UPCM ने Dr. आंबेडकर जयंती पर Dr. आंबेडकर महासभा में किया बड़ा एलान

उत्तर प्रदेश
UPCM और राज्यपाल ने Dr. आंबेडकर महासभा परिसर में स्थापित तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण और Dr. आंबेडकर के अस्थि कलश पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। इस मौके पर एक स्मारिका और बुद्ध कैलेण्डर का विमोचन भी किया गया।

UPCM ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब Dr. B.R आंबेडकर का जीवन हम सभी के लिए प्रेरक है। उन्होंने विषम परिस्थितियों में न केवल उच्चतम शिक्षा हासिल की, बल्कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए भी आगे आए। उनका मानना था कि सामाजिक व आर्थिक विषमता को दूर कर ही सच्ची स्वाधीनता पायी जा सकती है। इसके लिए उन्होंने शिक्षा को प्रमुख हथियार माना।

UPCM ने कहा कि Dr. आंबेडकर को उचित सम्मान दिलाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है। जहां एक ओर प्रधानमंत्री बाबा साहब Dr. आंबेडकर से जुड़े स्थलों को विकसित कर उनके दर्शन से वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर Dr. आंबेडकर की सोच के अनुरूप विकास कार्यों को भी समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी जिन गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा प्राप्त नहीं था और उन्हें वोट देने का भी अधिकार नहीं था, उन्हें हमारी सरकार ने यह अधिकार प्रदान करने का काम किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बाबा साहब के चित्र को सभी सरकारी कार्यालयों में लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
UPCM ने कहा कि केन्द्र सरकार Dr. आंबेडकर से जुड़े 05 स्थलों को ‘पंच-तीर्थ’ के रूप में विकसित कर रही है। इनमें मध्य प्रदेश स्थित उनका जन्म स्थान महू छावनी तथा लंदन का वह घर, जहां ब्रिटेन में रहते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई की, सम्मिलित हैं। साथ ही, नागपुर में दीक्षा भूमि, दिल्ली स्थित महापरिनिर्वाण स्थल तथा मुम्बई में चैत्य-भूमि का भी विकास किया जा रहा है। इसके अलावा गत वर्ष दिसम्बर में प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ली में Dr. B.R आंबेडकर अंतराष्ट्रीय केन्द्र राष्ट्र को समर्पित किया गया। निश्चित रूप से ‘पंच-तीर्थ’ स्थलों के विकास से अधिक से अधिक लोगों और विशेष तौर पर युवाओं को बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर की दृष्टि एवं विचारों को जानने एवं समझने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर UPCM ने कहा कि गरीबों, दलितों व वंचितों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिन्हें शासन की सुविधाओं से वंचित रखा गया है, उन्हें वास्तविक लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से एक कमीशन गठित किया जाएगा। कमीशन यह देखेगा कि वंचित लोगों को शासन की सुविधाओं का लाभ कैसे उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप देने में काफी शिथिलता बरती थी। वहीं हमारी सरकार ने कार्यभार ग्रहण करते ही अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के 21 लाख लोगों को स्काॅलरशिप देने का काम किया।

UPCM ने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की पहली किश्त 02 अक्टूबर, 2018 व दूसरी किश्त 26 जनवरी, 2019 को उनके बैंक खाते में उपलब्ध करा दी जाएगी। इस वर्ष हमने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के स्काॅलरशिप प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या को 21 लाख से बढ़ाकर 23 लाख किया है। इसमें कक्षा 09 व 10 के लिए आय सीमा को 02 लाख रुपए से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए किया गया है। इसके साथ ही, इस योजना में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के 50 हजार अतिरिक्त विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। इन्हें मिलने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि 2250 रुपए से बढ़ाकर 03 हजार रुपए की गई है।
UPCM ने कहा कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति में अनुसूचित जाति के लगभग 50 हजार विद्यार्थियों व अनुसूचित जनजाति के 500 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक डे-स्काॅलर को जो चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कृषि, प्रबन्धन, स्नातक एवं परास्नातक का पाठ्यक्रम कर रहे हैं, उन्हें डे-स्काॅलर के रूप में 550 रुपए और जो विद्यार्थी हाॅस्टल में रहते हैं, उन्हें 1200 रुपए मिलेंगे। M.A, M.Sc, M.Com, L.L.B, पैरामेडिकल, एम.फार्मा के डिग्री व डिप्लोमा पाठ्यक्रम हेतु डे-स्काॅलर को 530 रुपए और हाॅस्टल में रहने वाले विद्यार्थी को 820 रुपए दिए जाएंगे।
UPCM ने कहा कि समूह-1 व 2 से आच्छादित न होने वाले समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के स्नातक डिग्री हेतु B.A, B.Sc, B.Com के डे-स्काॅलर को 300 रुपए और हाॅस्टल में रहने वाले विद्यार्थी को 570 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। पाॅलीटेक्निक डिप्लोमा, जिनकी योग्यता कम से कम हाईस्कूल तक हो, उन डे-स्काॅलर्स को 230 रुपए व हाॅस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों को 380 रुपए दिए जाएंगे। इसमें अनुसूचित जाति के 50 हजार व अनुसूचित जनजाति के 500 विद्यार्थियों को भी इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
UPCM ने कहा कि प्रदेश में गरीब परिवारों की बालिकाओं के विवाह हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू की गई है। इस योजना से अनुसूचित जाति की 07 हजार बालिकाओं व अनुसूचित जनजाति की 200 बालिकाओं को लाभ मिला है। इस योजना के तहत राज्य सरकार प्रति लाभार्थी को 35 हजार रुपए उपलब्ध कराने का काम कर रही है। इस हेतु इस वित्तीय वर्ष में 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
UPCM ने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को उचित व समय पर न्याय मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में जो मामले दर्ज होते हैं, उनका त्वरित निस्तारण हो व दोषियों को सजा मिले। लेकिन कोर्ट की संख्या कम होने के कारण उन्हें न्याय नहीं मिल पाता था, इसलिए हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि 25 नये कोर्ट गठित किए जाएंगे।
कार्यक्रम को बाबा साहब Dr. B.R आंबेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने UPCM को दलित मित्र सम्मान से विभूषित किया।

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल और UPCM ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले 09 महानुभावों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर UP_Dy_CM डाॅ. दिनेश शर्मा, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री बलदेव ओलख मौजूद रहे।