मनरेगा के तहत खेल मैदानों के निर्माण से यूपी की निखर रही खेल प्रतिभाएं
मनरेगा के तहत बन रहे खेल मैदानरू ग्रामीण प्रतिभा और श्रमिकों को मिल रहा दोहरा लाभ

नई प्रतिभाएं निखरने के साथ मनरेगा श्रमिकों को मिल रहा रोजगार
गांवों में स्टेडियम व ओपेन जिम बनाकर खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन दे रही सरकार
युवा पीढ़ी गांवो के खेल मैदानों से निखर और संवर कर रोशन करेंगी, अपने गांव, घर का नाम
गांवों की खेल प्रतिभाएं, दुनिया में भारत का लहरायेंगी परचम
मनरेगा योजनान्तर्गत बनाये जा रहे स्टेडियम, ओपेन जिम, खेल मैदान और पार्क
बुजुर्ग, बच्चे व किशोर सभी इन पार्कों में कर रहे हैं मनोरंजन, बना रहे हैं स्वास्थ्य
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को निखारने, दक्ष,और सक्षम बनाने के लिए ग्रामीण अंचल में खेलकूद का आधारभूत ढ़ाचा मजबूत करने के लिए मनरेगा योजनान्तर्गत ग्रामीण अंचल में खेल मैदान बनाये जा रहे हैं। गांवों में स्टेडियम व ओपेन जिम बनाकर खेल प्रतिभाओं को सरकार प्रोत्साहन दे रही है। युवा पीढ़ी गांवो के खेल मैदानों से निखर और संवर कर अपने गांव घर का नाम रोशन करेंगी और गांवों की खेल प्रतिभाएं, दुनिया में भारत का परचम लहरायेगीं। मनरेगा योजनान्तर्गत स्टेडियम, ओपेन जिम, खेल मैदान और पार्क गांवों में बनाये जा रहे हैं और इनका उपयोग भी किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण इलाकों में खेल मैदान बनाए जा रहे हैं। इससे गांवों में नई प्रतिभाएं तो निखर ही रही है साथ ही मनरेगा के तहत इन मैदान का निर्माण होने की वजह से श्रमिकों को निरंतर रोजगार भी मिल रहा है। इस पहल का उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य और समग्र सामुदायिक विकास के लिए स्कूली छात्रों और गांव के अन्य सदस्यों के बीच खेलों को प्रोत्साहित करना है।
खेल मैदानों में रनिंग ट्रैक बनने से ग्रामीण अँचलों में रहने वाला युवा आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स, पुलिस, सीआरपीएफ इत्यादि की तैयारी अपने गांव में ही रहकर कर रहे हैं। ग्राम्य विकास विभाग की इस योजना के चलते खेल मैदान बनने से गांव के युवाओं को मैदान में ही दौड़ लगाने के साथ शारीरिक अभ्यास करने में भी मदद मिल रही है।
उत्तर प्रदेश के मा0 उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ग्रामीण इलाकों में बनाये जा रहे खेल मैदान गाँव के पिकनिक स्पॉट साबित हो रहे हैं। गाँव में आस-पास कोई घूमने की बेहतर जगह न होने के चलते इन मैदानों में ही छोटे-छोटे बच्चे पिकनिक मनाते हैं। यहाँ पर गॉंव के युवाओं के साथ यहाँ के बुजुर्ग भी मॉर्निंग वॉक से साथ शाम को यहाँ अपना समय बिताते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे के निर्माण और उन्नयन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता न केवल एथलीटों को सशक्त बना रही है बल्कि शहरी और ग्रामीण विभाजन को पाटने के साथ समुदायों के कल्याण को भी बढ़ावा दे रही है। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में खेल प्रतिभा को बढ़ावा भी मिल रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में खेल मैदान विकसित होने से युवाओं में खेल के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। खेलकूद से युवाओं की शारीरिक दक्षता में भी सुधार हो रहा है। खेल मैदान बनने से गांव का भविष्य चमक रहा है, ऐसे युवा जो इस क्षेत्र में प्रतिभाशाली हैं और गांवों में सुविधाओं के अभाव में उनकी प्रतिभा निखर नहीं पा रही थी, ऐसे में खेल मैदान विकसित होने से युवाओं के अंदर की प्रतिभा निखर रही है और वह आगे बढ़कर विभिन्न खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर अपने गांव, जनपद, प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे।ग्राम पंचायत स्तर पर खेल मैदानों का निर्माण कार्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा और व विभिन्न विभागों के कन्वर्जेस से किया जा रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप मनरेगा द्वारा तेज गति से प्रदेश में सभी खेल मैदानों को का निर्माण भी कराया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत इन मैदान का निर्माण होने की वजह से श्रमिकों को निरंतर रोजगार भी मिल रहा है। खेल मैदान के निर्माण कार्य में मनरेगा श्रमिकों से कार्य कराया जा रहा है,जो उनकी आजीविका को आसान बना रहा है।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6,589 खेल मैदानों का निर्माण किया गया, वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में माह 2,185 से अधिक खेल मैदानों का कार्य पूर्ण किया गया है एवं 12,419 खेल मैदान कार्य प्रगति पर हैं ।
वर्ष 2017-18 से अब तक 24129 खेल मैदानो का निर्माण किया जा चुका है। मेजर ध्यानचंद की 120 वीं जयंती (राष्ट्रीय खेल दिवस) के अवसर पर जनपदों मे मनरेगा के खेल मैदानों पर खेल गतिविधियां आयोजित की गई, जिसमे बड़ी संख्या मे स्कूली बच्चो और नौजवानों ने हिस्सा लिया।