ग्रामीण सड़कों के निर्माण में एफ डी आर तकनीक साबित हो रही वरदान : केशव मौर्य
रोड कनेक्टिविटी बेहतर करके गांवों को और अधिक सशक्त और मजबूत बनाना है

नये ऊर्जावान और पुराने अनुभवी अभियंता व ठेकेदार सामंजस्य बनाकर करें काम
उत्तर प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर और अधिक आगे ले जाना है
अभियंता साइट पर खड़े होकर अपने सामने करायें काम
काम के प्रति व्यक्तिगत लगाव और जुड़ाव होगा, तो अभूतपूर्व परिवर्तन नजर आएगा
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाकर गांवों को और अधिक सशक्त और मजबूत बनाना है। उन्होंने पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित की जा रही सड़कों के निर्माण कार्य में लगे सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं सभी नए ऊर्जावान और पुराने अनुभवी अभियंता व ठेकेदार मिलकर आपसी सामंजस्य व तारतम्य बनाकर कार्य करें, तो उत्तर प्रदेश तरक्की के रास्ते पर और बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण सड़कें इस तरह से बनाएं कि ग्रामीण हाईवे नजर आएं। उन्होंने कहा है कि सभी अभियन्तागण पूरी इच्छाशक्ति के साथ काम करें और सड़कों के निर्माण कार्य के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करें। उन्होंने कहा कि गांवों को सशक्त बनाने के बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ग्रामीण सड़कों को, विशेषकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों को हमें पूरी गुणवत्ता के साथ करना होगा। उन्होंने कहा कि पूरी निष्ठा के साथ काम किया जाएगा, तो निश्चित ही उसके परिणाम अच्छे होंगे। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता समयबद्धता, मानकों और मापदंडों का निर्माण कार्यों में विशेष रुप से ध्यान रखा जाए तथा एफ डी आर तकनीक पर किए जा रहे कार्यों में पूरी तत्परता और तल्लीनता बनाए रखी जाए। पीएमजीएसवाई की सभी सड़कों को शत प्रतिशत एफ डी आर तकनीक पर ही बनाया जाय। कहा कि भारत गांवों में बसता है। ग्रामीण सड़कों पर विशेष रूप से फोकस करना है।उन्होंने कहा कि काम की पद्धति और रफ्तार अच्छी होगी, तो काम की कोई कमी नहीं होगी।
उन्होंने कहा इंजीनियर न केवल सुपरवाइजरी का काम करें ,बल्कि अपने सामने सड़क पर खड़े होकर कार्य कराएंगे ,तो बहुत ही अच्छे काम होंगे। उन्होंने कहा सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों और दायित्वों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करें। निर्धारित समय के अंदर अगर काम पूरे हो ,तो स्वयं को भी खुशी होती है और जनता का भी हित लाभ होता है। उन्होंने कहा कि मौके पर स्वयं खड़े होकर कोई भी कार्य कराया जाए ,तो उसको देखकर खुशी होती है और अपने द्वारा कराए गये कार्य को देखने की उत्सुकता भी होती है,इसलिए मौके पर खड़े होकर टीम भावना के साथ सभी कामों को अंजाम दें। उन्होंने कहा है कि ऐसा माहौल बनाएं कि बेहतर से बेहतर काम हों, तो मान बढ़ेगा और काम भी अच्छा होगा।
उन्होंने कहा विभाग में अपनायी जा रही एफडीआर तकनीक से सड़कों के क्षेत्र में युगांतकारी परिवर्तन आ रहा है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण में एफ डी आर तकनीक वरदान साबित हो रही है। रोड कनेक्टिविटी बेहतर करके गांवों को और अधिक सशक्त और मजबूत बनाना है।
ज्ञातव्य है कि कि एफडीआर तकनीक में सीमेंट व केमिकल मिलाकर एक पर्त बिछाई जाती है और बाहर से पत्थर ,गिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती है , पूर्व निर्मित पीएमजीएसवाई की सड़कों का उच्चीकरण उसी सड़क को खोद कर उसी गिट्टी से निर्माण किया जाता है और उसका सतत अनुरक्षण भी नियमों के तहत किया जाता है।
यूपी आर आर डी ए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत 747 सड़कों (लम्बाई 5820.79 किमी)को एफ डी आर तकनीक से बनाये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी,जिसकी स्वीकृत लागत लगभग रू 5992 करोड़ से अधिक है। जिसके सापेक्ष 535 सड़को का कार्य पूर्ण हो गया है। कुल 5101 किमी लंम्बाई में एफ डी आर बेस कम्प्लीट हो गया है और इसमें से 4775 किमी लंम्बाई में डामरीकरण भी हो गया है और अब तक रू 4396.12 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है।