UPCM ने इण्डियन विमेन आर्टिज़न्स अवध फेस्टिवल-2018 का शुभारम्भ किया

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने अवध शिल्प ग्राम में फिक्की लेडीज़ आॅर्गेनाइजेशन के लखनऊ-कानपुर चैप्टर द्वारा पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित (इण्डियन विमेन आर्टिज़न्स अवध फेस्टिवल-2018) में व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश असीमित सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। यहां के प्रत्येक जनपद में कोई न कोई सम्भावना मौजूद है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए अवध शिल्प ग्राम प्रभावी प्लेटफाॅर्म है। इस कार्यक्रम में शिरकत करने से पूर्व, अपनी लखीमपुर यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लखीमपुर में थारू वर्ग की महिलाओं ने जूट का प्रयोग करते हुए आकर्षक और उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया। ऐसे विशिष्ट उत्पादों को यदि बाजार मिल जाए, तो इन उत्पादों के निर्माण से जुड़ी महिलाओं की आर्थिक दशा में काफी सुधार हो सकता है।
UPCM ने कहा कि थारू महिलाओं को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से उन्हें ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना से जोड़ते हुए अवध शिल्प ग्राम में जगह दी गयी है। ऐसे प्रयास उनके कौशल प्रदर्शन के प्रभावशाली मन्च साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिक्की फ्लो उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। रेडीमेड गारमेण्ट के अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में थाईलैण्ड और बंग्लादेश के आधिपत्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य में इन देशों की महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस माॅडल को उत्तर प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता है। इसके लिए महिला स्वयंसेवी समूह बनाने होंगे, जो अपने-अपने जनपदों के विशिष्ट उत्पादों के निर्माण में उत्कृष्टता लाते हुए, उन्हें बाजार में हाथोंहाथ बिकने के काबिल बना सकें। यह महिला स्वयंसेवी समूह परम्परागत उत्पादों को बढ़ावा देंगे, तो उन्हें काफी लाभ होगा।
UPCM ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाये गये स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यद्यपि पूरे देश को स्वच्छ बनाते हुए लोगों का स्वास्थ्य सुधारने का है, तथापि कूड़े की भी उपयोगिता है। कूड़े के सही प्रबन्धन से रोजगार के अवसर सृजित किये जा सकते हैं। कूड़े को कूड़ा न समझते हुए इसका सही ढंग से शोधन करते हुए इसमें से कागज, लोहा इत्यादि जैसी वस्तुओं को अलग कर इनसे रिसाइक्लिंग के माध्यम से नये उत्पाद बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में कूड़ा ATM स्थापित की गयी है, जिसमें कूड़ा डालने के एवज़ में पैसे मिलते हैं। अर्थात कूड़े से भी रोजगार और धन कमाने के अवसर पैदा किये जा सकते हैं। पूजा या सजावट में इस्तेमाल होने वाले फूलों का उपयोग इत्र बनाने में किया जा सकता है।
UPCM ने कहा कि राज्य सरकार व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से प्रदेश के 60 हजार गांवों में स्टार्टअप स्थापित करने की दिशा में काम करेगी, इससे महिलाओं को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन स्टार्टअप के स्थापित होने के उपरान्त रोजगार के बड़े अवसर सृजित होने की सम्भावना है।
UPCM ने फिक्की लेडीज आॅर्गेनाइज़ेशन द्वारा किये जा रहे कार्याें की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ के माध्यम से महिला हस्तशिल्पियों को बढ़ावा देते हुए उनके लिए रोजगार के नये अवसर पैदा कर सकती है। इससे इन महिलाओं के जीवन में सम्पन्नता तो आएगी ही, साथ ही उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आएगा। सरकार प्रगतिशील संस्थाओं के साथ हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तत्पर है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि फिक्की फ्लो ने महिला हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने का काम किया है। उत्तर प्रदेश कुटीर उद्योगों में अग्रणी राज्य है। हस्तशिल्प में भी यह अन्य राज्यों से आगे है। भारत से निर्यात होने वाले हस्तशिल्पों में से 40 प्रतिशत उत्तर प्रदेश से होते हैं। ऐसे उत्पादों के निर्माण में महिलाओं की बड़ी भागीदारी होती है। कुशल जनशक्ति में महिलाओं के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से राज्य सरकार महिलाओं को हर प्रकार का सहयोग देगी।
कार्यक्रम का शुभारम्भ UPCM ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने महिला हस्तशिल्पियों तथा फिक्की फ्लो की पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया। फिक्की फ्लो की ओर से UPCM को प्रशस्ति-पत्र भेंट किया गया। कार्यक्रम को फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय अध्यक्ष वासवी भरतराम और फिक्की फ्लो की लखनऊ-कानपुर चैप्टर की सीनियर वाइस चेयरपर्सन रेणुका टण्डन ने भी सम्बोधित किया।