UPCM ने मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना का शुभारम्भ किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने आज ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर अवध शिल्प ग्राम में ‘मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना’ के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के बाद जिन ग्रामों का सर्वांगीण विकास नहीं हुआ था, उन्हें वर्तमान सरकार ने राजस्व ग्राम का दर्जा प्रदान कर शासन की योजनाओं से जोड़ने का काम किया है। अब इन राजस्व ग्रामों को बुनियादी अवस्थापना सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके तहत बिजली, सड़क, पानी, पक्का आवास, राशन कार्ड, स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र आदि की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

UPCM ने कहा कि इन ग्रामों में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाने का काम कर रही है। इसके तहत उन्हें क्राफ्ट, पशुपालन, दोना-पत्तल बनाने, सब्जी उगाने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान कर स्वावलम्बी बनाया जाएगा। साथ ही देश की रक्षा में शहीद हुए सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों के सैनिकों के ग्रामों को शहीद ग्राम घोषित किया जाएगा और गांव में बनने वाले सम्पर्क मार्ग को ‘गौरव पथ’ कहा जाएगा। इसके अलावा, ग्राम्य विकास विभाग उस गांव में ‘तोरण द्वार’ तथा शहीद की मूर्ति भी स्थापित करेगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में UPCM ने कहा कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश सरकार ने तेजी से आवास बनाकर जरूरतमन्दों को मुहैया कराने का काम किया है। इसके तहत लगभग 8 लाख 85 हजार आवास अल्प समय में बनाये गए हैं। यह आवास बिना किसी भेदभाव के गरीब जनता को प्रदान किए जा रहे हैं। विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि UPCM के नेतृत्व में प्रदेश को एक नई गति मिली है। पहले उत्तर प्रदेश की पहचान एक प्रश्न प्रदेश के रूप में हो गई थी। लेकिन वर्तमान सरकार के गठन के बाद उत्तर प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति की ओर बढ़ रहा है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि UPCM के नेतृत्व में गांवों का विकास तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मनरेगा के तहत प्रदेश में सबसे अच्छा हो रहा है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए मजदूरों का भुगतान आधार कार्ड को लिंक कराकर किया जा रहा है।

इस अवसर पर UPCM ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लाभार्थियों को सांकेतिक ‘गृह प्रवेश कुंजी’ उपलब्ध करायी। साथ ही, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं सामुदायिक निवेश निधि के तहत अच्छे कार्य करने हेतु 20 ग्राम संगठन एवं 10 सहायता समूहों को 51 लाख रुपये का चेक प्रदान किया। कला आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाली महिलाओं को ‘उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका प्रेरणा’ प्रशस्ति पत्र भी दिए।

‘मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना के माध्यम से प्रदेश के ऐसे पिछड़े राजस्व ग्रामों (मजरे, पुरवे, टोले-बसावट सहित) में अवस्थापना लाभार्थीपरक व विकास योजनाओं को प्राथमिकता पर आच्छादित कर समेकित एवं स्थायी विकास की आवश्यकता की पूर्ति हेतु लागू की गई है। इसके तहत 17 कार्यदायी विभागों द्वारा 24 कार्यक्रमों को संचालित किया जाएगा, जिसमें ग्रामीण विद्युतीकरण, स्वच्छ भारत मिशन, उच्च प्राथमिक विद्यालय की स्थापना, आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना, कौशल विकास कार्यक्रम, तालाबों का जीर्णाेद्धार जैसे कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। बुनियादी सुविधाओं से वंचित पिछड़े राजस्व ग्रामों के साथ-साथ उनके मजरे, पुरवे, टोले-बसावटों एवं प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र (अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय), जहां समाज के वंचित वर्ग के लोग अधिसंख्य में निवास करते हों, ऐसे ग्रामों को योजना के तहत चयनित किया जाएगा।

इसके अलावा, आदिवासी-जनजाति बाहुल्य वाले ग्राम तथा विशेषकर वनटांगिया, मुसहर एवं थारू वर्गाें के ग्राम, ऐसे अत्यधिक पिछड़े ग्राम-बस्तियां, जो सम्पर्क मार्ग, विद्युतीकरण, पेयजल, ग्राम के अन्दर खड़ंजा, नाली निर्माण, कल्याणकारी लाभार्थीपरक योजनाओं एवं कौशल विकास आदि बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। देश की रक्षा में शहीद हुए सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों के सैनिकों के ग्राम तथा भौगोलिक संरचना की दृष्टि से विषम परिस्थितियों से घिरे अति पिछड़े ग्राम भी इस योजना में शामिल किए जाएंगे।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, सचिव ग्राम्य विकास सुधेश कुमार ओझा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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