UPCM ने ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन’ पर आने वाली शिकायतों पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए
उत्तर प्रदेश।
UPCM ने ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन’ के प्रस्तुतिकरण अवसर पर अधिकारियों को इस व्यवस्था के तहत काॅल करने वाले लोगों की शिकायतों के निस्तारण की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न विभागों से सम्बन्धित समस्याओं का निस्तारण कौन करेगा, इसकी भी जानकारी जनता को उपलब्ध कराई जाए, जिससे कि आने वाले समय में लाॅन्च होने वाली यह हेल्पलाइन जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतर सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक काॅलर की समस्या का निस्तारण तेजी के साथ समयबद्ध ढंग से इस प्रकार किया जाए कि उसे सन्तोष का अनुभव हो।
UPCM शास्त्री भवन में ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन’ योजना के प्रस्तुतिकरण अवसर पर अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि जनसमस्याओं एवं शिकायतों को उसी स्तर पर सन्दर्भित किया जाए, जिनसे वे सम्बन्धित हैं। साथ ही, उसका निस्तारण उस स्तर पर किया जाए, जिस स्तर पर निस्तारण अपेक्षित है।
UPCM ने कहा है कि वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि उनके अधीनस्थ अधिकारी जनता की शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण ढंग से कम से कम समय में करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता व लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। शिकायतों का ठीक ढंग से निस्तारण नहीं करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर दण्डित किया जाएगा। वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश में संवेदनशील एवं पारदर्शी प्रशासन तथा जनसमस्याओं व शिकायतों का संज्ञान लेते हुए उसका प्रभावी निस्तारण किए जाने के लिए संकल्पबद्ध है।
अपर मुख्य सचिव नियोजन एवं सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्राॅनिक्स संजीव सरन ने ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन’ के बारे में जानकारी देते हुए UPCM को बताया कि 500 सीटों का काॅल सेण्टर बनाया गया है, जिसे 1000 सीटों तक बढ़ाए जाने की क्षमता है। यह 24×7 क्रियाशील रहेगा, जिसमें 1365 एक्जीक्यूटिव्य कार्यरत रहेंगे। इस टोल फ्री नम्बर ‘1076’ पर शिकायत, सूचना, मांग व सुझाव दिए जा सकते हैं।
अपर मुख्य सचिव नियोजन एवं सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्राॅनिक्स संजीव सरन ने कहा कि इसमें कार्यरत कर्मियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था किए जाने के साथ-साथ कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं, जिसमें विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया है। काॅल कनेक्टीविटी की समस्या का निस्तारण किया जा रहा है। शिकायतों की कैटेगरी बनाए जाने के स्तर पर भी कार्यवाही की गई है। टेस्ट फेज में अनुभव के आधार पर आवश्यकतानुसार नई शिकायत श्रेणियों एवं अधिकारियों की मैपिंग का भी कार्य किया गया है। उन्होंने UPCM को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए सुझावों व निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने की कार्यवाही की जाएगी।