श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल ने मथुरा की पावन धरती स्थित जैत गांव का किया भ्रमण

पर्यटन को गांव की ओर ले जाकर ग्रामीण अंचलों मे स्थानीय रोजगार तथा आमदनी का जरिया बनाया जाएगा - जयवीर सिंह

मथुरा जिले का जैत गांव अब ग्रामीण पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। एग्री-रूरल और गंगेय ग्राम ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत बुधवार को श्रीलंका का प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) पर जैत पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने गांव की पारंपरिक जीवनशैली, लोक कला और संस्कृति को नजदीक से देखा और स्थानीय लोगों के साथ संवाद किया। इस यात्रा के दौरान श्रीलंकाई दल ने जैत से मैनपुरी होते हुए ताजमहल का भी अवलोकन किया। यह फैम ट्रिप उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने के साथ-साथ भारत-श्रीलंका के सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूती प्रदान करेगी।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीण जीवन को करीब से देखा। इसके साथ ही कुटीर एवं हस्तशिल्प के उत्पाद को बनाने की कला एवं स्थानीय व्यंजन को सराहा। इस फैम ट्रिप का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को गांव की ओ लेकर पर्यटकों को नया अनुभव प्रदान करना है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल विभिन्न क्षेत्रों के लोग उत्तर प्रदेश के गांव का भ्रमण कर वहां की सांस्कृतिक विरासत एवं हस्तशिल्प के प्रचार के लिए एंबेसडर का कार्य करेंगे। उ0प्र0 सरकार को अपने विरासत पर गर्व है। इसको विदेशी लोगों के साथ सांझा करने के लिए यह फैम ट्रिप अत्यंत उपयोगी साबित होगी। मथुरा का जैत गांव, होम-स्टे एवं ग्रामीण भ्रमण का एक मॉडल बनेगा।

जैत गांव में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत ब्रज की रंगीन और पारंपरिक शैली में किया गया। अतिथियों को चंदन का तिलक लगाकर, फूलों की मालाएं पहनाकर और मधुर लोकगीतों के साथ अभिनंदन किया गया। पूरे आयोजन का माहौल ऐसा था मानो हर दृश्य और हर आवाज़ अपनी अलग कहानी कह रही हो। प्रतिनिधिमंडल ने कालिया नाग मंदिर का दौरा किया, जहां उन्हें भगवान कृष्ण और सर्प कालिया की कथा का रोमांचक एवं मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रसंग सुनाया गया।

उन्होंने बताया कि श्रीलंकाई दल ने मथुरा के इस्कॉन मंदिर का भी भ्रमण किया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत पंजीकृत फार्म स्टे में रात बिताई। तत्पश्चात यह दल मैनपुरी की ओर रवाना हुआ। रास्ते में आगरा के ताजमहल का भी भ्रमण किया। भावंत गांव में अतिथियों ने जखदर महादेव मंदिर का दर्शन किया। पानी-सिंघाड़ा की खेती देखी। सहन गांव में उन्होंने बैल और घोड़ा गाड़ी की सवारी की और पारंपरिक शिल्प जैसे टकासी का अनुभव किया, जिससे ग्रामीण उद्यमिता की जीवनशैली को समझने का अवसर मिला। 12 सितंबर को प्रतिनिधिमंडल दिल्ली लौटेगा। यह तीन दिवसीय यात्रा ग्रामीण अनुभव को भारत के सबसे प्रमुख वैश्विक पर्यटन प्रतीक से जोड़ते हुए समाप्त होगी। प्रतिनिधिमंडल में शामिल डॉ. निर्मला राणासिंघे, एसोसिएट प्रोफेसर ने कहा, श्जैत गांव ने साबित किया है कि गांव सिर्फ़ घर नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक जीवंत क्लासरूम है, जहां संस्कृति, समुदाय और स्थिरता साथ चलते हैं।

उल्लेखनीय है कि जैत फैम ट्रिप उत्तर प्रदेश में हो रहे बड़े बदलाव का एक उदाहरण है। उत्तर प्रदेश ने 240 गांवों को पर्यटन हब के रूप में चिन्हित किया है। साथ ही 103 फार्म स्टे  पंजीकृत किए गए हैं और 750 से अधिक होमस्टे को सुविधा प्रदान की जा रही है।

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