अपनो पर रहम…मनमाफिक अनुरोध पर क्यों हुए हैं ट्रांसफर या क्या सभी विभागों में ऐसा ही हाल?
लिस्ट में तो है गजब का खेला….सबको मिल गई मनमाफिक तैनाती…..आप लिस्ट में साफ देख सकते हैं है कि जो अधिकारी जहां संबद्ध थे उनको वहीं किस आधार पर मिल गई है परमानेंट तैनाती…? अब सवाल पूछना और खबर लिखना गुनाह है…. क्योंकि उच्च अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आएंगे।
निजी अनुरोध तो बहाना है असली फसाना तो मनमाफिक तैनाती है पाना…सूचना विभाग में चल रहा बड़ा खेल…शासकीय आदेश तो सूचना के अधिकारियों के लिए बना मजाक।