LDA: करोड़ों रुपए डकारने के बाद, फिर लूटने की तैयारी…टेंडर में सेटिंग

लखनऊ विकास प्राधिकरण के कारनामों से कौन परिचित नहीं है। जब देखो तब कुछ न कुछ विकास लखनऊ की सरजमी पर होता ही रहता है। बस खास बात है कि विकास लखनऊ शहर का तो होता है लेकिन अधिकारी, ठेकेदार और टेंडर कंपनी की जेब बहुत भारी हो जाती है।

एक वर्ष के अंदर दुबारा जेनेश्वर मिश्रा पार्क में लगे ग्लोब को बदलने के लिए टेंडर होगा। अब यह बात समझ नहीं आती कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी को इतना ज्ञान कौन देता है कि टेंडर पर टेंडर करवाओ और काम कंपनी पैसे खत्म होने जाने का रोना गाकर, काम बीच में छोड़ देती है?

एलडीए ने हाल ही कुछ कंपनी पर लगाया था जुर्माना

जुर्माना तो बहाना है टेंडर जो कराना है। यह लाइन इसलिए है कि अगर कंपनी पर जुर्माना नहीं लगाएंगे तो जनता तो कैसे बताएंगे कि नया टेंडर निकालकर विकास काम जोरों से होगा।

सामाजिक कार्यकर्ता विवेक शर्मा ने खोली पोल

सामाजिक कार्यकर्ता विवेक शर्मा का सोशल मीडिया पर कहना है कि एलडीए वीसी हो रहे मालामाल…कार्यदाई संस्था पर है मेहरबान। नीचे देखिए:

 

वरिष्ठ पत्रकार सुशील दूबे ने एलडीए वीसी के काम पर उठाया सवाल

वरिष्ठ पत्रकार सुशील दूबे का कहना है कि जब करोड़ों रुपए का बंदरबांट विकास के नाम पर पहले किया जा चुका है तो अब दुबारा टेंडर निकालकर वीसी साहब क्या नया विकास करेंगे?

लखनऊ मंडल के ईमानदार अधिकारी ऐसे लखनऊ का विकास करेंगे तो जल्द लखनऊ देश के टॉप नाम में होगा।

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