नगर आयुक्त के आदेशों को दरकिनार कर ‘सेटिंगबाज’ बाबुओं की जुगाड़ जारी, ट्रांसफर के बाद भी जमे….
जाकिर अली और सोनी का दबदबा कायम, ट्रांसफर के बाद भी नहीं छोड़ रहे कुर्सी

नगर निगम में पारदर्शिता और सुशासन के दावे उस वक़्त सवालों के घेरे में आ गए जब नगर आयुक्त द्वारा जारी ट्रांसफर आदेशों के बावजूद कुछ बाबू अब भी पुरानी कुर्सी पर जमे बैठे हैं। 6 अक्टूबर को नगर आयुक्त द्वारा जारी आदेश में कई बाबुओं का विभागीय तबादला किया गया था, परन्तु आदेशों की अवहेलना करते हुए ‘सेटिंगबाज’ बाबू अब भी गार्डन (उद्यान) विभाग की कुर्सी पर विराजमान हैं।
सूत्रों के अनुसार, एक विशेष बाबू, जो बीते चार वर्षों से उद्यान विभाग में तैनात हैं, जिसको हटाने के लिए नगर आयुक्त ने स्पष्ट आदेश दिए थे। लेकिन, सिफारिशी लेटर और अंदरूनी ‘प्रेशर’ की वजह से संबंधित अधिकारी आदेशों को अमल में लाने से कतरा रहे हैं। माना जा रहा है कि उद्यान विभाग की “हरियाली” सिर्फ पेड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कुछ और ही ‘लाभ’ छिपे हैं, जिन्हें छोड़ना कुछ बाबुओं के लिए आसान नहीं।
इससे पहले भी, पूर्व नगर आयुक्तों को इस बाबू की शिकायतें मिल चुकी हैं, लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक पहुंच के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। ऐसा प्रतीत होता है कि चाहे लखनऊ की मेयर हों या नगर आयुक्त, सभी इन रसूखदार बाबुओं के आगे बेबस दिखाई दे रहे हैं।
नगर निगम के आंतरिक सूत्र बताते हैं कि यदि इस तरह से नियमों की अनदेखी होती रही, तो नगर निगम में जवाबदेही और अनुशासन नाम की चीज़ खत्म होती चली जाएगी।
अब देखना यह होगा कि नगर आयुक्त अपने ही आदेशों को लागू कराने में कितनी सख्ती दिखाते हैं, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ‘फाइलों’ में दफ्न हो जाएगा।