दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान में अग्नि आपदा प्रबंधन विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशो के क्रम में राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा विभिन्न विकासपरक व अन्य शासकीय योजनाओं को मुकम्मल अन्जाम देने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर सतत् रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। प्र०अपर निदेशक बी डी चौधरी ने बताया कि इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बी०के०टी०, लखनऊ में आयोजित ’अग्नि आपदा प्रबन्धन’ राज्य स्तरीय 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार/नायब तहसीलदार, अपर मुख्य चिकत्सिाधिकारी, उप मुख्य चिकित्साधिकारी, चिकित्साधिकारी, तथा आपदा विशेषज्ञों सहित लगभग 60 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
सोमवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर संस्थान के अपर निदेशक(प्र0), बी0डी0 चौधरी, डॉ0 अदिति उमराव, परियोजना निदेशक(ई0आ0), राहत आयुक्त कार्यालय, डॉ0 एस0के0 सिंह, सहायक निदेशक, संजय कुमार, सहायक निदेशक, कुमार दीपक, सलाहकार आ0प्र0 उपस्थित रहे। उद्घाटन उद्बोधन में अपर निदेशक(प्र0), बी0डी0 चौधरी ने प्रतिभागियों से अग्नि आपदा प्रबन्धन सम्बन्धित अपने ज्ञान के आलोक में अपने जनपद हेतु अग्नि आपदा प्रबन्धन योजना निर्माण का कार्य को सफलता पूर्वक निर्वहन हेतु प्रेरित किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में अग्नि आपदा के दौरान भीड़ प्रबंधन पर विशेष जानकारी, विभिन्न प्रकार की अग्नि काण्ड/दुर्घटना सम्बन्धित प्रबन्धन योजना एवं विद्यालय अग्नि प्रबन्धन योजना, कार्यालय अग्नि प्रबन्धन योजना, सार्वजनिक स्थल अग्नि प्रबन्धन योजना, गृह अग्नि प्रबन्धन योजना निर्माण सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया एवं समूह चर्चा द्वारा विषय-वस्तु की जानकारी साझा गयी। बताया गया कि उ0प्र0 शासन द्वारा राज्य आपदा मोचक निधि एव राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि, निर्माण, प्रक्रिया एवं व्यवहारिक ज्ञान पर चर्चा, अंकेक्षण हेतु निर्देश, अग्नि आपदा प्रबंधन में पशुपालन विभाग, पशु चिकित्सालय एवं चिकित्सकों के दायित्व, दावानल (जंगल की आग), खेत में लगी आग सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान जायेंगी।एस0डी0आर0एफ0 टीम एवं अग्निशमन विभाग द्वारा अग्नि के विषय में विशेष जानकारी एवं हैण्डऑन ट्रेनिंग अभ्यास द्वारा प्रतिभागियों को अग्नि दुर्घटना बचाव सम्बन्धित तकनीकियां सिखायी जायेंगी।
प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण उपरान्त 04 समूहों में विद्यालय अग्नि प्रबन्धन योजना, कार्यालय अग्नि प्रबन्धन योजना, सार्वजनिक स्थल अग्नि प्रबन्धन योजना, गृह अग्नि प्रबन्धन योजना का निर्माण किया जाना है।