UPCM ने ‘समुत्कर्षा’ शिविर का उद्घाटन और पुस्तक का विमोचन किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने इलाहाबाद भ्रमण के दौरान आज माघ मेला परिसर स्थित विद्या भारती क्षेत्रीय बालिका शिविर के ‘समुत्कर्षा’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि तीर्थराज प्रयाग का अपना महत्व है और यह मान्यता है कि माघ मास के अवसर पर सभी तीर्थ प्रयागराज में वास करते हैं। भारत की शास्त्रीय मान्यता को आज इस आयोजन ने एक बार पुनः चरितार्थ कर दिया है जब एक साथ हजारों बालिकाएं पूर्वी प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से विद्या भारती द्वारा संचालित संस्थाओं से आयी हुयी है।
UPCM ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महिला सशक्तीकरण की बात चल रही है, तो विद्या भारती महिला सशक्तीकरण को वास्तविक रूप में प्रदर्शित करते हुए, देश के अन्दर बालिकाओं के उत्तम और संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए कार्य कर रही है।उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति सदैव से मातृत्व प्रधान संस्कृति रही है। हम अपने देश को भी भारत माता के नाम सम्बोधित करते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता अभियान में महिलाओं के योगदान की याद दिलाते हुए रानी लक्ष्मीबाई एवं अहिल्याबाई होल्कर के जीवन एवं उनके संघर्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाएं अपना नेतृत्व देश को प्रदान कर रही हैं। देश की विदेश मंत्री, लोकसभा की स्पीकर, देश की रक्षा मंत्री के रूप मे कार्य कर महिलाओं ने अपनी प्रतिभा को विश्व के सामने रखा है।
UPCM ने कहा प्रयागराज की धरती पर तीन नदियों का संगम भी मातृ शक्ति के स्वरूप को प्रदर्शित करता है। जिसमें गंगा, यमुना एवं सरस्वती तीनों नदियों के संगम होने से महातीर्थ तीर्थराज प्रयागराज कहलाता है। प्रयागराज की धरती पर पूर्वी प्रदेश के बालिकाएं महिला सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने के लिए आयी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में महिला सशक्तीकरण को बढ़ाने का कार्य भारत सरकार कर रही है। ‘बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ’ अभियान महिला सशक्तिकरण के लिए है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना भी महिला सशक्तीकरण से सम्बन्धित है। उत्तर प्रदेश में 65 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से निःशुल्क रसोई गैस के कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। स्टैण्ड-अप योजना का उद्देश्य महिला सशक्तीकरण को और आगे बढ़ाना है।
UPCM ने कहा प्रदेश में पूर्व की स्थितियों को सुधारने का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि बहन-बेटियां सुरक्षित रहेंगी, तो समाज अपने आप सुरक्षित महसूस करेगा। इसी उद्देश्य से एण्टी रोमियो स्क्वाॅयड चलाया गया। 24 घण्टे संचालित निःशुल्क ‘181’ हेल्पलाइन के माध्यम से महिलाएं स्वयं को सुरक्षित कर सकती हैं। ‘1090’ की हेल्पलाइन भी महिला के लिए प्रदेश शासन द्वारा संचालित की जा रही है। साथ ही कहा कि हर गांव में महिलाओं के सशक्तीकरण एवं उनके स्वावलम्बन एवं सम्मान के लिए महिलाओं से सम्बन्धित स्वयंसेवी संस्था का गठन किया जा रहा है। प्रदेश में 60 हजार ग्राम पंचायतें हैं तथा हर ग्राम पंचायत में एक स्वयंसेवी समूह गठित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी समूहों के माध्यम से गांवों में महिलाओं के सशक्तीकरण के उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा। महिलाओं से सम्बन्धित योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार एवं शिविरों के आयोजन से महिलाओं को इन योजनाओं से अवगत कराते हुए उन्हें स्वावलम्बी बनाते हुए महिला सशक्तीकरण को आगे बढ़ाया जा सकता है।
UPCM ने कहा कि समुत्कर्षा बालिका शिविर में कौशल विकास, कैरियर काउन्सिलिंग, लेखन के द्वारा नाम रोशन करने वाली महिलाओं के बारे में विभिन्न कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया जाना एक अभिनव प्रयोग होगा। बालिका के जन्म से परिवार के भेदभाव को समाप्त करते हुए महिला सशक्तीकरण की योजनाओं से उनकी प्रतिभाओं को निखारते हुए देश के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती द्वारा शिक्षा को गुणवत्ता, राष्ट्रीयता एवं संस्कार के साथ जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, वह एक सराहनीय, अभिनन्दनीय एवं अन्य संगठनों के लिए अनुकरणीय भी है।
UPCM ने कहा कि देश के अन्दर का माहौल तीव्र गति से बदल रहा है। आज विश्व में भारत का सम्मान निरन्तर बढ़ रहा है। कुम्भ का आयोजन हजारों सालों से होता आ रहा है और अभी कुम्भ-2019 का दिव्य एवं भव्य आयोजन किया जाना है। पहली बार कुम्भ के आयोजन को विश्व की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में यूनस्को ने मान्यता दी है, जो दुनिया में भारत की संस्कृति के प्रति सम्मान को जाहिर करता है। इसी तरह योग की विरासत को भी यूनेस्को ने मान्यता दी और दुनिया के 192 देश योग की परम्परा से जुडे़। भारत की संस्कृति को विश्व में मान्यता मिल रही है। उन्होंने कहा कि आगामी कुम्भ-2019 का आयोजन उत्तर प्रदेश का ही नहीं, बल्कि दुनिया का अद्भुत पर्व होगा। गंगा जी की अविरलता एवं निर्मलता के लिए भारत सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ रुपए की योजना लागू की गई है।
UPCM ने कहा कि हमें यह सोचना चाहिए कि हमारा जीवन समाज, संस्कृति एवं राष्ट्र के लिए है। प्रयागराज की धरती पर हर क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग यहां पर अध्ययन करने आते हैं और सफलता भी हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाएं सिर्फ कल की नागरिक नहीं, बल्कि आज की नागरिक बनकर समाज का मार्गदर्शन करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में सफल होंगी।
इस अवसर पर महापौर अभिलाषा गुप्ता ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आज देश में बेटियां पढ़ें और बढ़ें की भावना तीव्र गति से मूर्तरूप ले रही है। हर क्षेत्र के पदों को महिलाएं सुसज्जित कर रही हैं। तकनीकी एवं प्रशासन के कार्य में भी महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि नारी से ही जीवन है। इस शिविर में बालिकाओं को विभिन्न प्रकार की कलाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने शिविर में आयी बालिकाओं की उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की। ज्ञातव्य है कि विद्याभारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा बालिकाओं में नवचेतना हेतु समर्पित क्षेत्रीय बालिका शिविर का आयोजन किया गया है, जो 30 जनवरी, 2018 तक चलेगा। इस शिविर में बालिकाओं में अन्तर्निहित असीम क्षमताओं एवं नैसर्गिक गुणों व शक्तियों का प्रकटीकरण किया जाएगा, जिसके लिए विद्याभारती पूर्वी द्वारा उत्तर प्रदेश की 15,000 छात्राओं को चयनित किया गया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने ‘समुत्कर्षा’ पुस्तक का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क मंत्री नन्द कुमार नंदी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय संयोजिका, बालिका शिक्षा, विद्याभारती रेखा चुडासमा सहित बड़ी संख्या में बालिकाएं उपस्थित रहीं।