मोहान रोड योजना की डीपीआर को हरी झंडी, भूखण्ड-दुकानों के लिए जल्द खुलेगा पंजीकरण

लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डाॅ0 रोशन जैकब की अध्यक्षता में हुई प्राधिकरण बोर्ड की 177वीं बैठक में पारित किया गया प्रस्ताव
बल्कसेल अनुभाग को एकमुश्त विक्रय हेतु दिये गये 912 फ्लैट अब पहले आओ-पहले पाओ योजना के अंतर्गत खरीदे जा सकेंगे
लखनऊ विकास क्षेत्र में बनी समस्त बहुमंजि इली इमारतों का हर पांच वर्ष में स्ट्रक्चरल आॅडिट कराना होगा अनिवार्य
प्राधिकरण कार्यों के सम्पादन के लिए प्रवर्तन दल की होगी स्थापना, लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी की कमान में गठित होगी टीम
लखनऊ विकास प्राधिकरण की मोहान रोड योजना में भूखण्डों-दुकानों के लिए जल्द ही पंजीकरण खुलेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डाॅ0 रोशन जैकब की अध्यक्षता में बुधवार को हुई प्राधिकरण बोर्ड की 177वीं बैठक में मोहान रोड योजना की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को हरी झंडी दी गयी।
बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी, अपर निदेशक-कोषागार एवं पेंशन अमर सिंह, अपर जिलाधिकारी-वित्त एवं राजस्व हिमांशु कुमार गुप्ता, मुख्य अभियंता-नगर निगम महेश वर्मा, अधीक्षण अभियंता-उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद कमलेश प्रसाद त्रिपाठी, संयुक्त आयुक्त-उद्योग कंचन सुबोध, उपनिदेशक-पर्यटन डाॅ0 कल्याण सिंह, सहयुक्त नियोजक-उ0प्र0 नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग विशाल भारती, अधिशासी अभियंता-जल निगम पीयूष मौर्या, सदस्य-लखनऊ विकास प्राधिकरण पुष्कर शुक्ला, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी व नगर नियोजक के0के0गौतम समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा सर्वप्रथम प्राधिकरण बोर्ड की 176वीं बैठक में लिये गये निर्णयों की अनुपालन आख्या प्रस्तुत की गयी। इसके बाद उपाध्यक्ष ने मोहान रोड योजना को विकसित करने के लिए तैयार कराये गये ले-आउट प्लान का प्रस्तुतिकरण किया। इसके अंतर्गत ग्राम प्यारेपुर और कलियाखेड़ा की कुल 785.026 एकड़ अर्जित भूमि पर चंडीगढ़/पंचकुला की तर्ज पर आवासीय योजना विकसित की जाएगी। इसमें 111.12 एकड़ क्षेत्रफल में एकल भूखण्ड, 159.52 एकड़ में ग्रुप हाउसिंग, 39.22 एकड़ में व्यवसायिक, 48.13 एकड़ में सामुदायिक केन्द्र, 183.24 एकड़ में सड़कें व 9.28 एकड़ में ट्रांजिट स्पेस एरिया विकसित किया जाएगा। एजुकेशन सिटी के रूप में विकसित की जाने वाली इस योजना में 73.95 एकड़ जमीन शिक्षण संस्थान के लिए आरक्षित की जाएगी, जबकि 159.85 एकड़ जमीन ग्रीन बेल्ट की होगी।
ग्रिड पैटर्न पर विकसित की जाने वाली इस योजना को आठ सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक सेक्टर में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सेक्टोरल शाॅपिंग सेंटर एवं वेंडर के लिए प्राविधान होगा। योजना के मध्य में 42 एकड़ का सेंट्रल पार्क बनाया जाएगा, साथ ही साथ लगभग 45000 वर्गमीटर एरिया में तालाब विकसित किया जाएगा। मोहान रोड योजना के सभी बड़े चैराहों पर रोटरी विकसित की जाएगी, जिसमें बायीं ओर मुड़ने वाले ट्रैफिक को फ्री-पास दिया जाएगा। योजना में 112.50 वर्गमीटर से 450 वर्गमीटर तक के कुल 2485 भूखण्ड सृजित किये जाएंगे।
बल्कसेल के 912 फ्लैट अब “पहले आओ-पहले पाओ“ में खरीदें
उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बैठक में कहा कि कानपुर रोड योजना के श्रवण अपार्टमेंट, ऐशबाग हाईट्स व समाजवादी लोहिया इन्क्लेव के 912 रिक्त फ्लैटों को एकमुश्त विक्रय के लिए बल्कसेल अनुभाग को पूर्व में हस्तगत किया गया था। इन योजनाओं में फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोग बल्कसेल की बाध्यता के कारण यहां सम्पत्ति नहीं खरीद पा रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इन 912 फ्लैटों को अपार्टमेंट अनुभाग के सुपुर्द करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बोर्ड द्वारा इस प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। अब यह फ्लैट प्राधिकरण की पहले आओ-पहले पाओ योजना के अंतर्गत बिक्री के लिए आनलाइन उपलब्ध होंगे।
 रिटायर सैन्य अधिकारियों के कमान में प्रवर्तन दल की स्थापना
बैठक के दौरान उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा प्राधिकरण कार्यों के सम्पादन के लिए प्रवर्तन दल की स्थापना के सम्बंध में प्रस्ताव दिया गया, जिसे बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया। इसके अंतर्गत सेना से रिटायर कर्नल/लेफ्टिनेंट कर्नल स्तर के अधिकारी की कमान में प्रवर्तन दल की स्थापना की जाएगी। इसमें रिटायर जे0सी0ओ0 (सुपरवाइजर) रैंक के तीन अधिकारी टीम लीडर व रिटायर एन0सी0ओ0/ओ0आर0 रैंक के 12 अधिकारी स्क्वायड कमाण्डर के रूप में तैनात होंगे। उपाध्यक्ष ने बताया कि भूमि अर्जन व अवैध निर्माण के विरूद्ध प्राधिकरण द्वारा की जाने वाली कार्यवाही में प्रवर्तन दल की अहम भूमिका होगी।
बहुमंजिली इमारतों का होगा स्ट्रक्चरल आडिट
उपाध्यक्ष द्वारा लखनऊ विकास क्षेत्र में स्थित बहुमंजिली इमारतों में फायर सेफ्टी की तरह स्ट्रक्चरल सेफ्टी सुनिश्चित कराने के सम्बंध में प्रस्ताव दिया गया, जिसे बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया। इसके अंतर्गत अब 15 मीटर अथवा उससे अधिक ऊंची इमारतों में स्ट्रक्चरल आॅडिट कराना अनिवार्य होगा। आॅडिट हेतु निरीक्षण के लिए प्राधिकरण द्वारा थर्ड पार्टी एजेंसी का पैनल गठित किया जाएगा, जोकि बहुमंजिला भवनों के निर्माण के दौरान निर्माण की गुणवत्ता की जांच करेगा। किसी भी योजना का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी होने के उपरांत 05 वर्ष तक स्ट्रक्चरल आॅडिट का जिम्मा बिल्डर का ही होगा। इसके अंतर्गत यह भी प्राविधान किया गया है कि बहुमंजिला भवन के निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृति कराते समय बिल्डर को उक्त बिल्डिंग की प्रस्तावित उम्र का भी उल्लेख करना होगा।

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