सरयू अयोध्या की आत्मा है और इसका संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री ने जनपद अयोध्या में 13वें श्री सरयू जयन्ती महोत्सव का शुभारम्भ किया, सरयू जी की आरती तथा पूजा-अर्चना की

आज जो भी अयोध्या आता है, वह अभिभूत होकर जाता, अयोध्या के इस वैभव को देखकर लोग आश्चर्यचकितनए भारत का नया उ0प्र0 विकास के नित नए प्रतिमान स्थापित कर रहाअयोध्या धाम की तर्ज पर उ0प्र0 भी चमकता हुआ दिखाई दे रहासूर्यवंश की राजधानी अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बनकर देश और दुनिया को आकर्षित कर रहीआज विश्व पर्यावरण दिवस तथा माँ गंगा का अवतरण दिवस भीमाँ गंगा हम लोगों के उद्धार का कारक बनीं, यह उद्धार मुक्ति के साथ ही भक्ति का कारक भीहम सभी का दायित्व है कि नदियों को गंदा न होने दें, उन्हें अविरल एवं निर्मल रखेंआज से आगामी 15 अगस्त तक एक पेड़ माँ के नाम अवश्य लगाएंइस वर्ष 35 करोड़ पौधरोपण का अभियान नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों पर किया जाएगाप्रत्येक जिलाधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जनपद की एक नदी को पुनर्जीवित करेंश्री सरयू जयन्ती महोत्सव 05 से 11 जून, 2025 तक आयोजित किया जा रहा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद अयोध्या में राम जी की पैड़ी पर आयोजित 13वें श्री सरयू जयन्ती महोत्सव का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत अंगवस्त्र, मुकुट और गदा देकर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने सरयू जी की आरती तथा पूजा-अर्चना भी की। उल्लेखनीय है कि श्री सरयू जयन्ती महोत्सव 05 से 11 जून, 2025 तक आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद गत वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर-कमलां से अयोध्याधाम में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। आज गंगा दशहरा के पावन पर्व पर श्रीराम जन्मभूमि में इसकी अग्रिम कड़ी के रूप में श्रीराम दरबार एवं अन्य देवगणों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों एवं सनातन धर्मावलम्बियों को बधाई देते हुए कहा कि आज जो भी अयोध्या आता है, वह अभिभूत होकर जाता है। 10 वर्ष पूर्व जो असम्भव था, आज वह सम्भव हुआ है। अयोध्या के इस वैभव को देखकर लोग आश्चर्यचकित हैं। अयोध्या धाम के नाम पर लोगों के चेहरे पर एक नई चमक देखने को मिलती है। आज प्रदेशवासियों का देश में एवं देशवासियों का दुनिया में लोग स्वागत व अभिनन्दन करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश, नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बन रहा है। यह विकास के नित नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। उत्तर प्रदेश के समग्र विकास की जो रूपरेखा प्रधानमंत्री जी ने तय की थी, वह आज धरातल पर दिखाई दे रही है। राज्य सरकार ने आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता दी है तथा अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। आज प्रदेश दंगा एवं अपराध मुक्त है। नौजवानों को रोजगार, महिलाओं को सुरक्षा, व्यापारियों को भय मुक्त वातावरण मिला है। अन्नदाता किसानों के चेहरे पर खुशहाली आयी है। अयोध्या धाम की तर्ज पर उत्तर प्रदेश भी चमकता हुआ दिखाई दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में 4-लेन, 6-लेन की सड़क कनेक्टिविटी के साथ ही वॉटर ए0टी0एम0 सहित अन्य जनसुविधाओं का विकास हो रहा है। भगवान श्रीराम हजारों वर्ष पूर्व पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे। आज अयोध्या में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बनकर क्रियाशील है। सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बनकर देश और दुनिया को आकर्षित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस तथा माँ गंगा का अवतरण दिवस भी है। अयोध्या के महाराज भागीरथ ने अपने पूर्वज महाराज सगर के पुत्रों की मुक्ति के लिए कठोर साधना की थी। माँ गंगा की धारा को गंगासागर तक पहुंचाने के संकल्प के साथ उन्होंने लंबे समय तक साधना करके देव नदी को इस धराधाम पर लाने में सफलता प्राप्त की थी। तब से माँ गंगा हम लोगों के उद्धार का कारक बनी हुई हैं। यह उद्धार मुक्ति के कारक के साथ ही भक्ति का कारक भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ गंगा के कारण ही दुनिया की सबसे उर्वर भूमि उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल एवं झारखण्ड में पायी जाती है। दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक आयोजन प्रयागराज में माँ गंगा के तट पर होता है। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के जरिए इसका भव्य दर्शन देश और दुनिया ने किया है। हम सभी का दायित्व है कि नदियों को गंदा न होने दें, उन्हें अविरल एवं निर्मल रखें। नदियां देश की आत्मा एवं उसकी धमनियां हैं। नदियां रहेंगी, तो धरती माता रहेंगी। धरती माता रहेंगी, तो पर्यावरण रहेगा। पर्यावरण रहेगा, तो जीव-जन्तु की सृष्टि रहेगी। जीव-जन्तु की सृष्टि रहेगी, तो आपदा आपका बाल बांका नहीं कर पाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत उन्होंने सरयू जी के तट पर की है। वन विभाग द्वारा वहां पर पीपल, पाकड़, नीम के पौधे लगाने के साथ ही नौ ग्रहों की एक वाटिका स्थापित की जा रही है। हम सभी का दायित्व है कि आज से आगामी 15 अगस्त तक एक पेड़ माँ के नाम अवश्य लगाएं। उस पेड़ को माँ की स्मृतियों के साथ जीवित रखने और पर्यावरण को बचाए रखने में अपना योगदान दे। इस वर्ष 35 करोड़ पौधरोपण का अभियान नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों पर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अयोध्या का जिक्र करते हुए माँ सरयू का नाम लिया था। भगवान श्रीराम को माँ सरयू नदी अत्यन्त प्रिय थी। माँ सरयू से भगवान श्रीराम का जो संवाद व सम्बन्ध रहा है, वह प्रत्येक व्यक्ति जानता है। सरयू अयोध्या की आत्मा है और इसका संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। इस वर्ष प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने जनपद में जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक नदी को पुनर्जीवित करें। उस नदी को गंदगी से बचाना है। सुनिश्चित किया जाना है कि उसमें कोई ड्रेनेज, सीवर एवं मृत जानवर न प्रवाहित हो पाए।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिण सहित साधु-संत तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।