अटल भूजल योजनान्तर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण/कार्यशाला हुयी प्रारम्भ

दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा विश्व बैंक व राज्य भूगर्भ जल निदेशालय के सहयोग से संस्थान पर अटल भूजल योजनान्तर्गत दो दिवसीय आवासीय राज्य स्तरीय विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 20-21 सितम्बर, 2023 की अवधि में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के ग्राम विकास, वन एवं जलवायु परिवर्तन, सिंचाई एवं जल संसाधन, लघु सिंचाई, कृषि, पंचायती राज तथा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के जन संचार विशेषज्ञों तथा जिला स्तरीय संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय सम्बोधन के अन्तर्गत संस्थान के अपर निदेशक बी०डी० चौधरी द्वारा प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि इस योजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भूजल संसाधनों के प्रबंधन के दृष्टिगत सुधार तथा केन्द्र/राज्य सरकारों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के कन्वर्जेन्स के द्वारा समुदाय के नेतृत्व मे टिकाऊ भूजल प्रबंधन कार्यों को करना है। विवेकपूर्ण तरीके से जल उपयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यवहार में परिवर्तन लाना, चिन्हित क्षेत्रों में जल स्रोतों का पुनरूद्धार करना एवं नये जल स्रोतो का निर्माण करना, चिन्हित क्षेत्रों में भूजल स्थिरता में सुधार लाना, किसानों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य में योगदान करना तथा सामूहिक भागीदारी द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर जल प्रबंधन के साथ-साथ भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाना है।
राज्य भूगर्भ जल निदेशालय के अधिशासी अभियंता अनुपम श्रीवास्तव द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया कि भूजल संबंधित उपकरणों/संयंत्रों की उपयोगिता और इनसे क्या लाभ हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत अद्यतन रूप से विभिन्न प्रकार की सम्पादित की गई गतिविधियों पर पुर्नविचार किये जाने के साथ उन जन संचार सम्बन्धी गतिविधियों को अधिक उपयोगी बनाने हेतु परिमार्जित स्वरूप प्रदान करने के लिए जन संचार विशेषज्ञों द्वारा सम्बन्धित सत्रों के दौरान विधिवत चर्चा भी की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत सम्बन्धित विषयों पर प्रमुख विषय विशेषज्ञों यथा-आकांक्षा कुशवाहा, भीमसेन यादव, नीता गोयल इत्यादि द्वारा वार्ताएँ प्रदान की गई।
इस अटल भूजल प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के दृष्टिगत सत्र निदेशक डा० अशोक कुमार, जल संचार विशेषज्ञ डा0 यू०पी० सिंह तथा नोडल अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार की सराहनीय भूमिका रही।