UPSRTC : लापरवाह अफसरों की वजह से होती है निगम की बार बार बदनामी, हैकर के आगे परिवहन निगम की टीम फिसड्डी

परिवहन निगम : जिम्मेदार अधिकारियों के परिवहन निगम का अकाउंट कैसे हैक हो जाता है ? अक्सर देखा जा रहा है कि कभी परिवहन निगम की वेबसाइट तो, कभी ईटीएम, तो कभी फास्ट टैग हैक होने की सूचनायें सामने आ रही है।

अब सवाल उठता है कि क्या परिवहन निगम के अफसर कोई काम नहीं कर रहे हैं? सवालों के घेरे में हैं परिवहन निगम के जिम्मेदार अफसर। क्या परिवहन निगम की वेबसाइट इतनी कमजोर है कि कोई भी इंजीनियर उसे हैक कर सकता है। अब सवाल है कि लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी कुछ बाहरी इंजीनियर परिवहन निगम की वेबसाइट हैक कर लेते हैं, तो कभी उसका ईटीएम अकाउंट हैक कर लेते हैं।

अब मामला फास्टटैग से जुड़ा आया है जिसमें फास्टटैग में ट्रांजैक्शन को लेकर परिवहन निगम के अधिकारी साइबर सेल के अधिकारियों की पनाह में जाएंगे। लेकिन यह कोई नहीं सोचता कि जब परिवहन निगम में उच्च पदों पर बैठे अफसर विभाग से हर महीना मोटा वेतन लेते हैं तो क्या उनको जिम्मेदारी से काम नहीं करनी चाहिए?

परिवहन निगम में उच्च अधिकारियों लापरवाही के चलते बार-बार अकाउंट हैक हो रहे हैं और जिसकी भरपाई शासन स्तर पर परिवहन निगम के एमडी को हटाकर कर दी जाती है इससे पहले भी जब ईटीएम हैक हुआ था तब उसके बाद परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार पर गाज गिरी। लेकिन लंबे समय से एक ही कुर्सी पर जमे अधिकारियों को किसका संरक्षण प्राप्त है जो इनको दूसरी जगह नहीं भेजा गया। लेकिन फिर भी कोई नहीं सोचता कि परिवहन निगम में उच्च पदों पर बैठे अफसर क्या काम करते हैं?

वर्ष 2018 और 2023 में जब परिवहन निगम के आधिकारिक वेबसाइट और अकाउंट हैक हुए तब प्रधान प्रबंधक आईटी यजुवेंद्र कुमार का कहना था कि जिस फर्म के साथ परिवहन निगम का ऑनलाइन सेवाओं का अनुबंध हुआ था, उसका डाटा किसी ने हैक कर लिया है। इसी वजह से ऑनलाइन ऐप्लिकेशन खुल नहीं पा रहा। ऐसे में एप्लिकेशन के ना खुलने की वजह से मौजूदा समय में ना ही घर बैठे ऑनलाइन टिकट बुक हो रहा है और ना ही किसी यात्री का ऑनलाइन टिकट कैंसिल ही हो पाएगा।

अब मामला 20 बसों में फास्टटैग में गड़बड़ी का सामने आया है। जिससे साफ होता है कि उच्च अधिकारी केवल आरामदेह कमरों में अपनी कुर्सी तोड़ रहे हैं।

परिवहन निगम की 20 गाड़ियों में फास्टैग में कुछ गड़बड़ी पाई गई जिसके तह में जाने के उपरांत स्पष्ट हुआ कि कुछ निजी बैंक की मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है l क्योंकि इसमें कई विभाग संबंधित है जैसे NHAI, यूपीएसआरटीसी, UPEIDA, SBI, AXIS BANK इत्यादिI अतः इस प्रकरण में परिवहन निगम द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर साइबर सेल से जांच करवाई जाएगीI परिवहन निगम के सभी क्षेत्र को भी सतर्क कर दिया गया है कि जागरूक रहकर ध्यान रखें की और अधिक बसों में इस प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए l

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