मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इस वर्ष 70 लाख मीट्रिक टन धान तथा 5.80 लाख मीट्रिक टन श्री अन्न (मोटे अनाज) के क्रय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। धान खरीद हेतु 4000 तथा श्री अन्न की खरीद हेतु प्रदेश में 677 क्रय केन्द्र स्थापित किये जायेंगे। धान एवं श्री अन्न के विक्रय हेतु खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर किसानों का पंजीकरण प्रारम्भ हो चुका है। धान की खरीद 1 अक्टूबर से प्रारम्भ होगी।
उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों द्वारा समीक्षा कर किसानों के पंजीकरण व सत्यापन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करा लिया जाये। जिन क्षेत्रो में फसल की पैदावार अधिक है, वहां पर क्रय केन्द्र अवश्य स्थापित किये जायें। सभी क्रय केन्द्रों पर खरीद सम्बन्धी आवश्यक व्यवस्थाओं व तैयारियों को समय से पूरा करा लिया जाये। सभी क्रय केन्द्रों पर किसानों के बैठने, वाहन की पार्किंग, पेयजल, ट्वायलेट आदि मूलभूत सुविधायें अवश्य उपलब्ध होे। क्रय केन्द्रों पर खरीद सम्बन्धी उपकरणों को चेक कराकर क्रियाशीलता का सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया जाये।
उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उपज के विक्रय में किसी भी प्रकार की कठिनाई कतई नहीं होनी चाहिये। खरीद केन्द्र पर किसानों के उपज की समय से तौलाई करायी जाये तथा मानक के नाम पर किसानों का धान रिजेक्ट न किया जाये। अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर निर्धारित लक्ष्य से अधिक की खरीद करायी जाये। धान के मूल्य का भुगतान समय से डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में किया जाये।
उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की खरीद पर विशेष बल दिया जाये, ताकि आने वाले वर्षों में इसकी खरीद को और बढ़ाया जा सके। क्रय केन्द्रों के निर्धारण में क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया के निर्देशानुसार क्रय केन्द्रों पर सुविधा, सुगमता व सहूलियत के मानकों का अनुपालन कराया जाये।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाये जाने से रोकने हेतु अपेक्षित कार्यवाहियां अभी से प्रारम्भ कर दी जाये। पराली प्रबंधन हेतु किसानों को जागरूक किया जाये। संवेदनशील जनपदों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। फसल अवशेष प्रबन्धन से सम्बन्धित कृषि यंत्र क्रियाशील रहे।
ई-खसरा पड़ताल की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि सर्वे का कार्य हर हाल में 30 सितम्बर तक पूरा करना है। सभी जिलाधिकारियों व उपजिलाधिकारियों द्वारा इसका प्रतिदिन समीक्षा कर सर्वे कार्य में अपेक्षित प्रगति लायी जाये। इनएक्टिव पंजीकृत सभी सर्वेयर व सुपरवाइजर को एक्टिव किया जाये।
बैठक में बताया गया कि 30 जनपदों में सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 7 जनपदों में सर्वे का कार्य पूर्णता की ओर है। अब तक 27,642 गांवों में सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है।
मेरी माटी-मेरा देश अभियान की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर उत्सव का वातावरण सृजित किया जाये। इस अभियान से प्रदेश के हर नागरिक को जोड़ा जाये। अभियान के तहत जनपदों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के फोटोग्राफ्स और वीडियो को पोर्टल पर अवश्य अपलोड किया जाये।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में प्रथम स्तर पर जियो टैगिंग की कार्यवाही अवशेष है, को तेजी से पूरा कराया जाये, ताकि विभाग द्वारा किस्त का भुगतान किया जा सके। बीएलसी घटक के अन्तर्गत 681 परियोजनाओं का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि 1592 ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिनका कार्य 90 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका हैं, सभी जिलाधिकारी साप्ताहिक कर ऐसी परियोजनाओं को सभी रिर्सोसेज लगाकर तेजी से पूरा करायें।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा 01 अगस्त से 31 अक्टूबर, 2023 तक तीन माह की अवधि के लिए पीएम स्वनिधि अभियान चलाया जा रहा है, जिलाधिकारी द्वारा इसकी नियमित समीक्षा एवं अनुश्रवण किया जाये। पीएम स्वनिधि के अन्तर्गत प्रथम एवं द्वितीय ऋण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को प्री-क्लोजर के लिये प्रेरित किया जाये, ताकि क्लोजर के उपरांत द्वितीय एवं तृतीय ऋण स्वीकृत कराकर अधिक धनराशि उपलब्ध करायी जा सके।
उन्होंने कहा कि शीत ऋतु को ध्यान में रखते हुये डे-एनयूएलएम के अन्तर्गत निर्माणाधीन 11 शेल्टर होम का कार्य तेजी से पूरा कराया जाये। इसी तरह 11 शहरों-लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, सहरानपुर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, मेरठ, अयोध्या, गाजियाबाद, व लोनी में मॉडल स्ट्रीट वेण्डिंग जोन विकसित करने के कार्य में तेजी लाने की जरूरत है। मॉडल स्ट्रीट जोन विकसित होने से क्रेता, विक्रेता व आम लोगों को फायदा होगा। स्ट्रीट वेण्डर्स की आमदनी में इजाफा होने के साथ-साथ जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत 13,52,062 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। डे-एनयूएलएम के अन्तर्गत स्वीकृत 155 शेल्टर होम परियोजनाओं के सापेक्ष 144 परियोजनाओं का कार्य पूर्ण कराकर क्रियाशील कराया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सहायिका का आंगनबाड़ी कार्यकत्री के रूप में चयन की कार्यवाही को पारदर्शिता के साथ पूर्ण कराने के लिये विभाग द्वारा पोर्टल तैयार कराया गया। आंगनबाड़ी कार्यकत्री के कुल रिक्त पदों के सापेक्ष 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती अपेक्षित अर्ह पूर्ण करने वाली आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मेरिट के आधार पर चयन कर भरी जायेंगे। अवशेष 50 प्रतिशत सीधी भर्ती के माध्यम से भरी जायेंगी। सभी केन्द्रों पर आरक्षण के साथ रिक्त पदों की सूचना को आगामी 25 सितम्बर तक पोर्टल पर अवश्य दर्ज करा दिया जाये।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को राष्ट्रीय मानकों तथा बाल-अनुकूल मापदंडों के अनुरूप मौजूदा मूलभूत अवस्थापनो सुविधाओं का 18 निर्धारित संकेतकों पर कायाकल्प करना है। लर्निंग लैब कॉन्सेप्ट पर चयनित आंगनबाड़ी केन्द्रों के विकास कार्यों का उच्च मानक एवं गुणवत्ता के साथ नियत समय-सीमा में पूरा कराया जाये, ताकि आंगनबाड़ी केन्द्र से जुड़े प्रतिनिधि इन केन्द्रों का भ्रमण कर सीख प्रेरित हो सकें।
इसके अलावा उन्होंने स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा, पीएम विश्वकर्मा योजना, अटल आवासीय विद्यालय, सड़कों को गड्ढ़ामुक्त, विद्युत, ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी, राजस्व वादों के निस्तारण, राइस फोर्टिफिकेशन के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को दिये। अटल आवासीय विद्यालय का शुभारंभ मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा आगामी 23 सितम्बर को प्रस्तावित है।
इससे पूर्व, जिलाधिकारी बदायूं द्वारा ‘बाढ़ राहत कार्यों का प्रबंधन’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने जनपद में बाढ़ से पूर्व तथा बाढ़ के पश्चात जनपद में संचालित गतिविधियों से अवगत कराया गया। 02 माह की कांवड यात्रा में कछला घाट, गंगा पर कुशल प्रबन्धन से एक भी डूबने की घटना नहीं हुई।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, सचिव खेलकूद सुहास एल0वाई, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया, राहत आयुक्त जी0एस0नवीन कुमार, निदेशक सूडा डॉ0 अनिल कुमार, निदेशक आईसीडीएस सरनीत कौर ब्रोका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।