मुख्यमंत्री ने दुधवा टाइगर रिजर्व स्थित गेस्ट हाउस में वन, पर्यटन एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
10 से 12 जून, 2025 तक बाढ़ बचाव सम्बन्धी परियोजनाएं पूरी कर ली जाएं, इन कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने वन विभाग व पर्यटन विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया तथा जनपद के विकास कार्यों की जानकारी प्राप्त कीदुधवा टाइगर रिजर्व को ईको-टूरिज्म केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए वन विभाग एवं पर्यटन विभाग मिलकर 15 दिन में कार्ययोजना बनाएंदुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन विकास किया जाए और पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं दी जाएं, इसके लिए कनेक्टिविटी, होटल की व्यवस्था के साथ-साथ गाइड के रूप में स्थानीय लोगों को जोड़ा जाएपुलिस, एस0एस0बी0 व वन विभाग के अधिकारी वन क्षेत्र में संयुक्त पेट्रोलिंग करें, ताकि अवैध कटान और वन्य जीवों को कोई नुकसान न होवन्यजीव-मानव संघर्ष रोकने के लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जाए, वन क्षेत्र के आसपास बसे गांवों में सोलर फेंसिंग करायी जाएमुख्यमंत्री ने दुधवा टाइगर रिजर्व के पार्क में मौलश्री का पौधा रोपा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद लखीमपुर खीरी में दुधवा टाइगर रिजर्व स्थित गेस्ट हाउस में वन, पर्यटन एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने वन विभाग व पर्यटन विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया तथा जनपद के विकास कार्यों के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने दुधवा टाइगर रिजर्व के पार्क में मौलश्री का पौधा रोपा तथा यहां लगे स्टॉल का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी प्राप्त करने के उपरान्त निर्देश दिए कि 10 से 12 जून, 2025 तक बाढ़ बचाव सम्बन्धी परियोजनाएं पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि इन कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। जनपद के विकास के लिए जनप्रतिनिधियों के समन्वय से योजनाएं तैयार की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुधवा टाइगर रिजर्व को ईको-टूरिज्म केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए वन विभाग एवं पर्यटन विभाग मिलकर 15 दिन में कार्ययोजना बनाएं। दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन विकास किया जाए और पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं दी जाएं। इसके लिए कनेक्टिविटी, होटल की व्यवस्था के साथ-साथ गाइड के रूप में स्थानीय लोगों को जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस, एस0एस0बी0 व वन विभाग के अधिकारी वन क्षेत्र में संयुक्त पेट्रोलिंग करें, ताकि अवैध कटान न हो और वन्य जीवों को कोई नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि वन्यजीव-मानव संघर्ष रोकने के लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जाए। वन क्षेत्र के आसपास बसे गांवों में सोलर फेंसिंग करायी जाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा व सिंचाई विभाग के माध्यम से क्षेत्र की साफ-सफाई व जल-निकासी की समुचित व्यवस्था करायी जाए।
मुख्यमंत्री के समक्ष जिलाधिकारी ने जिला प्रशासन की अभिनव पहल ’मिशन मैदान’ के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि 1,000 स्कूलों में आदर्श खेल मैदान तैयार किए गए हैं। जिन स्कूलों में खेल मैदान की जगह नहीं थी, वहां रूफटॉप इण्डोर गेमिंग जोन बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस प्रयास की सराहना की। मुख्यमंत्री को सुहेली नदी के पुनरुद्धार के लिए कराए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया गया।
बैठक में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, आबकारी एवं मद्य निषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं जनपद के प्रभारी मंत्री नितिन अग्रवाल, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 अरुण कुमार सक्सेना, वन, पर्यावरण एवं जन्तु उद्यान राज्यमंत्री के0पी0 मलिक सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।