UPCM ने लम्बित निवेश प्रस्तावों की गहन और विस्तृत समीक्षा की
उत्तर प्रदेश।
UPCM ने लम्बित निवेश प्रस्तावों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश देते हुए कहा है कि सभी सम्बन्धित विभाग पुख्ता एवं समयबद्ध ढंग से लम्बित निवेश प्रस्तावों पर गम्भीरता के साथ, समाधान की दिशा में निर्णय लेते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ‘यू.पी. इन्वेस्टर्स समिट-2018’ के पूर्व इस सम्बन्ध में निर्णायक और ठोस कार्यवाही किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह समिट उत्तर प्रदेश की छवि को निखारने व उभारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, इसलिए निवेश के प्रस्तावों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए शीघ्रता से कार्यवाही की जाए।
UPCM ने बुधवार को देर रात तक शास्त्री भवन में लम्बित निवेश प्रस्तावों की गहन और विस्तृत समीक्षा कर रहे थे। योगी जी ने कहा कि राज्य में एग्रो एण्ड फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, टेक्सटाइल, रिन्यूएबल एनर्जी, टूरिज्म, सिविल एविएशन, इलेक्ट्राॅनिक्स, आई0टी0 एण्ड स्टार्टअप, फिल्म, एम.एस.एम.ई. आदि फोकस सेक्टर्स हैं। ऐसे में निवेश सम्बन्धी प्रस्तावों पर विलम्ब किया जाना या अनिर्णय की स्थिति का होना राज्य के विकास की प्रगति में बाधक है।
UPCM ने कहा कि जिन विभागों से सम्बन्धित नीतियां जारी नहीं हुई हैं, उन्हें भी शीघ्रता से जारी किए जाने की दिशा में कार्यवाही की जाए। साथ ही, जिनकी नीतियां जारी हो चुकी है, उनसे सम्बन्धित सुसंगत शासनादेशों को भी शीध्र जारी किया जाये जिससे तेजी से कार्यवाही की जा सके। उन्होंने प्रदेश में सोलर ऊर्जा फार्म, लाॅजिस्टिक पार्क, ई-लाॅजिस्टिक पार्क, फार्मा पार्क और औद्योगिक पार्कों की स्थापना को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में निजी क्षेत्र के निवेशकों की समस्याओं का समाधान शीघ्रता से हो।
UPCM ने कहा कि ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की सहभागिता की सम्भावनाओं के अवसर को तलाशा जाए और जिन निवेशकों ने इस क्षेत्र में निवेश के लिए रुचि दिखाई है, उनसे संवाद स्थापित करते हुए समस्याओं के समाधान की कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार शहरी व ग्रामीण साॅलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट, सीवरेज सिस्टम तथा शहरी व ग्रामीण पेयजल की सुचारु व्यवस्था के सम्बन्ध में निवेश प्रस्तावों पर विचार किया जाए।
UPCM ने कहा कि प्रदेश में ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को और प्रभावी बनाते हुए विद्युतचालित वाहनों की संख्या में बढ़ोत्तरी के प्रयास किए जाएं। इन सबके सम्बन्ध में नीतियां जारी करने में किसी भी प्रकार की देरी न हो। प्रदेश में रुग्ण औद्योगिक इकाइयों को कम निवेश करके पुनर्जीवित करते हुए व्यर्थ पड़ी पूंजी को रोजगार के प्रयोग में लाया जा सकता है। इस सम्बन्ध में भी नीति बनाई जाए। नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा अन्य विकास प्राधिकरणों में रुकी हुई परियोजनाओं के शीघ्रता से पूरे किए जाने के निर्देश देते हुए योगी जी ने कहा कि खरीदारों को जल्द से जल्द आवास दिए जाने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्षों में घोषित की गई औद्योगिक नीति के अन्तर्गत कई इकाइयों के लम्बित प्रस्तावों पर भी ‘यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट-2018’ से पहले निर्णय लिया जाना चाहिए।
प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता जताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन इकाइयों को बढ़ावा देने से किसानों को उनकी फसल का बेहतर दाम मिल सकता है और उनकी आय दोगुनी किए जाने में भी मदद मिलेगी। इन इकाइयों की स्थापना के सम्बन्ध में आ रही समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाए। उन्होंने लैण्ड बैंक की उपलब्धता पर जोर देते हुए कहा कि रुके हुए निवेश में तेजी लाने में लैण्ड बैंक कारगर सिद्ध होंगे। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक स्थानों में अवस्थापना सुविधाओं तथा रख-रखाव की स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज के क्रय-विक्रय में सहूलियत दिए जाने की दिशा में भी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड और पूर्वांचल क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए लम्बित प्रस्तावों पर शीघ्रता से विचार करते हुए समाधान किया जाए।
UPCM ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब निवेश के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन बन चुका है। लगभग 22 करोड़ की आबादी वाला यह राज्य न केवल एक बड़ा बाजार है, बल्कि यह कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराता है। वर्तमान प्रदेश सरकार प्राकृतिक एवं मानव संसाधनों का भरपूर लाभ उठाने के लिए निवेश फ्रेण्डली नीतियों को लागू कर रही है। राज्य में औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 लागू की जा चुकी है। इस नीति के तहत मेगा परियोजनाओं को परिभाषित करते हुए निवेश को रोजगार सृजन के साथ लिंक किया गया है।
इस अवसर पर औद्योगिक मंत्री सतीश महाना, मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, राजस्व परिषद के अध्यक्ष प्रवीर कुमार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डेय सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव मौजूद रहे।