्यसचिव ने आदेश तो दिया, लेकिन Surevin BPO को इस प्रदर्शन से मन ही मन कर्मचारियों से द्वेष की भावना जाग गई, जिसका नजारा 9 मार्च 2018 की सुबह से देखने को मिला। जब प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी मुख्यसचिव के अस्वाशन के बाद काम पर लौटे, तो उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ। किसी ने आरोप लगाया कि जबर्दस्ती इस्तीफ़ा मांगा जा रहा, तो किसी महिला का आरोप लगा की कॉफी में नासिला पदार्थ मिला दिया, हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई।

 

आपको बता दें कि मात्र 1 घंटे में 1076 का माहौल अफ़रा तफरी का हो गया। लोहिया इमरजेंसी से 1076 तक हाहाकार मच गया। दिन भर अफवाहों के बादल गर्म रहे। मामले की और जानकारी लेने पर पता चला कि कर्मचारी का आरोप है कि कई बार कंपनी के आलाधिकारी से वेतन को लेकर मांग की और सिर्फ आश्वासन दिया लेकिन वेतन नही मिला। कई युवा महिला और पुरुष कर्मचारी इस बात को लेकर पुलिस और जिला प्रशाषन के अधिकारियों तक किया, लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। कर्मचारियों ने यहाँ तक आरोप लगाया की कंपनी के आलाधिकारो के साथ मिलकर पुलिस भी मामले को टरकाने में लगी है और उन्हें इंसाफ दिलाने की बजाए उल्टा उन्हीं पर दबाव बनाने में लगी है। साथ ही जब उन्होंने वापस कंपनी के लोगो से बात करनी चाही तो उनपर डरा धमका कर दबाव बनाने लगे। जिससे आहत होकर कई कर्मचारी प्रदर्शन करने पहुँचे जहां उनकी हालत नाजुक हो गयी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक महिला बेहोश हुई जिसे लोहिया में एडमिट कराया गया, बाद में स्थिति सामान्य होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

 

शुक्रवार 9 मार्च को जब बवाल और प्रदर्शन की सूचना मिली तो पुलिस भी मौके पहुँची और स्तिथि पर नियंत्रण पाने में कामयाब रही। सीओ गोमतीनगर दीपक सिंह के नेतृत्व में एसओ विभूति खण्ड सतेंद्र राय और उनकी टीम ने कोई अप्रिय घटना न हो सके उसके लिए पूरी चौकसी दिखाई। साथ ही ACM-4 ने कर्मचारियों को शांति बनाए रखने को कहा। कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया कि उनके वेतन को लेकर समस्या है उसके लिए कंपनी के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर मामले का हल निकालने की कोशिश की गयी है। जल्द ही लोगो के एकाउंट में कंपनी द्वारा सैलरी पहुँचा कर और आफर लेटर दिलाकर कर्मचारीयो को राहत दी जाएगी।

 

अब देखना ये है कि 3 दिन चले इस वेतन मांग का प्रदर्शन कुछ रंग लाता है या अभी भी कर्मचारियों को आश्वासन की रोटी ही सेकनी होगी? क्या आगे भी ऐसे Surevin BPO की तरह सरकारी प्रोजेक्ट से जुड़े ये डिजिटल युग के प्राइवेट ऑफिस कर्मचारियों के साथ ऐसा ही खेल खेलते रहेंगे या सरकार इस पे सख्त होगी? ये तो आने वाला समय ही बतायेगा क्योंकि युवा देश का भविष्य है और जिस तरह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेन्टर में युवाओं के साथ प्राइवेट कंपनी जालसाजी कर युवाओं से धोखा देने का प्रयास किया है। युवा किस आधार पर अपने भविष्य को सुरक्षित मानेंगे? आखिर क्यों इस प्रदर्शन की जरुरत पड़ी? और क्यू सरकार के हरकत में आते ही सैलरी की अड़चने दूर हुई, कहीं न कहीं कम्पनी की खामी दिखती है।

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