मेला एवं जागरूकता शिविर लगाकर तालाब पट्टेधारकों को लाभान्वित किया जाए : संजय निषाद

मत्स्य व्यवसाय से आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे

मत्स्य तकनीक के क्षेत्र में हो रहे अभिनव प्रयोगों को अपनाया जाए

योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

मत्स्य योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाया जाए -डा0 संजय कुमार निषाद

उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मेला एवं जागरूकता शिविर आयोजित करके तालाब पट्टेधारकों को लाभान्वित किया जाए ताकि उनको एक ही स्थान पर सभी जानकारी मिल सके। ग्राम्य विकास विभाग, पंचायती राज एवं राजस्व परिषद के साथ समन्वय स्थापित करके 06 महीने के पूर्व ही पट्टे की प्रक्रिया पूर्ण की जाए।

मात्स्यिकी क्षेत्र के विकास से न सिर्फ राजस्व की बढ़ोत्तरी होगी बल्कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित होंगे। अधिकारी मत्स्य तकनीक के क्षेत्र में हो रहे अभिनव प्रयोगों को अपनाए ताकि मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हो। प्रदेश को मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाना राज्य सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मत्स्य व्यवसाय से जुड़कर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त करने एवं आर्थिक उन्नति हेतु मछुआ समुदाय और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। योजनाओं का और अधिक प्रचार प्रसार और सरलीकरण किया जाये ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाआंे में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

कैबिनेट मंत्री डॉ0 संजय कुमार निषाद ने आज यहां विधान सभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में विभिन्न परियोजनाओं यथा निजी भूमि तालाब निर्माण, बैकयार्ड आर0ए0एस0, इन्सूलेटेड वैन, मोटरसाइकिल विद आइसबाक्स, साइकिल विद आइसबाक्स आदि के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी देकर जागरूक किया जाए। वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी प्राप्त करने के लक्ष्य की पूर्ति के संबंध में मत्स्य विकास विभाग के कार्यों की हर 15 दिन में जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर  समीक्षा की जाए। योजनाओं का क्रियान्वयन तीव्र गति से किया जाए और पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाए।

मत्स्य मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, निषादराज बोट योजना, उ0प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं  तथा सहकारी समितियों के गठन की समीक्षा की। डॉ0 निषाद ने कहा कि उ0प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष की धनराशि का मछुआ पालकों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो, पोखरों की संख्या में वृद्धि की जाय। मत्स्य मोबाइल बिक्री केन्द्रो एवं मत्स्य दुकानों की संख्या में वृद्धि की जाये।  उन्होंने मत्स्य क्षेत्र के सभी भूमिहीन मछुआरों को केसीसी के माध्यम से ऋण मुहैया कराने हेतु दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि इस योजना में और तेजी लाई जाए। इसके साथ ही अनुपयुक्त जलक्षेत्र जैसे वेटलैण्ड, खारापानी जलक्षेत्र, जलाशय व नदियों को मत्स्य विकास कार्यक्रम से आच्छादित करने तथा प्रदेश के मछुआरों व मत्स्य पालकों के जीवन में आर्थिक सुधार लाने हेतु कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव, मत्स्य विकास विभाग के0 रविंद्र नायक ने मंत्री को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। कार्यों में लापरवाही या उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में महानिदेशक, मत्स्य, राजेश प्रकाश, मुख्य महाप्रबंधक उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम लिमिटेड, एवं प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश मत्स्य जीवी सहकारी संघ, सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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