टीएचआर प्लान्टों (टेक होम राशन प्लान्ट) से महिलाओं के जीवन में आ रही खुशहाली : केशव मौर्य
बैंकों से टाइअप कर समूहों की की जाय भरपूर मदद, अनौराकला, चिनहट के टीएचआर प्लान्टों का किया जायेगा विस्तार

मशाला, आटा, माला, स्पेलर की यूनिटें यहां पर स्थापित करने के लिए एक महीने के अंदर तैयार किया जाय पूरा प्लान
आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डबल इन्जन सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध – केशव प्रसाद मौर्य
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ के अनौराकला, चिनहट में स्वयं सहायता समूहों की दीदियों द्वारा संचालित टीएचआर प्लान्ट का सघन निरीक्षण किया। टीएचआर प्लान्ट से तैयार किये जा रहे पुष्टाहार की बारीकियों व गुणवत्ता आदि के बारे में जानकारी हासिल की व महिलाओं से वार्ता करते हुए उनकी होने वाली आमदनी आदि के बारे में फीड बैक लिया।
महिलाओं ने टीएचआर प्लान्ट से होने वाली आमदनी व अन्य विवरण की जानकारी देते हुए बताया कि इससे उनकी आमदनी बढ़ी है और उनके परिवार में खुशहाली आयी है। आपको बताते चलें कि टीएचआर प्लान्टों से महिलाओं की आमदनी बढ़े और अनवरत रूप से प्लान्ट चलते रहे व बिजली का व्यय भार भी कम हो, इसलिए उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर टीएचआर प्लान्टों को सोलर एनर्जी (सोलर प्लांट) से जोड़ा जा रहा है। इस प्लान्ट को भी सोलर एनर्जी से जोड़ा गया है। फूड प्रोसेसिंग इकाइयों में सोलर प्लांट लगाने में महिलाओं को 90 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में की गयी है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि टीएचआर प्लान्टों के संचालन से महिलाओं के जीवन में खुशहाली आ रही है, प्रदेश में 204 टीएचआर प्लान्ट स्थापित हैं जहां पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के लिए पुष्टाहार का उत्पादन स्वयं सहायता समूहों की दीदियों द्वारा किये जाने की व्यवस्था की गयी है। बड़ी संख्या में यह प्लान्ट सोलर एनर्जी से जोड़े गये हैं।
उप मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान महिलाओं द्वारा बताया गया है पहले उनका बिजली का बिल लगभग सवा लाख आता था, सोलर प्लांट लगाने के बाद बिल लगभग 35 हजार आ रहा है। उप मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्लान्ट का विस्तार किया जाय, यहां पर बेसन, आटा, मशाला, तेल आदि की यूनिट लगाने का प्लान एक माह के अन्दर तैयार किया जाय और बैंकों से टाइअप कर समूहों की पूरी मदद की जाय। कहा कि आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डबल इन्जन सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस रेस्पी बेस्ड अनुपूरक पुष्टाहार उत्पादन इकाई में 10 स्वयं सहायता समूहों की चयनित दीदियों द्वारा कार्य किया जा रहा है, जहां पर पंजीरी, आटा बेशन हलुआ, मूंग दाल खिचड़ी, आटा बेशन बर्फी आदि 6 चीजें बनाई जा रही है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था की जाय पुष्टाहार विभाग को आपूर्ति के अलावा मार्केट में बेचने के लिए भी उत्पाद तैयार किये जाय, जिससे महिलाओं की आमदनी के नये-नये रास्ते खुलेंगे।
उप मुख्यमंत्री ने महिलाओं से वार्ता करते हुए उनके सुझाव भी लिये और उनके काम की तारीफ की। यह यूनिट रू. 90 लाख की धनराशि से तैयार की गयी है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के लिए एक सीएलएफ नामित किया जाय। कहा कि महिलायें बैंकों में समय से पैसा का भुगतान अदा करती है। इस यूनिट को विस्तार देते हुए कम से कम 5 करोड़ की यूनिट की जाय। कहा कि इस यूनिट को माडल यूनिट बनाया जायेगा, अन्य कम्पनियों से टाइअप करने पर भी विचार किया जाय। इसके इक्पेन्शन में नियमानुसार मनरेगा से धनराशि व्यय करने पर भी विचार कर लिया जाए।