UPCM ने गोरखपुर महोत्सव का किया समापन
उत्तर प्रदेश।
UPCM आदित्यनाथ ने कहा है कि गोरखपुर का महोत्सव केवल किसी एक गांव का महोत्सव न होकर पूरे गोरखपुर एवं पूर्वांचल का महोत्सव है। इस प्रकार के आयोजन प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी किये जाएंगे और लोगों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक स्थानों पर उत्सव आयोजित किये जाएंगे।
UPCM आज गोरखपुर महोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महोत्सव में विरासत के साथ-साथ विकास का भी प्रदर्शन होना चाहिए। साथ ही, पुरातन और नूतन का संगम भी। उन्होंने गोरखपुर महोत्सव में इन बातों के समावेश तथा इसके सफल आयोजन की सराहना करते हुए आयोजन समिति को बधाई दी। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इस महोत्सव में समाज के सभी वर्गाें को प्रतिनिधित्व मिला है।
गोरखपुर महोत्सव में पूर्वांचल की विरासत, वहां के गीत, संगीत, कला, संस्कृति और शिल्प का प्रदर्शन किया गया है तथा सरकारी विभागों सहित एन.डी.आर.एफ. द्वारा भी अपनी उपलब्धियां दर्शायी गयी हैं। लगभग 50 हजार छात्र-छात्राओं द्वारा योग, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विज्ञान प्रदर्शनी, नृत्य एवं संगीत जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया गया।
महिलाओं के लिए अलग से प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसी प्रकार श्रृंगवेरपुर में भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि होली में वे स्वयं बरसाना की होली में भाग लेंगे।
रामगढ़ताल में वाॅटर स्पोट्र्स की अपार सम्भावनाएं हैं। यहां शीघ्र ही एक स्पोट्र्स काॅम्प्लेक्स का निर्माण कराया जाएगा। महोत्सव में पैराग्लाइडिंग का भी आयोजन किया गया, जो आधुनिक एडवेंचर स्पोट्र्स का प्रदर्शन है। उन्होंने लोगों को मकर संक्रांति की बधाई देते हुए कहा कि गोरखपुर में गोरक्षनाथ सिद्ध पीठ का अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष योगदान है। वर्षाें से प्रत्येक वर्ष मकर संक्रान्ति पर यहां एक माह का खिचड़ी मेला आयोजित होता है, जिसमें दूर-दूर से लाखों लोग खिचड़ी चढ़ाने आते हैं।
UPCM ने गोरखपुर की 22 विभूतियों को शाॅल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया, जिसमें इतिहास के क्षेत्र से प्रो. शिवाजी सिंह, सेना से बी.पी. शाही, संस्कृत से प्रो. दशरथ द्विवेदी, शास्त्रीय गायन से शरदमणि त्रिपाठी, साहित्य से प्रो. रामदेव शुक्ल, प्रो. कृष्ण चन्द्र लाल, पुरातत्व से कृष्णानन्द तिवारी, सामाजिक कार्य के क्षेत्र में प्रो. यू.पी. सिंह, प्रो. रामअचल सिंह, प्रेम नारायण, सेवा कार्य में प्रदीप, भोजपुरी में रवीन्द्र श्रीवास्तव (जुगानी भाई), चिकित्सा के क्षेत्र में डाॅ. प्रवीन चन्द्रा, वैद्य आत्माराम दूबे, प्रशासनिक क्षेत्र/न्याय क्षेत्र में के.डी. शाही, डाॅ. एल.पी. पाण्डेय, देश दीपक वर्मा (महासचिव राज्यसभा), पर्यावरण के क्षेत्र में गोविंद पाण्डेय, खेल के क्षेत्र में दिवाकर राम, कुमारी प्रीती दुबे, उद्योग के क्षेत्र से चन्द्र प्रकाश अग्रवाल एवं अशोक जालान को सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा के भजनों को सुना और सराहना की। उन्होंने अनूप जलोटा एवं अन्य कलाकारों तथा महोत्सव के थीम-सांग के लेखक विमल बावरा एवं गायक प्रणव सिंह को शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके अलावा, वर्ष 2017 में आयी भयंकर बाढ़ में 28 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने वाले एन.डी.आर.एफ. के डी.आई.जी. आलोक सिंह, कौशलेष राय, डिप्टी कमाण्डेण्ट पी.एल. शर्मा एवं असीम उपाध्याय को सम्मानित किया।
गोरखपुर महोत्सव के दौरान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के द्वारा स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री जी ने अवलोकन किया। प्रमुख सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने चित्र प्रदर्शनी के बारे में UPCM को जानकारी दी। निरीक्षण के उपरान्त विजिटर पुस्तिका में मुख्यमंत्री ने इसे एक बहुत अच्छा प्रयास बताया।
इस अवसर पर UPCM ने प्रो. राजवन्त राव के संरक्षण में प्रकाशित ‘मंथन’ पत्रिका तथा मण्डलायुक्त अनिल कुमार के सम्पादन में प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया। महोत्सव समिति के अध्यक्ष/मण्डलायुक्त अनिल कुमार ने सभी का स्वागत किया। पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी तथा प्रमुख सचिव सूचना एवं पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रदेश के पर्यटन नीति के बारे में जानकारी दी। जिलाधिकारी एवं महोत्सव समिति के उपाध्यक्ष राजीव रौतेला ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी, श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नु कोरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।