UPCM ने कुम्भ 2019 के कार्यों का शिलान्यास और गंगा हरीतिमा अभियान का शुभारम्भ किया
उत्तर प्रदेश।
UPCM ने इलाहाबाद भ्रमण कार्यक्रम के तहत परेड ग्राउण्ड, इलाहाबाद में वन विभाग द्वारा आयोजित ‘गंगा हरीतिमा अभियान’ का शुभारम्भ और कुम्भ-2019 के 156 कार्यों का शिलान्यास किया। जिसमें लोक निर्माण विभाग के 26, सेतु निगम के 1, पावर कारपोरेशन के 5, जल निगम के 8, नगर निगम के 18, स्वास्थ्य विभाग के 8, पुलिस विभाग के 19,. बाढ कार्य के 2, नगर पंचायत झूंसी के 14, एडीए के 44, सड़क परिवहन के 6, पर्यटन विभाग के 4 और एमएनएनआईटी के 1 कार्य सम्मिलित है। जिसकी कुल लागत 68419.66 लाख रुपये है।
गंगा हरीतिमा अभियान का शुभारम्भ किया
UPCM ने आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर तीर्थराज प्रयाग की धरती पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एक अभिनव कार्यक्रम गंगा हरीतिमा अभियान का शुभारम्भ करते हुए हर्ष हो रहा है। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि वन विभाग विगत वर्षो से अपनी एक नयी पहचान बना रहा है, जिसका परिणाम यह है कि विरासत की प्रतीक मां गंगा के संरक्षण के लिए, उसकी अविरलता एवं निर्मलता को बनाये रखने के लिए वन विभाग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा है। यह एक पवित्र अभियान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा ‘नमामि गंगे’ परियोजना प्रारंभ कर गंगा के अवरिलता एवं निर्मलता बनाने का संकल्प लिया है उसी संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए वन विभाग ने गंगा हरीतिमा अभियान को अपने हाथ में लिया है। उन्होंने कहा कि नदियो के दोनो तटों को हरा-भरा रखना होगा। उन्होंने वन विभाग के द्वारा इस अभियान को शुरू करने के लिए वन मंत्री एवं अधिकारियों को बधाई दी।
UPCM ने कहा कि ‘गंगा हरीतिमा अभियान’ गंगा की अविरलता एवं निर्मलता बनाये रखने मे एक निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है। इस निर्णायक भूमिका के लिए आमजन को जोड़ा जायेगा। UPCM ने कहा गंगा हरीतिमा अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्य इस प्रकार से किया जाये कि एक परिवार एक पंचवटी का निर्माण करे तथा गंगा के दोनो तटों पर व्यापक रूप से औषधीय वृक्षों को लगाया जाये। इससे बाढ़ की समस्या नहीं होगी और गंगा की अवरिलता एवं निर्मलता के संकल्प को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में बहने वाली गंगा का अधिकतम भाग उत्तर प्रदेश में है।
गांवों को ODF प्लस करने की तैयारी
UPCM ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ मेला को यूनेस्को ने सांस्कृतिक धरोहर के रूप मे शामिल किया है। उन्होंने कहा कि कुम्भ को इस अभियान से जोड़ते हुए हर वर्ग के लोग, साधु संत इस अभियान से जुडे़ं। उन्होंने कहा कि वन है तो जन है, और जन है तो, जीवन है और जीवन है तो हम सब हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया गया था। 1597 गांवों को खुले मे शौचमुक्त करने में पंचायती राज विभाग सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि इस कड़ी को आगे बढ़ाकर अब ODF प्लस के रूप में विकसित किया जायेगा। गंगा के तटवर्ती नगरों, कस्बों, गांवों को सुन्दर एवं सुव्यवस्थित बनाने के अभियान में लोगों को जुड़ना चाहिए।
अतिथि देवो भवः के अनुरूप श्रद्धालुओं का करें स्वागत
UPCM ने कहा प्रयागराज की धरती पर लगने वाला कुम्भ एक सामाजिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन है। इस आयोजन से सम्बन्धित योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। कुम्भ से सम्बन्धित योजनाओं को सम्बन्धित विभागों के द्वारा माह अक्टूबर 2018 तक पूरा किया जाना है। उन्होंने इस कार्य को करने वाले विभागो को बधाई के साथ शुभकामनायें भी दीं। उन्होंने कहा कि कुम्भ का आयोजन सबके लिए एक भव्य आयोजन होगा। यह आयोजन दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश की एक नयी तस्वीर प्रस्तुत करेगा। प्रयागवासियों के लिए अतिथियों की सेवा करने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास आदि विभाग एक संयुक्त रूप से कुम्भ आयोजन की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं एवं उनकी सुरक्षा सम्बन्धित व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने इस भव्य एवं दिव्य आयोजन मे लोगो का आह्वान किया और कहा कि अतिथि देवो भवः की परंपरा के अनुरूप आगन्तुकों का स्वागत करें।
लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट सड़कों का निर्माण कर रहा
UPCM ने कहा UP_Dy-CM केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग प्रयागराज की धरती के साथ पूरे उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट सड़कों का निर्माण कर रहा है। उसी तरह नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना जी के नेतृत्व में नगर विकास विभाग नगरीय क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के निर्माण के साथ जनता की बुनियादी सुविधाओं को प्रदान करने के लिए निरन्तर कार्य कर रहा है। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि 99 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप मे चुना गया है, जिसमें से उत्तर प्रदेश के 10 शहर सम्मलित हैं और इन 10 शहरों में प्रयागराज की यह धरती भी है, जिसमें कुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की धरती पर आयोजित माघ मेले में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ के नेतृत्व में कुम्भ के दृष्टिगत स्वास्थ्य एवं स्वच्छता सम्बन्धी सफल प्रयोग किया गया। जिससे माघ मेले के समाप्त होने पर मेले में किसी प्रकार की गन्दगी नहीं रही। उन्होंने माघ मेले में की गयी स्वच्छता योजना के लिए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह एवं नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल, जिलाधिकारी सुहास एल.वाई., मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द सहित इस अभियान में लगे अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इसी तरह आगामी कुम्भ में भी स्वच्छता एवं जन सुविधाओं को इसी प्राथमिकता के आधार पर बनाये रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ के नेतृत्व में प्रयागराज की धरती पर हवाई नेटवर्क को स्थापित करते हुए उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों को जोड़ा जा रहा है। इसी तरह जलमार्ग से प्रयागराज को जोड़ने में प्रधानमंत्री के सहयोग से केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं UP_Dy-CM केशव प्रसाद मौर्य ने इस अभियान में जुड़कर कुम्भ आयोजन के पहले जलमार्ग विकसित करने की योजना बनायी है। कुम्भ आयोजन में श्रद्धालुओं के लिए आने के लिए जल मार्ग, सड़क मार्ग एवं वायु मार्ग होगा। हमारा प्रयास है कि कुम्भ आयोजन के समय 6 लाख से अधिक गांवों का प्रतिनिधित्व प्रयागराज की धरती पर होता हुआ दिखायी दे। कम से कम प्रत्येक गांव से चार श्रद्धालु इस आयोजन में आयेंगे तथा 192 देशों के लोगों का प्रतिनिधित्व इस कुम्भ के आयोजन में होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के द्वारा विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं। लगभग 35 करोड़ रुपये की लागत श्रृंगवेरपुर को विकसित कर पयर्टन के रूप मे स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव पर हर व्यक्ति एक वृक्ष लगाये तथा पंचवटी वाटिका, नवग्रह वाटिका तथा अन्य वाटिका के रूप में विकसित कर व्यापक पैमाने पर वृक्ष नदी के तट पर, नगरों में और रिक्त स्थानों पर लगाये जायें।
नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने वन विभाग के द्वारा आयोजित गंगा हरीतिमा अभियान की प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत वृक्षारोपण का जो कार्य किया जाये उसके लिए सम्बन्धित विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि आगामी कुम्भ आयोजन के लिए विभिन्न योजनाओं का शुभारम्भ किया गया, जिसे कुम्भ के पूर्व पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ आयोजन देश का ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के आकर्षण का केन्द्र है। इस आयोजन में प्रयागवासियों को यहां आने वाले लोगों का स्वागत करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि कुम्भ में किये जाने वाले कार्यों को माघ मेले मंे रिर्हसल के रूप में सफल प्रयोग किया गया है। नगर में जनता से सम्बन्धित आधारभूत सुविधायें सुव्यवस्थित रहे, यह हमारी प्राथमिकता है। आदर्श नगर पंचायत बनाकर वहां पर मूलभूत सुविधायें दी जा रही हैं और वेंडर्स पाॅलिसी भी लायी गयी है।
कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने का कार्य किया जाता है। योजनाओं का लाभ पात्र आदमी तक पहुंचे, राज्य सरकार इसके लिए निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं को सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में गंगा हरीतिमा अभियान भी है।
कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चैहान ने कहा कि गंगा हरीतिमा अभियान के तहत गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने का किया जायेगा। उन्होने कहा कि गंगा का विस्तार उत्तर प्रदेश में अधिक है। उन्होने कहा कि गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने तथा वन संरक्षण का संदेश दे रहे गुमनाम लोगो को UPCM द्वारा सम्मानित गंगा सेवक के रूप में सम्मानित किया गया है। वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि इस अभियान के तहत वृहत वृक्षारोपण का कार्य किया जायेगा। उन्होने लोगांे से अपील की कि अपने घर पैदा होने वाले बच्चे के जन्म पर एक वृक्ष लगाने का संकल्प लिया जाये, जिससे वृक्षारोपण के अभियान को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा आवासहीनों को आवास दिये गये हैं।
UPCM ने गंगा हरीतिमा अभियान का शुभारम्भ दीप प्रजज्वलित कर किया। कार्यक्रम में गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करने वाले लोगों को सम्मानित करते हुए उन्हें शाॅल, प्रशस्ति-पत्र भेंट स्वरूप प्रदान किये। उन्होंने स्कूल चलो अभियान के तहत छात्रो को स्कूल बैग भी वितरित किये। गंगा की सेवा करने वाले प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से चयनित व्यक्तियों के उत्कृष्ट सेवा के लिए UPCM ने प्रशस्ति पत्र एवं शाल दिया और कहा कि गंगा की सेवा एक पुनीत कार्य है और इन वाॅलिंटियर्स से लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
ज्ञातव्य है कि गंगा के किनारे स्थित 11 मण्डलों के 27 जनपदों – बुलन्दशहर, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, कासगंज, बिजनौर, सम्भल, अमरोहा, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, फर्रूखाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, चन्दौली, इलाहाबाद, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, भदोही, मिर्जापुर, गाजीपुर, वाराणसी तथा बलिया के अन्तर्गत प्रदेश में गंगा हरीतिमा अभियान गंगा नदी के दोनों ओर तटीय क्षेत्रों में जन-जागरूकता, जन-सहभागिता तथा सरकारी विभागों के माध्यम से सघन वृक्षारोपण, स्वच्छता, मृदा एवं जल संरक्षण तथा प्रदूषण की रोकथाम की जा रही है। गंगा हरीतिमा अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु वन एवं वन्य जीव विभाग तथा 12 अन्य राजकीय विभागों- पंचायती राज विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, संस्कृति, बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग, महिला कल्याण विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, सिंचाई विभाग तथा आयुष विभाग के दायित्व निर्धारित किए गए हैं। गंगा हरीतिमा अभियान के सफल संचालन, मार्ग दर्शन, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु विभिन्न समितियां गठित की गई हैं। अभियान का समग्र रूप से मार्गदर्शन करने तथा अभियान के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा व अनुश्रवण करने के लिये मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में शीर्ष स्तर समिति गठित की गई है। इस शीर्ष समिति में सम्बन्धित विभाग के माननीय मंत्रिगण एवं माननीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार सदस्य हैं। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उत्तर प्रदेश गंगा समिति के माध्यम से गंगा हरीतिमा अभियान का राज्य स्तरीय नियोजन एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। विभिन्न जनपदों में सम्बन्धित जिलाधिकारियों की अघ्यक्षता में गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति के माध्यम से गंगा हरीतिमा अभियान से सम्बन्धित समस्त गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। गंगा हरीतिमा अभियान से सम्बन्धित गतिविधियों का आयोजन किये जाने हेतु ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में गठित ग्राम गंगा सेवा समितियों के निर्देशन में किया जा रहा है। अभियान के अन्तर्गत गंगा नदी के जल ग्रहण क्षेत्र एवं गंगा नदी के दोनों ओर एक किलोमीटर की सीमा में वन, सामुदायिक, कृषि, सार्वजनिक एवं निजी आदि भूमि चिन्हित कर सम्बन्धित विभागों के माध्यम से वृक्षारोपण कराया जा रहा है।
गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों में वानस्पतिक आच्छादन बढ़ाने एवं मृदाक्षरण को रोकने हेतु वृहद स्तर पर पौधरोपण किया जाये, गंगा नदी के दोनों ओर तटीय क्षेत्रों में एक कि.मी. की चैड़ाई एवं आवश्यकतानुसार जनपद के अन्य क्षेत्रों में सघन रूप से स्वच्छता एवं साफ-सफाई सुनिश्चित होनी चाहिए, नदी का कटान रोकने हेतु मृदा एवं जल संरक्षण तथा लाभार्थीपरक योजनाओं से इन गांवों में समग्र विकास सुनिश्चित करने संबंधित कार्यवाही की जानी चाहिए, नदी की पारिस्थितिकी एवं जैव-विविधता में समृद्धि हेतु गतिविधियों का चिन्हांकन एवं उनके क्रियान्वयन में सरकारी विभागों एवं स्थानीय जन समुदाय की सहभागिता व जनजागरण होना चाहिए, पर्यावरण हितैषी एवं किसानों की आय में वृद्धि हेतु कृषि पद्धतियोंध्जैविक खेती को अपनाने हेतु जन-जागरण, नदी में प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान एवं उनकी रोकथाम हेतु उपाय व जन-जागरण, नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में जल संग्रहण हेतु उपाय एवं जन-जागरूकता, गंगा हरीतिमा अभियान को सफल बनाने के लिये 12 अन्य राजकीय विभागो का दायित्व होगा कि वे गंगा क्षेत्र में पड़ने वाले समस्त ग्रामों में अपने विभागीय कार्यो का क्रियान्वयन इस प्रकार करे कि इन ग्रामों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। स्वयं सेवी संस्थाओं को भी कार्यक्रम में वृहद रूप से जोड़ा जा रहा है। “एक व्यक्ति एक वृक्ष“ योजना में रोपण करने हेतु कृषकों को प्रेरित किया जा रहा है तथा ऐसे कार्यक्रम में जुड़ने वाले निजी व्यक्तियों को “गंगा सेवक“ बैज, प्रमाण-पत्र, कैप वितरित किये जा रहे हैं। निजी संस्थाओं, संस्थानों को कार्यक्रम में जोड़ते हुए उनके माध्यम से भी वृक्षारोपण कराया जा रहा है। इस अभियान में किये गये वृक्षारोपणों से कार्बन आफ सेटिंग तथा सर्टीफाइड कार्बन एमीशन रेशियो प्राप्त किये जा रहे है। इस अभियान में ईको क्लब के माध्यम से विद्यार्थियों की भागीदारी प्राप्त की जा रही है। गंगा नदी के किनारे स्थित 27 जनपदों में निजी पौधषालाओं को वृक्षारोपण अभियान में वृहद रूप से जोड़ा जा रहा है।
UPCM द्वारा गंगा हरीतिमा अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रति समर्पित एवं गंगा नदी को स्वच्छ बनाने एवं वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता उत्पन्न करने में अभिनव प्रयास करने वाले 49 महानुभावों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर UPCM द्वारा एक प्रगतिशील कृषक को भी पुरस्कृत किया गया।
गंगा हरीतिमा अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर UPCM द्वारा विश्व प्रसिद्ध फोटो ग्राफर, फिल्म निर्माता एवं प्रदेश के इको टूरिज्म के ब्रान्ड एम्बेसडर माईक पाण्डे द्वारा तैयार किए गए गंगा चलचित्र का लोकार्पण किया गया। अल्प समय में तैयार किया गया यह 07 मिनट की अवधि का चलचित्र गंगा को स्वच्छ बनाने एवं तटों को हरा-भरा रखने का सशक्त संदेश देता है। फिल्म में राष्ट्रीय नदी गंगा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई हैं एवं गंगा की निर्मलता व अविरलता बनाये रखने में निःस्वार्थ भाव से योगदान देने वाले महानुभावों के कार्यों को दर्शाया गया है।
गंगा गीतों के संकलन का विमोचन
UPCM द्वारा गंगा गीतों के संकलन का विमोचन किया गया। UPCM द्वारा उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा प्रकाशित गंगा के किनारे की प्राचीन वनस्पतियां एवं डाॅ. महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा लिखित राम वनगमन पथ की वनस्पतियां नामक पुस्तकों का विमोचन किया गया।
गंगा के किनारे की प्राचीन वनस्पतियां नामक इस पुस्तक में गंगा के किनारे पाई जाने वाली 18 झाड़ी प्रजातियों, 16 शाक व घास प्रजातियों एवं 71 वृक्ष प्रजातियों का सचित्र विवरण दिया गया है। प्राचीन काल में गंगा के किनारे पाई जाने वाली रक्त चन्दन व चन्दन जैसी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रजातियां वर्तमान में न केवल गंगा तट से अपितु सम्पूर्ण उत्तर भारत से विलुप्त होकर मात्र दक्षिण भारत तक ही सीमित रह गई है। एक समय गंगा नदी के किनारे व भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ा कृष्णवट एवं तमाल व सुपारी जैसी प्रजातियां आज प्रदेश में दुर्लभ हो गई हंै। राम वनगमन पथ की वनस्पतियाँ नामक पुस्तक को सात खण्डो – अयोध्या से प्रयाग, प्रयाग से चित्रकूट, चित्रकूट से दण्डकारण्य, दण्डकारण्य से पंचवटी, पंचवटी से किश्किन्धा, किश्किन्धा से सेतुबन्ध एवं श्रीलंका में बांटा गया है। प्रत्येक खण्ड में उस क्षेत्र की तत्कालीन प्रजातियों का उल्लेख है।