UPCM की अध्यक्षता में UP-राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक सम्पन्न

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए। समय-समय पर उनकी रिफ्रेशर ट्रेनिंग करवायी जाए। इसके लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि राजमार्गाें पर चलने वाले चालकों के लिए सुविधाओं की व्यवस्था की जाए। साथ ही, टायर बस्र्ट से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए चालकों को जागरूक किया जाए। इसके लिए उन्हें अपने वाहनों के टायरों में नाइट्रोजन का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए।
हर 6 माह पर चेकअप करवाने के निर्देश
UPCM ने कहा मार्ग दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को लेकर सरकार अत्यन्त चिन्तित और गम्भीर है। इन्हें रोकने के लिए गम्भीर प्रयास करने होंगे। मार्ग दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ड्राइवरों की लापरवाही, ओवर स्पीडिंग और शराब पीकर वाहन चलाना है। इन पर हर हाल में लगाम लगानी होगी। उन्होंने ड्राइवरों के स्वास्थ्य का हर 6 माह पर चेकअप करवाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हुए उन्हें इनके पालन के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
अवैध कट को बन्द करने के निर्देश
यमुना एक्सप्रेस-वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पेट्रोलिंग व्यवस्था की समीक्षा करते हुए UPCM ने कहा कि तेज गति से चलने वाले वाहनों के कारण इन पर सजग पेट्रोलिंग की आवश्यकता है। उन्होंने इन एक्सप्रेस-वेज़ पर मौजूद अनावश्यक और अवैध कट को बन्द करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश के मार्गाें पर मौजूद ‘ब्लैक स्पाॅट्स’ की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि ऐसे स्थलों के विषय में वाहन चालकों को संकेतक लगाकर पहले से सूचित किया जाए। ऐसा करने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
ट्रैफिक नियमों पालन के प्रति प्रेरित किया जाए
UPCM ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की इम्पावर्ड कमेटी आॅन रोड सेफ्टी द्वारा दिये गये निर्देशों, जैसे दो-पहिया वाहन चालकों के साथ सहयात्री को भी अनिवार्य रूप से हेल्मेट पहनना, लेन ड्राइविंग एवं ओवर टेकिंग हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकाॅल का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने लोगों को मार्ग दुर्घटना में घायलों को बिना किसी डर के अस्पताल पहुंचाने के लिए संवेदनशील बनाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लोग पुलिस के भय से मार्ग दुर्घटना के घायलों की मदद नहीं करते। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक अभियान चलाकर लोगों के मन में व्याप्त भय को दूर किया जाए।
ट्रैफिक जागरूकता एवं सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित अभियान चलाने के निर्देश
UPCM ने कहा कि ट्रैफिक जागरूकता एवं सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित अभियान निश्चित अन्तराल पर लगातार चलाया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूली छात्र-छात्राओं को स्कूल के स्तर पर ही सड़क सुरक्षा तथा सेफ ड्राइविंग के विषय में शुरू से ही जागरूक बनाया जाए। उन्हें ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी दी जाए। साथ ही, उन्हें इस बात का सुझाव दिया जाए कि वे अपने परिवार के बड़े सदस्यों को हेल्मेट पहनने, सीट बेल्ट बांधने और सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों से सम्पर्क कर छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद स्थापित किया जाए।
‘ड्रंकेन ड्राइविंग’ के मामलों में सख्ती बरतने के निर्देश
UPCM ने कहा कि दुपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें हेल्मेट पहनकर वाहन चलाने के लिए जागरूक बनाते हुए उन्हें प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सख्ती भी की जाए, लेकिन ऐसा करने से एक माह पूर्व एक अभियान चलाया जाए, जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार मीडिया में सुनिश्चित किया जाए कि दुपहिया वाहन चालकों को हेल्मेट पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही, पीछे बैठने वाले व्यक्ति के लिए भी हेल्मेट पहनना अनिवार्य होगा। तत्पश्चात इस नियम का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर नियम का उल्लंघन करने वालों का चालान किया जाए। यदि लोग हेल्मेट के महत्व को समझेंगे और इसे पहनना शुरू कर देंगे तो दुर्घटनाओं में लोगों की मौत की संख्या में काफी कमी आएगी। उन्होंने ‘ड्रंकेन ड्राइविंग’ के मामलों में सख्ती बरतने के भी निर्देश दिये।
UPCM ने यातायात एवं सड़क सुरक्षा के लिए जिलास्तर पर वर्ष में 6 बार बैठकें बुलाने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला, तहसील और ब्लाॅक स्तर तक सड़क सुरक्षा, यातायात सुरक्षा तथा ट्रैफिक नियमों के पालन के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक बनाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अगले 15 दिनों में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद से जुड़े सभी विभागों को अपनी-अपनी कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को आज की बैठक के फैसलों के विषय में सूचित करने तथा उनका अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि 12 अप्रैल, 2018 तक सभी जिलाधिकारियों से सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में उनके सुझाव मांगे जाएं। साथ ही, वे सभी सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित अपनी-अपनी कार्ययोजना भी प्रस्तुत करें।
बैठक के दौरान सड़क सुरक्षा हेतु संस्थागत व्यवस्था तथा इनमें उत्तर प्रदेश की स्थिति का विश्लेषण किया गया। परिषद की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों और उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति के निर्देशों के अनुपालन की विभागवार स्थिति की भी समीक्षा की गयी। बैठक के दौरान सड़क सुरक्षा हेतु भावी कार्ययोजनाओं तथा प्रस्तावों पर भी विचार किया गया।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्य सचिव राजीव कुमार सहित अपर मुख्य सचिव माध्यमिक, उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव वित्त संजीव मित्तल और सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
