UPCM ने राजभवन में शाकभाजी और पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM और राज्यपाल ने आज राजभवन में आयोजित दो दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी और पुष्प प्रदर्शनी-2018 का उद्घाटन किया। इसके बाद UPCM और राज्यपाल ने प्रांगण में लगाए गए विभिन्न स्टालों में प्रदर्शित किए गए फल, शाकभाजी, पुष्प और उद्यान उत्पादों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की स्मारिका ‘प्रदेश स्तरीय फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2018’ का विमोचन भी किया।
UPCM ने कहा कि राजभवन ने प्रदेश को हमेशा नई दिशा देने का प्रयास किया है। इसके दृष्टिगत यू.पी में पहली बार उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाया गया। गौरतलब है कि 17 व 18 फरवरी को आयोजित यह प्रदर्शनी आम जनता के लिए खुली रहेगी।
UPCM ने कहा कि किसानों को खुशहाल बनाने में खाद्य प्रसंस्करण की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 लागू की गयी है। इस नीति के तहत किसानों को उनके उत्पादों के लाभकारी मूल्य दिलाने तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित करने के प्राविधान किये गये हैं।

प्रदर्शनी में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा, केन्द्रीय औषधि एवं संगध पौध संस्थान (सीमैप), नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, औद्योगिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र बस्ती, सहारनपुर, एवं बरूआ सागर, झांसी, राजकीय ऊतक संवर्द्धन प्रयोगशाला अलीगंज, उद्यान निदेशालय, जम्मू एवं कश्मीर सरकार तथा धन्वन्तरि वाटिका राजभवन शामिल हैं। प्रदर्शनी के अन्तर्गत निर्यात वाले फूलों जैसे-लिलियम, कारनेशन तथा जरबेरा आदि प्रदर्शाें की प्रतियोगिताएं आयोजित करके प्रदर्शनी को और अधिक आकर्षक रूप दिया गया है। कलात्मक पुष्प सज्जा वर्ग में विभिन्न फूलों एवं शाकभाजी से बने सुरुचिपूर्ण माॅडल प्रदर्शित किये गये हैं।
आपको पता होगा कि इस प्रदर्शनी का आयोजन विगत 43 वर्षाें से अधिक समय से राजभवन परिसर में किया जा रहा है। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की जैव विविधता को एक स्थान पर समेकित रूप से आम जनता को दिखाना, प्रदेश के विभिन्न अंचलों में उत्पादित फल, शाकभाजी एवं पुष्पों के उत्कृष्ट प्रदर्शाें को जनता को दिखाना तथा विभिन्न औद्यानिक उत्पादों एवं प्रसंस्कृत पदार्थाें की प्रतियोगिता के माध्यम से समस्त दर्शकों एवं प्रतिभागियों में अच्छे उत्पादन हेतु प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करना है।