घटिया सामग्री का प्रयोग पाये जाने पर ठेकेदार से वसूली जायेगी पूरी धनराशि : जयवीर सिंह

बरसात से पहले रामलीला स्थलों की बाउण्ड्रीवॉल एवं अन्य कार्य हरहॉल में पूरे किये जाने चाहिए-जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन भवन में संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की वित्तीय वर्ष 2024-25 तक स्वीकृत निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि बरसात से पहले अधूरी परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि फील्ड में जाकर परियोजनाओं की वास्तविक प्रगति की समीक्षा करें। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता एवं समयबद्धता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। अधोमानक एवं घटिया सामग्री का उपयोग एवं मानक का अनुपालन न करने पर कार्यदायी संस्था एवं ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की करते हुए वसूली भी की जायेगी।

गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत पर विशेष जोर है, इसलिए निर्माण कार्यों की प्रत्येक स्तर पर अच्छे फोटोग्राफर से फोटो खिचवाकर एलबम तैयार किया जाए ताकि मुख्यालय स्तर पर उच्चाधिकारी उसके अनुसार आवश्यक निर्देश दें सकें। इसके साथ ही गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि अन्य विभागों की अपेक्षा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की गुणवत्ता सबसे बेहतर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य ईकोफ्रेंडली एवं हरियाली युक्त हों, इसके लिए निर्माण के साथ-साथ रिक्त भूमि पर वृक्षारोपण भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यदायी एजेन्सी से आरटीओ एवं फील्ड में तैनात अन्य अधिकारी सम्पर्क करते रहें।

पर्यटन मंत्री ने समीक्षा के दौरान यह सख्त निर्देश दिए कि विभिन्न जनपदों में निर्माणाधीन रामलीला मैदानों की चहारदीवारी बरसात से पहले बन जानी चाहिए। अधूरे कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा किया जाए ताकि रामलीला सम्पन्न कराने में कोई बाधा न आये। इसके अलावा स्मारकों में आवश्यक सुविधाएं जैसे लाइट एण्ड साउण्ड, फर्नीचर, शौचालय आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं की क्लोजर रिपोर्ट देने के साथ ही उस संस्था/भवन को क्रियाशील बनाने के लिए किसी संस्था अथवा ऐजेन्सी चुनाव कर लिया जाए।

जयवीर सिंह ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी सांस्कृतिक धरोहरों एवं राष्ट्रनायकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में बनाये जा रहे स्मारकों, सांस्कृतिक केन्द्रों पर खासा जोर दे रहे हैं। इसलिए कार्यदायी संस्थाएं एवं अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें की गुणवत्ता के मामले में किसी स्तर पर समझौता न किया जाए। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राविधानित धनराशि के माध्यम से प्रस्तावित नवीन परियोजनाओं के अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने संस्कृति विभाग के शिलान्यास की जाने वाली परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति तथा स्थानान्तरण की जाने वाली परियोजनाओं की गहन समीक्षा की।

पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि लखनऊ स्थित भारतरत्न डॉ0 भीमराव आम्बेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र लखनऊ के अधूरे कार्यों को 31 अक्टूबर तक हरहाल में पूरा कर लिया जाए। मा0 मुख्यमंत्री जी 06 दिसम्बर को बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर इसका लोकार्पण करेंगे। इसी प्रकार जनपद मैनपुरी का कुसमरा रामलीला मैदान, जनपद गोरखपुर में तरकुलही पोखर भिन्डा का रामलीला मंच, कुरावली का रामलीला मंच के अलावा चित्रकूट, फिरोजाबाद, पीलीभीत, अमरोहा, बलिया, रायबरेली, लखनऊ, कन्नौज, महर्षि बाल्मीकि सांस्कृतिक केन्द्र सहित 38 परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाए।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कार्यदायी ऐजेन्सियों को समयसीमा देते हुए 31 मई तक अधूरे कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए तथा स्वीकृत परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की कार्रवाई तत्काल शुरू करने के लिए कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पर्यटन विभाग की 71 निरस्त परियोजनाओं की जगह नये प्रस्ताव 31 मई तक तैयार करें। उन्होंने कहा कि 14 कार्यदायी संस्थाओं को 1660 परियोजनाएं दी गई हैं, जिसमें से 861 पूरी हो चुकी हैं, 713 पर कार्य चल रहा है तथा 193 परियोजनाओं पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। उन्होंने यथाशीघ्र अग्रेत्तर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर विशेष सचिव संस्कृति रवीन्द्र कुमार-1, एमडी उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम सान्या छाबड़ा, निदेशक पर्यटन, प्रखर मिश्र, अपर निदेशक संस्कृति सृष्टि धवन, वित्त नियंत्रक दिलीप गुप्ता, निदेशक अमित अग्निहोत्री, पीएम एपीएम तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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