UPCM ने दुधवा नेशनल पार्क के मुख्य द्वार का लोकर्पण किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने लखीमपुर खीरी भ्रमण के दौरान विख्यात दुधवा नेशनल पार्क के मुख्य द्वार का लोकर्पण किया। इसके उपरांत दुधवा नेशनल पार्क के समीप टाइगर हैवन के निकट आयोजित तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल-2018 का शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस अवसर पर उन्होंने दुधवा नेशनल पार्क पर बनी काॅफी टेबल बुक, दुधवा प्राणी उद्यान पर की फोटोबुक और कैलेण्डर सहित ईको सर्किट मैप बोर्ड का विमोचन भी किया।

UPCM ने वहां लगाए गए हस्तशिल्प के 30 स्टाॅलों का अवलोकन करते हुए आर्ट गैलरी का भी उदघाटन किया। जिसमें प्रदेश की हस्तकला व अन्य सामग्रियां प्रदर्शित एवं बिक्री हेतु उपलब्ध थीं। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए UPCM ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क में इस भव्य आयोजन से दुधवा को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी अधिक पहचान मिलेगी। पार्क में मौजूद वन्य जीवों को देखने आए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के जागरूक लोगों के आने से यहां पर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार से जुड़ने का अवसर मिलेगा। पर्यटन को बढ़ावा देकर यहां पर व्यापक संभावनाओं को विकसित करना होगा जिसके लिए हम सब को मिलकर यहां के लोगों से समन्वय स्थापित कर कार्य योजना बनानी होगी।

UPCM ने बर्ड फेस्टिवल में भाग लेने आए जागरूक लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए रोजगार को पर्यटन से जोड़ने का कार्य किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने उत्तर प्रदेश को वन्य जीवों का ऐसा उपहार दिया है, जिससे इस प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देकर प्रदेश के लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म की दृष्टि से ऐसे 38 स्पाॅट चिन्हित किए गए हैं, जिसमें पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।

UPCM ने कहा कि चिन्हित स्पाॅट को प्रचारित और प्रसारित किया जाए, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे बड़ी संख्या में पर्यटकों को प्रदेश की ओर आकर्षित किया जा सकता है, जिससे रोजगार का सृजन होगा और नौजवान युवकों को काम मिलेगा। उन्होंने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। दुधवा 680 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। देश में पाई जाने वाली पक्षियों की प्रजातियों में से 40 प्रतिशत प्रजातियां उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं। इनमें से 90 प्रतिशत पक्षियों की प्रजाति अकेले दुधवा नेशनल पार्क में पाई जाती हैं। प्रकृति में वन्य जीवों व वनों की अपनी भूमिका है। प्रकृति के संरक्षण में वन्य जीवों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। दुधवा में पक्षियों की 450 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं। दुनिया में शायद अफ्रीका ही ऐसा एकमात्र देश है, जहां पर इतनी बड़ी संख्या में पक्षी दिखाई देते हैं। ऐसे में दुधवा पार्क में पर्यटन को प्रमोट करना होगा।

UPCM ने कहा कि यहां पर सड़क मार्ग को बेहतर करने की आवश्यकता है। यहां हवाई पट्टी है लेकिन उड़ान नहीं है। यातायात के अच्छे साधन मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि वन विभाग व पर्यटन विभाग को आगे आकर कार्य योजना बनानी होगी, जिससे यहां भी टू लेन फोरलेन सड़कें बनंे, टूरिस्ट उड़ान चालू हो और यातायात के अच्छे साधन मुहैया हों, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। थारू जनजाति के लिए भी उन्होंने उन्हें बुनियादी सुविधाएं देने की बात कही, ताकि वे लोग भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ें।

UPCM ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना चलाई है। थारू जनजाति के हस्तशिल्प को भी उसमें स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को जोड़कर ही जंगलों की सुरक्षा की जा सकती है और पर्यटन को बढ़ावा भी दिया जा सकता है। सुहैली नदी के सूखने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वन और जल का घनिष्ठ संबंध है, वन है तो जल है और जल है तो जीवन है। जब जल ही नही रहेगा तो जीवन कैसे रहेगा ? उन्होंने वृक्षारोपण पर काफी बल दिया। उन्होंने जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कार्ययोजना बनाकर मनरेगा व अन्य माध्यमों से सुहैली नदी को साफ कराया जाए और प्रयास करके सुहैली नदी को पुनर्जीवित किया जाए।

UPCM ने कहा कि जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर एक कार्ययोजना तैयार करे कि कैसे इस क्षेत्र में प्रशिक्षित गाइड मुहैया कराए जा सकते हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने वृक्षारोपण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ आमजन को मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होंने दुधवा पार्क का भ्रमण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने माइक पाण्डेय को ईको टूरिज्म का ब्राड एम्बेस्डर घोषित किया।

कार्यक्रम में वन मंत्री दारा सिंह चैहान और वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने भी बर्ड फेस्टिवल पर अपने उद्गार व्यक्त किये। कार्यक्रम में UPCM के समक्ष दुधवा और कतर्निया घाट पर बनी डाॅक्यूमेण्ट्री फिल्म प्रदर्शित की गयी। इस अवसर पर जिले की प्रभारी मंत्री गुलाबो देवी, अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव वन सहित शासन और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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