UPCM ने BBAU में Dr. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संगोष्ठी का शुभारम्भ किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने BBAU में बाबा साहब डाॅ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के दौरान UPCM ने राष्ट्रीय संगोष्ठी की स्मारिका सहित विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. आर.सी. सोबती द्वारा सम्पादित पुस्तकों का विमोचन भी किया।

UPCM ने बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में बाबा साहब Dr. आंबेडकर की 127वीं जयन्ती पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि Dr. आंबेडकर को बचपन से ही अनेक सामाजिक बुराइयों तथा आर्थिक असमानता का सामना करना पड़ा। बाबा साहब के चरित्र की यह बहुत बड़ी खूबी है कि जीवनपर्यन्त सामाजिक एवं आर्थिक विषमताओं को सहन करने के बावजूद, संविधान निर्माण का अवसर प्राप्त होने पर उन्होंने इस पर अपने द्वारा सहन किए गये कष्टों की छाया नहीं आने दी।

UPCM ने कहा कि Dr. B.R आंबेडकर ने देश की समस्याओं को समझा था। उन्होंने सदैव देश और समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। समग्रता से देखने पर पता चलता है कि उनका दर्शन ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार कर सकता है। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा इसी दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने डाॅ0 आंबेडकर से जुड़े 05 स्थलों-जन्म स्थल, लन्दन स्थित शिक्षा स्थल, परिनिर्वाण स्थल, दीक्षा भूमि तथा चैत्य स्थल को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को देश और दुनिया के सामने लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
UPCM ने कहा कि देश Dr. आंबेडकर की प्रेरणा से प्रकाश पाकर निरंतर आगे बढ़ रहा है। केन्द्र सरकार ने जनधन योजना, गरीब के लिए आवास की व्यवस्था, घर में शौचालय निर्माण, निःशुल्क बिजली कनेक्शन के माध्यम से गरीब, दलित और वंचित वर्ग के लिए बेहतर जीवन स्तर उपलब्ध कराया है। यह न्याय और समता की स्थापना के भाषणों से नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार की कर्मठता और सतत प्रयास से सम्भव हुआ है। केन्द्र सरकार के अनुरूप कार्य करते हुए प्रदेश सरकार ने भी राज्य के गरीब, दलित और शोषित वर्ग को 8.85 लाख आवास, 40 लाख शौचालय, 1.42 लाख विद्युत कनेक्शन तथा 37 लाख राशन कार्ड उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यधारा में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की है।
UPCM ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के शत-प्रतिशत कुल 21 लाख विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप उपलब्ध करायी है। इस वर्ष 23 लाख छात्र-छात्राओं को स्काॅलरशिप दी जाएगी। साथ ही, अब यह व्यवस्था की गई है कि स्काॅलरशिप की पहली किश्त 02 अक्टूबर को तथा दूसरी किश्त 26 जनवरी को उपलब्ध करा दी जाए। स्काॅलरशिप की पात्रता हेतु आय सीमा को 02 लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया जाएगा। इससे अनुसूचित जाति के 50 हजार और अनुसूचित जनजाति के 500 अतिरिक्त विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप का लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज मामलों का त्वरित निस्तारण कराकर दोषियों को दण्डित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 25 नये न्यायालयों की स्थापना की जाएगी।
UPCM ने कहा कि Dr. आंबेडकर शिक्षा को बहुत महत्वपूर्ण मानते थे। उन्होंने समाज के दलित, शोषित, वंचित वर्ग को शिक्षा को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया। प्रदेश सरकार राज्य के प्रत्येक बालक-बालिका का नामांकन सुनिश्चित करने के लिए 02 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2018 तक स्कूल चलो अभियान संचालित कर रही है। विगत वर्ष में 1.54 करोड़ विद्यार्थियों का नामांकन कराकर उनके लिए पुस्तक, बैग, जूता-मोजा आदि की व्यवस्था की गई थी। वर्तमान शिक्षा सत्र के पाठ्यक्रम में सभी महापुरुषों को स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में महात्मा ज्योतिबा फुले की पत्नी सावित्री बाई फुले के नाम पर महिला छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. महेन्द्र सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव ओलख सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।